सत्ता में होने लगा धर्म न्याय का खेल
बलि-बेदी पर चढ़ रहा लोकतंत्र का मेल
लोकतंत्र का मेल, लोक है क्षीण हो रहा
गुंडों के खातिर है शासन नीड़ हो रहा
अपने-अपने स्वार्थ में करते सब संधान
अर्जुन के कुछ तीर हों या राव की तनी कमान।
सत्ता में होने लगा धर्म न्याय का खेल
बलि-बेदी पर चढ़ रहा लोकतंत्र का मेल
लोकतंत्र का मेल, लोक है क्षीण हो रहा
गुंडों के खातिर है शासन नीड़ हो रहा
अपने-अपने स्वार्थ में करते सब संधान
अर्जुन के कुछ तीर हों या राव की तनी कमान।