इंका में अब हो गया एक विभाजन तय
अनुशासन के नाम पर लोकतंत्र का क्षय
लोकतंत्र का क्षय नहीं यह रीति सुहाई
कर्म किसी का और सजा औरों ने पाई
वर्तमान परिवेश में जब चुनाव आसन्न
निष्कासन के कदम से बड़े-बड़े हैं सन्न।
इंका में अब हो गया एक विभाजन तय
अनुशासन के नाम पर लोकतंत्र का क्षय
लोकतंत्र का क्षय नहीं यह रीति सुहाई
कर्म किसी का और सजा औरों ने पाई
वर्तमान परिवेश में जब चुनाव आसन्न
निष्कासन के कदम से बड़े-बड़े हैं सन्न।