लीक से हटकर अखिलेश (कहानीकार)

Update:1999-04-07 15:24 IST
कहानी लेखन की नयी पीढ़ी के  सर्वाधिक चर्चित हस्ताक्षरों में एक। प्रसिद्ध कहानियां-मुक्ति, चिट्ठी, जलडमरू-मध्य, इक्कीसवीं सदी के  प्यारे का रिहर्सल आदि। अपनी साहित्यिक सक्रियता के  लिए प्रशंसित। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित। महत्वपूर्ण पत्रिका ‘तद्भव’ का संपादन।
* सपने देखते हैं?.... और कैसे?
-सपना कौन नहीं देखता है। मैं दिवास्वप्न देखता हूं-अच्छे बुरे दोनों तरह के । खुशफहमी वाले और गलतफहमी वाले दोनों तरह के  सपने देखता हूं। लेकिन सारे सपने गलतफहमी में तब्दील हो जाते हैं।
* सर्वाधिक प्रिय व्यक्ति?
-सर्वाधिक प्रिय तो किसी को नहीं कह सकता।
* प्यार का कोई अनुभव?
-प्यारे का अनुभव क्यों नहीं है। कौन ऐसा है जिसे प्यार का अनुभव नहीं है? शादी के  पहले और शादी के  बाद दोनांे तरह के  प्यार का अनुभव है। शादी के  बाद वाला तो बता सकता हूं-गुड़िया। शादी के  पहले वाला उसी से पूछ लजिए, क्योंकि मेरा एकतरफा प्यार रहा है।
* क्या कभी चोरी की है?
-यही एक अच्छा काम है जिसे नहीं किया।
* पसंदीदा खान-पान?
-जो भी हो अच्छी तरह पका हो।
* सबसे प्रिय पुस्तक?
-मेरी कोई चीज ऐसी नहीं है जिसे सबसे प्रिय कह सकूं। हर चीज में कोई न कोई खोट दिख जाता है। इसलिए मनुष्य, शहर और पुस्तक का कोई माॅडल मेरे सामने नहीं है।
* सबसे प्रिय लेखक?
-सर्वश्रेष्ठ की अवधारणा में मैं अपनी रुचियों की संगति नहीं पाता।
* सबसे सुखद क्षण?
-मेरे लिए वही होता है जब मैं अपन मुश्किल रचना को पूरी कर लेता हूं। सबसे मुश्किल काम मेरे लिए एक परफेक्ट रचना तैयार करना है। जिस तरह की अच्छी रचना की मेरी अवधारणा/पसंद है वैसा अभी तक नहीं कर पाया हूं।
* सबसे दुखद क्षण?
-मुझे लगता है ऐसी कोई बड़ी विपत्ति मेरे जीवन में नहीं है जिसे कह सकूं यह सबसे बड़ा दुख है। वैसे मेरा मूल मिजाज न किसी चीज पर उत्साहित होना है न दुखी होना।
* सबसे प्रिय फिल्म, नायिका और गीत?
-मदर इंडिया, नरगिस, गीता दत्त के  सारे गीत।
* कोई अधूरी इच्छा?
-बहुत सारी अधूरी इच्छाएं हैं। पूरा जीवन अतृप्त इच्छाओं का सिलसिला है।
* जीवन मे ंफिर से जीने को मिले तो!
-जीवन फिर से जीने को मिले तो जो गलतियां हुईं, कमियां रह गयीं उनका सुधार करते हुए जीवन ऐसे ही जीना चाहूंगा।
 

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