तेजी से है बढ़ रहा हिंसा का व्यापार

Update:1993-05-03 21:35 IST

तेजी से है बढ़ रहा हिंसा का व्यापार



मानव बम के  रूप में मिला नया औजार



मिला नया औजार हिंसा अस्त्र हो रही



मानवता की सब परिभाषा ध्वस्त हो रही



मानव बौना हो गया बढ़ते अत्याचार



कैसी है यह त्रासदी, कैसा है व्यवहार।

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