शेखर कहते राव से क्यों न आई शर्म

Update:1993-05-16 21:49 IST

शेखर कहते राव से क्यों न आई शर्म



तटस्थता अभियान से आहत हुआ न मर्म



आहत हुआ न मर्म शर्म से झुका न माथा



बिगड़ा है इतिहास बनी एक विकृत गाथा



एक बड़े जनतंत्र में न्याय हुआ अपदस्थ



भारत के  नायक प्रथम बनते रहे तटस्थ।

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