हर युवा को रोजगार देना सरकार का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए। भारत की स्थायी समृद्धि स्वदेश और स्वरोजगार से ही संभव है। यह कहते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामाशीष राय ने बीमा क्षेत्र को विदेशी कंपनियों के खोले जाने पर चिंता जतायी। महिलाओं के आरक्षण के समर्थक श्री राय आगामी 12 जनवरी से 23 जनवरी तक कलकत्ता (सुभाष चंद्र बोस की जन्मस्थली) से कटक तक की पदयात्रा करके युवाओं को एक ऐसी चेतना जगाने का काम शुरू करना चाहते हैं, जिससे युवा पीढ़ी पश्चिम की संस्कृति ड्रग, डंास और ड्रिंक के कुप्रभावों से बचने के लिए स्वयं उठ सके ।
देश के नीति निर्माण में युवाओं के रचनात्मक कार्यक्रमों की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध श्री राय शैक्षणिक कैलेण्डर की जरूरत पर बल देते हैं। अभी हाल में चार राज्यों में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव परिणाम में भाजपा की पराजय के लिए हुए मंहगाई पार्टी के भितरघात को ही जिम्मेदार मानते हैं। परंतु यह भी कहते हैं कि राजनीति में वास्तविकता इतना महत्वपूर्ण नहीं होती है। जितनी जनता की धारणा। हम वास्तविकता को धारण में कनवर्ट नहीं कर पाये। भाजपा संगठन सरकार और युवाओं से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष से हुई बातचीत के अंशः-
-देखिए, कुछ विरोध तो हमेशा रहेगा ही। भाजपा एक राजनीतिक संगठन है। राजनीतिक संगठन की अपनी प्रतिबद्धताएं और जरूरतें होती हैं लेकिन जहां तक स्वदेशी का सवाल है, मैं उसका प्रबल पक्षधर हूं। इस मुद्दे पर कोई वैचारिक अंतर होना नहीं चाहिए। इसे लेकर यदि सरकार के समक्ष कोई चुनौती आ रही है तो तात्कालिक रूप से कुछ नुकसान उठाते हुए भी दूरगामी लक्ष्य के लिए स्वदेशी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। क्योंकि स्वदेशी से ही देश की स्थायी समृद्धि संभव है।
-भारतीय जीवन बीमा निगम और स्वदेशी बीमा कंपनियां बेहतर ढंग से काम कर रही हैं। देश की आर्थिक संरचना में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में हमारी बीमा कंपनियों की भूमिका सराहनीय रही है। विदेशी कंपनियां यहां व्यापार करने आएंगी और यह व्यापार लाभ के अनुबंध के तहत करेंगी। विदेशी बीमा कंपनियों का इतिहास लुटेरों का रहा है। हमें इतिहास से सबक लेना चाहिए।
-हर नागरिक को रोजगार के अवसर प्राप्त हों यह सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। इसके लिए सरकार को नीति और नियोजन दोनों स्तरों पर कार्य करते रहना जरूरी है। चूंकि देश की संरचना और समस्याएं ऐसी हैं कि रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने का लक्ष्य अभी दूर नजर आ रहा है। फिर भी युवाओं को सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी देकर उन योजनाओं के लिए प्रशिक्षित करके रोजगार मुहैया कराने के अवसर बढ़ाये जाने चाहिए।
-महिलाओं को आरक्षण दिया जाना उचित है। परंतु आरक्षण के भीतर आरक्षण और आरक्षण के कुल प्रतिशत जैसे सवालों पर गहराई से सोचा जाना चाहिए। आरक्षण को राजनीतिक हथियार बनाने से रोकने की दिशा में काम किया जाना चाहिए।
-चुनाव में पराजय के पीछे मुख्य मुद्दा मंहगाई था। हमारी यह भी कमजोरी थी कि हम अपनी सरकार की उपलब्धियों को आम जनता तक पहुंचा नहीं पाए। हम देश की एकता व अखंडता के सामने विदेशी ताकतों द्वारा खड़ी की जा रही चुनौतियों से भी जनता को अवगत नहीं करा पाए। कुछ जगहों पर भितरघात के भी शिकार हुए। छानबे के बाद से ही गैर भाजपा धु्रवीकरण ने हमें नुकसान पहुंचाया। परंतु हमारे लिए अच्छे संके त ये हैं कि गैर भाजपा धु्रवीकरण में कई पार्टियों ने अपना आकार और अस्तित्व खोया। अब कांग्रेस और भाजपा जैसी राजनीतिक पार्टियां अस्तित्व में रहेंगी। इस बात के संके त गैर भाजपा धु्रवीकरण से हमें मिले।
-देखिए, सरकार ने कुछ नहीं किया। इससे मैं सहमत हूं। हां जब सरकार को मंहगाई से निपटना चाहिए था तो सरकार अमरीका द्वारा देश के अर्थतंत्र को ध्वस्त करने आईएसआई द्वारा पूरे देश में हिंसा और आतंक फैलाने की साजिशों से दो-चार हो रही थी। तात्कालिक रूप से इससे निपटना जरूरी था। इसके परिणामस्वरूप आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि करने में कुछ जमाखोर सफल हो गये।
-ज्यों ही सरकार ने ध्यान दिया। मूल्यों में बेतहाशा कमी आयी है। अभी आवश्यक वस्तुओं के मूल्य और भी गिरेंगे। आजकल खाद के अभाव की बात कही जा रही है। सच यह है कि डीएपी का उत्पादन दो लाख टन इस वर्ष कम हुआ है। क्योंकि पिछली सरकार ने पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध नहीं कराया था।
-देखिए, प्रदेश में विकास नहीं हो रहा है। मैं निजी तौर पर इससे सहमत नहीं हूं। हां विकास की गति उतनी तेज नहीं है तो इसका सच यह है कि पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है। फिर भी उत्तर प्रदेश हिन्दुस्तान का पहला प्रदेश है, जिसने पांचवें वेतन आयोग के आधार पर कर्मचारियों/अधिकारियों को वेतन दिया। उत्तर प्रदेश में विकास जिस गति से हो रहा है, सरकार को अपना कार्यकाल पूरा करने दीजिए। यह प्रदेश गुजरात, कर्नाटक की बराबरी कर लेगा।
युवाओं का आह्वान करने के लिए कलकत्ता से कटक तक की पदयात्रा आगामी 12 से 23 जनवरी के बीच में करके प्रचंड लोक युवा शक्ति की रचनात्मकता को भी सार्थक दिशा प्रदान किया जाएगा। भाजयुमो अपनी इस पदयात्रा का विस्तार राज्यों और जिलों में भी युवा प्रतीकों के जन्मदिन पर पूरे प्रदेश में आयोजित करेगी। युवाओं पर यह गंभीर जिम्मेदारी है कि वे राजनीतिज्ञों व राजनीति के प्रति पैदा हो रही अनास्था को दूर करने की दिशा में रचनात्मक पहल करें। वैसेे इसकी शुरूआत भाजयुमो अपनी पदयात्रा से करने जा रहा है। युवाओं पर बढ़ रहे पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से वे दुःखी हैं। वे मानते हैं कि इसके लिए भी अंतर्राष्ट्रीय ताकतें काम कर रही हैं। तभी तो क्लबों के माध्यम से ड्रग, डांस और ड्रिंक्स की अंधेरी गुफा मंे ढके ला जा रहा है। भाजयुमो युवा पीढ़ी को इस त्रिजाल में फंसने से रोकने के लिए भी कार्यक्रम चलाएगी।
देश के नीति निर्माण में युवाओं के रचनात्मक कार्यक्रमों की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध श्री राय शैक्षणिक कैलेण्डर की जरूरत पर बल देते हैं। अभी हाल में चार राज्यों में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव परिणाम में भाजपा की पराजय के लिए हुए मंहगाई पार्टी के भितरघात को ही जिम्मेदार मानते हैं। परंतु यह भी कहते हैं कि राजनीति में वास्तविकता इतना महत्वपूर्ण नहीं होती है। जितनी जनता की धारणा। हम वास्तविकता को धारण में कनवर्ट नहीं कर पाये। भाजपा संगठन सरकार और युवाओं से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष से हुई बातचीत के अंशः-
- बीजेपी बनाम आरएसएस का विवाद आज गहराता जा रहा है, जिसके मूल में स्वदेशी की विचारधारा है। इस पर आपकी क्या राय है?
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-देखिए, कुछ विरोध तो हमेशा रहेगा ही। भाजपा एक राजनीतिक संगठन है। राजनीतिक संगठन की अपनी प्रतिबद्धताएं और जरूरतें होती हैं लेकिन जहां तक स्वदेशी का सवाल है, मैं उसका प्रबल पक्षधर हूं। इस मुद्दे पर कोई वैचारिक अंतर होना नहीं चाहिए। इसे लेकर यदि सरकार के समक्ष कोई चुनौती आ रही है तो तात्कालिक रूप से कुछ नुकसान उठाते हुए भी दूरगामी लक्ष्य के लिए स्वदेशी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। क्योंकि स्वदेशी से ही देश की स्थायी समृद्धि संभव है।
- बीमा के क्षेत्र में विदेशी कंपनियों के प्रवेश के सवाल पर आपकी क्या राय है। क्या भाजयुमो विदेशी कंपनियों के प्रवेश को रोकने के लिए कोई धरना-प्रदर्शन करेगा?
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-भारतीय जीवन बीमा निगम और स्वदेशी बीमा कंपनियां बेहतर ढंग से काम कर रही हैं। देश की आर्थिक संरचना में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में हमारी बीमा कंपनियों की भूमिका सराहनीय रही है। विदेशी कंपनियां यहां व्यापार करने आएंगी और यह व्यापार लाभ के अनुबंध के तहत करेंगी। विदेशी बीमा कंपनियों का इतिहास लुटेरों का रहा है। हमें इतिहास से सबक लेना चाहिए।
- रोजगार के मौलिक अधिकार के बारे में आपकी क्या राय है?
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-हर नागरिक को रोजगार के अवसर प्राप्त हों यह सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। इसके लिए सरकार को नीति और नियोजन दोनों स्तरों पर कार्य करते रहना जरूरी है। चूंकि देश की संरचना और समस्याएं ऐसी हैं कि रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने का लक्ष्य अभी दूर नजर आ रहा है। फिर भी युवाओं को सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी देकर उन योजनाओं के लिए प्रशिक्षित करके रोजगार मुहैया कराने के अवसर बढ़ाये जाने चाहिए।
- संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को तंैतीस फीसदी आरक्षण दिये जाने के बारे में आप क्या सोंचते हैं?
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-महिलाओं को आरक्षण दिया जाना उचित है। परंतु आरक्षण के भीतर आरक्षण और आरक्षण के कुल प्रतिशत जैसे सवालों पर गहराई से सोचा जाना चाहिए। आरक्षण को राजनीतिक हथियार बनाने से रोकने की दिशा में काम किया जाना चाहिए।
- अभी हाल में सम्पन्न हुए चार राज्यों के चुनाव परिणाम को किस नजरिये से देखते हैं। भाजपा की पराजय के लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं?
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-चुनाव में पराजय के पीछे मुख्य मुद्दा मंहगाई था। हमारी यह भी कमजोरी थी कि हम अपनी सरकार की उपलब्धियों को आम जनता तक पहुंचा नहीं पाए। हम देश की एकता व अखंडता के सामने विदेशी ताकतों द्वारा खड़ी की जा रही चुनौतियों से भी जनता को अवगत नहीं करा पाए। कुछ जगहों पर भितरघात के भी शिकार हुए। छानबे के बाद से ही गैर भाजपा धु्रवीकरण ने हमें नुकसान पहुंचाया। परंतु हमारे लिए अच्छे संके त ये हैं कि गैर भाजपा धु्रवीकरण में कई पार्टियों ने अपना आकार और अस्तित्व खोया। अब कांग्रेस और भाजपा जैसी राजनीतिक पार्टियां अस्तित्व में रहेंगी। इस बात के संके त गैर भाजपा धु्रवीकरण से हमें मिले।
- अगर आप यह मानते हैं कि मंहगाई ने सरकार की किरकिरी की, तो उसे रोकने के लिए सरकार ने कुछ क्यों नहीं किया?
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-देखिए, सरकार ने कुछ नहीं किया। इससे मैं सहमत हूं। हां जब सरकार को मंहगाई से निपटना चाहिए था तो सरकार अमरीका द्वारा देश के अर्थतंत्र को ध्वस्त करने आईएसआई द्वारा पूरे देश में हिंसा और आतंक फैलाने की साजिशों से दो-चार हो रही थी। तात्कालिक रूप से इससे निपटना जरूरी था। इसके परिणामस्वरूप आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि करने में कुछ जमाखोर सफल हो गये।
- मानते हैं कि मंहगाई पर नियंत्रण कर लिया जाएगा?
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-ज्यों ही सरकार ने ध्यान दिया। मूल्यों में बेतहाशा कमी आयी है। अभी आवश्यक वस्तुओं के मूल्य और भी गिरेंगे। आजकल खाद के अभाव की बात कही जा रही है। सच यह है कि डीएपी का उत्पादन दो लाख टन इस वर्ष कम हुआ है। क्योंकि पिछली सरकार ने पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध नहीं कराया था।
- प्रदेश सरकार लगातार विवाद में चल रही है आपको क्या लगता है?
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-देखिए, प्रदेश में विकास नहीं हो रहा है। मैं निजी तौर पर इससे सहमत नहीं हूं। हां विकास की गति उतनी तेज नहीं है तो इसका सच यह है कि पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है। फिर भी उत्तर प्रदेश हिन्दुस्तान का पहला प्रदेश है, जिसने पांचवें वेतन आयोग के आधार पर कर्मचारियों/अधिकारियों को वेतन दिया। उत्तर प्रदेश में विकास जिस गति से हो रहा है, सरकार को अपना कार्यकाल पूरा करने दीजिए। यह प्रदेश गुजरात, कर्नाटक की बराबरी कर लेगा।
युवाओं का आह्वान करने के लिए कलकत्ता से कटक तक की पदयात्रा आगामी 12 से 23 जनवरी के बीच में करके प्रचंड लोक युवा शक्ति की रचनात्मकता को भी सार्थक दिशा प्रदान किया जाएगा। भाजयुमो अपनी इस पदयात्रा का विस्तार राज्यों और जिलों में भी युवा प्रतीकों के जन्मदिन पर पूरे प्रदेश में आयोजित करेगी। युवाओं पर यह गंभीर जिम्मेदारी है कि वे राजनीतिज्ञों व राजनीति के प्रति पैदा हो रही अनास्था को दूर करने की दिशा में रचनात्मक पहल करें। वैसेे इसकी शुरूआत भाजयुमो अपनी पदयात्रा से करने जा रहा है। युवाओं पर बढ़ रहे पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से वे दुःखी हैं। वे मानते हैं कि इसके लिए भी अंतर्राष्ट्रीय ताकतें काम कर रही हैं। तभी तो क्लबों के माध्यम से ड्रग, डांस और ड्रिंक्स की अंधेरी गुफा मंे ढके ला जा रहा है। भाजयुमो युवा पीढ़ी को इस त्रिजाल में फंसने से रोकने के लिए भी कार्यक्रम चलाएगी।