न्यायपालिका लड़ रही आपस में हर बार
वही फैसला हो रहा जो चाहे सरकार
जो चाहे सरकार बात अब नहीं सुहाती
संविधान की यह अनदेखी किसको भाती
उच्च और सर्वोच्च में होती है तकरार
स्थिति ऐसी ही यहां बनती बारम्बार।
न्यायपालिका लड़ रही आपस में हर बार
वही फैसला हो रहा जो चाहे सरकार
जो चाहे सरकार बात अब नहीं सुहाती
संविधान की यह अनदेखी किसको भाती
उच्च और सर्वोच्च में होती है तकरार
स्थिति ऐसी ही यहां बनती बारम्बार।