रहे समय यदि चेतती, नहीं के न्द्र सरकार

Update:1993-05-19 21:54 IST

रहे समय यदि चेतती, नहीं के न्द्र सरकार



करे-धरे हो जाएंगे उपक्रम सब बेकार



उपक्रम सब बेकार विदेशी जाल फैल जाएगा



फंस जाएगा अर्थतंत्र फिर निकल नहीं पाएगा



आज विश्व व्यापार में भारत बदले नीति



सोचे राष्ट्र हितार्थ अब छोड़ छद््म से प्रीति।

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