इस्तीफे देने पड़े सबको देर सबेर
क्योंकि करते रहे हैं हरदम की अंधेर
हरदम की अंधेर न समझी जिम्मेदारी
करते रहे अनर्थ अर्थ हित मारामारी
पद से उठ पाता नहीं ऊंचा अब इंसान
क्यों गिरवीं रख दिया उसने आज ईमान।
इस्तीफे देने पड़े सबको देर सबेर
क्योंकि करते रहे हैं हरदम की अंधेर
हरदम की अंधेर न समझी जिम्मेदारी
करते रहे अनर्थ अर्थ हित मारामारी
पद से उठ पाता नहीं ऊंचा अब इंसान
क्यों गिरवीं रख दिया उसने आज ईमान।