Interview: नरेन्द्र मोदी

Update:2006-12-25 21:36 IST
दिनांक: 25.12.2००6
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ भी पूछिए तो जवाब में गुजरात जरूर आ जाएगा। सवालों से कन्नी काटने के लिए भी वे गुजरात पहुँचकर वहां की अपनी सरकार की उप_x008e_िधयों का बखान करते हुए अपनी पीठ थपथपाने लगते हैं। उ_x009e_ार प्रदेश में भाजपा कार्यकारिणी में शिरकत करने आए मोदी से ‘आउटलुक’ साप्ताहिक के विशेष संवाददाता योगेश मिश्र से बातचीत के मुख्य अंश:-
अपनी सरकार के इस बार के चार साल पूरा होने पर आप कैसा महसूस कर रहे हैं?

मुझे जब गुजरात की जनता ने दायित्व दिया तो मैने कहा था कि मेहनत करने में कसर नही रखूंगा। दूसरी बात कही थी कि हो सकता है गलती हो जाये लेकिन बद इरादे से कोई काम नहीं होगा। अब चार साल बाद गुजरात की जनता बताएगी।
यदि आपको दस पूर्णांक दिए जायें तो आप खुद को कितने नंबर देना पसंद करेंगे?

अपनी सरकार और अपनी उपल_x008e_िधयों पर खुद को नंबर देना पसंद नही करूंगा। मुझे खुद का मूल्यांकन नहीं करना चाहिए। आप सब मित्रों को करना चाहिए लेकिन आप करते नही हैं।
आमतौर पर भगवा सरकारों पर आरोप होता है कि वे विकास को अपने एजेंडे में नही रखतीं। आप दोनों में संतुलन किस तरह साधते हैं?

हमारे देश में महात्मा गांधी कहा करते थे कि मुझे भारत का बहुत विकास करना है। लोग पूछते थे मतलब क्या करना चाहते हैं। तो कहते थे कि मैं रामराज्य करना चाहता हूँ। उस जमाने में तो सिर्फ हिंदूत्व ही हिंदूत्व था और वह सबसे विकसित था इसलिए इन दोनों में जो अंतर्विरोध खोज करके दंभी, ढोंगी और इन सांप्रदायिकों की जमात ने जो खेल खेले हैं मेहरबानी करके ‘आउटलुक’ उससे बाहर निकले।
गुजरात में औद्योगिक वातावरण बनाने के लिए आपकी काफी प्रशंसा हुई है?

गुजरात औद्योगिक विकास में आज देश में नंबर एक पर है। रोजगार देने में भी आज देश में नंबर एक है। ग्रामीण रोजगार देने में भी देश में नंबर एक पर है। हम चाहते हैं कि अधिकतम लोगों को रोजगार मिले। हमारा पूरा ध्यान विकास पर इसलिए है ताकि अधिकतम लोगों को रोजगार दिलाया जा सके। मैं गुजरात को दुनिया के विकसित देशों की तुलना में लाकर देखना चाहूँगा। महिला शिक्षा में पहले गुजरात में ड्राप आउट चालीस फीसदी था। आज यह पांच फीसदी रह गया है। तीन साल पहले गुजरात के कृषि उत्पादन की आय नौ हजार करोड़ रूपये थी। आज 34 हजार करोड़ रूपये पहँुच गई है। गुजरात देश का पहला राज्य है जहां 24 घंटे थ्री फेज व्यवधान रहित पावर रहता है। आज हिंदुस्तान के शहरों में भी 24 घंटे बिजली नहीं है। दिल्ली में केंद्र सरकार की नाक के नीचे बिजली नहीं है। गुजरात अकेला प्रदेश है जहां ज्योति ग्राम योजना के मार्फत 24 घंटे बिजली ग्रामवासियों को मुहैया कराई जा रही है। अभी बीते 11 नवंबर को राष्टï्रपति महोदय आए थे उन्होंने इसका लोकार्पण किया। गुजरात के बंदरगाहों का विकास इतनी तेजी से हो रहा है कि केंद्र की रुकावटों के बाद भी गुजरात का समुद्री किनारा समृद्घ भारत का प्रवेश द्वार बनेगा।
 आपके विकास के एजेंडे में सिर्फ उद्योगपति ही हैं या किसान भी कही हैं?

गुजरात में जलसंचय का बहुत बड़ा काम हुआ है। हमारे यहाँ ‘एग्रीकल्चर इनकम’ कभी नौ हजार करोड़ रूपये हुआ करती थी। इन दिनों किसानों की आय 34 हजार करोड़ रूपये है। आंध्र में बीटी काटन होता है। महाराष्टï्र में बीटी काटन होता है। गुजरात में बीटी काटन होता है। लेकिन आंध्र में किसान आत्महत्या करता है। महाराष्टï्र में किसान आत्महत्या करता है। वहाँ उसके घर मौत आती है। गुजरात में बीटी काटन वाले के घर मारूति आती है। गुजरात ने जिस तरह वाटर मैनेजमेंट किया है। आधुनिक खेती का काम किया है। उसका नतीजा यह है कि आज गांवों में किसानों को, वैसे गुजरात एक ऐसा प्रदेश है जहां दस सालों में सात साल पानी की कमी रहती है, वाटर मैनेजमेंट के प्रयासों के कारण भरपूर पानी मिल रहा है।
 फिर भी गुजरात की छवि पर कुछ लोग सवालिया निशान लगाते हैं। क्या वजह है?

मैं ऐसी बातें करने वालों को जानता हूँ। उनके ‘क्रेडेन्सियल’ को जानता हूँ। उनके इरादों को जानता हूँ। मैं ही नहीं, देश भी जानता है।
सरदार सरोवर आपका ड्रीम प्रोजेक्ट है। बड़े विवाद इससे जुड़े हुए हैं। क्या इसे विवादों से छुटकारा मिलेगा?

सरदार सरोवर डैम आगे बढ़ रहा है। 2००6 में 121.92 मीटर इसकी ऊँचाई कर देंगे। 145० मेगावाट बिजली देने का काम भी पूरा कर देंगे।
आप भाजपा के हार्डकोर फ्रंट के लीडर माने जाते हैं। क्या आपको नहीं लगता कि भाजपा का खोया जनाधार लाने के लिए पार्टी को आपकी जरूरत है?


हार्डकोर या जो भी कहना है मीडिया के मित्रों को इजाजत है। लोकतंत्र है। जो चाहे कहें। आनंद लें।
कहा जाता है कि आप भाजपा के अध्यक्ष बनाये जाने वाले थे लेकिन गुजरात से बाहर निकलना आपको गंवारा नहीं है?

पता नही कहां से मेरे दोस्त यह सब बताने आप तक पहुँच जाते हैं। मेरे तक क्यों नही आते।
आप पिछले विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश और महाराष्टï्र प्रचार के लिए गये थे। उ_x009e_ार प्रदेश के आगामी चुनाव में आप अपनी क्या भूमिका देखते हैं?

देखिये मैं मूलत: संगठन का कार्यकर्ता रहा हूँ। इन सारे सवालों के जवाब संगठन के जो मुखिया रहते हैं वही देते हैं। जो ये योजनायें करते हैं। जिनके जिम्मे यह दायित्व है। यह सवाल उनसे पूछेंगे तो उचित रहेगा।
उ_x009e_ार प्रदेश में पार्टी चुनाव के लिए एक बार फिर हिंदुत्व को आजमाना चाह रही है। ऐसे में क्या पार्टी कहेगी तो आप उ_x009e_ार प्रदेश आएंगे?

कौन कहां जाएगा। किन मुद्ïदों पर जाएगा। इन सारे सवालों के जवाब इस सारी व्यवस्था का जिनके पास जिम्मा है वो ही अधिकृत रूप से आपको बतायेंगे।
 बीस दिन पहले ही गोधरा दंगा पीडि़तों के पुनर्वास को लेकर गैर भाजपा दलों के सांसदों ने आपके खिलाफ रिपोर्ट दी है। आपकी क्या राय है?

मैंने पहले दिन से कहा है अगर 1984 को आधार बना करके भारत सरकार कोई पैकेज देना चाहती है तो मेरा आग्रह है कि 1984 से लेकर अब तक जितनी भी घटनाएं घटी हैं उन सब लोगों को वह मुआवजा मिलना चाहिए। इतना ही मेरा कहना है।
गुजरात में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में मुद्ïदे क्या होंगे?

चुनाव आएगा तो मुद्ïदे मैं सीधे जनता को बताऊँगा।
आप तो उन नेताओं में शुमार किये जाते हैं जो मुद्ïदे पहले से सेट कर लेते हैं?

मुद्ïदे बनाने नहीं पड़ते। मुद्ïदे होते हैं। वह जनता को बताये जाते हैं। सरकारें निरंतर प्रक्रिया हैं जनसेवा का। विकास के काम पर लगी रहती हैं। मेरा काम है जनता को हिसाब देना।
क्या आपको नहीं लगता कि भाजपा अपने एजेंडे से भटक गई है?

(सवाल का माकूल जवाब देने की जगह टालकर बोले) गुजराती एक ग्लोबल कम्यूनिटी है। हंसी मजाक में कहा जा सकता है कि अमेरिका की सेकेंड लैंग्वेज गुजराती ही है। गुजराती विश्व भर में फैले हैं। जिन्होंने गुजरात की उदार मन छवि बनाई है। यही वजह है कि विश्व भर के लोग गुजरात में निवेश करने आ रहे हैं।
आप कह रहे हैं गुजराती अमेरिका में सेकेंड लैंग्वेज है। लेकिन अमेरिका ने आपको वहाँ का वीजा देने से मना कर दिया?

एक प्रकार से इस बात का जवाब हंसी-मजाक में यूँ देता हूँ। सुनना चाहेंगे-लोग कहते हैं कि सारी दुनिया अमेरिका से डरती है लेकिन मुझे जब वीजा नहीं दिया तो लोग सोचने लगे कि शायद यह अमेरिका किसी एक इंसान से भी डरता है।
अमेरिका ने आपका वीजा कैंसिल किया था। वहां बहुत गुजराती हैं। अब हालात कैसे हैं? आपके जाने की कोई गुंजाइश है क्या?

मैं विदेशमंत्री नहीं हूँ जो दुनिया के किस देश का क्या हाल है वह मैं देख लूँ। मैं गुजरात का मुख्यमंत्री हूँ। मैं गुजरात के विकास के काम में लगा हूँ और विश्व भर में फैले मेरे गुजराती भाई बहनों को गुजरात के साथ जोडऩे का लगातार प्रयास कर रहा हूँ।
राजनाथ सिंह जब उप्र के मुख्यमंत्री बनकर आए तो भाजपा एक नंबर पर थी। उनके रहते चुनाव हुआ तो पार्टी तीसरे नंबर पर चली गई फिर राजनाथ राष्टï्रीय अध्यक्ष हैं, पार्टी चुनाव में जा रही है। आपकी क्या राय है?

(सवाल से कन्नी काटते हुए बोलने लगे) पिछले हफ्ïते गुजरात में दस हजार पंचायतों के चुनाव हुए हैं। गुजरात सरकार ने एक योजना रखी थी समरस गांव। कांग्रेस पार्टी ने कहा था हम एक भी गांव को ऐसा नहीं होने देंगे। हम उम्मीदवार खड़ा करेंगे लेकिन इस योजना को सफल नही होने देंगे। 28 प्रतिशत गांव निर्विरोध हुए हैं। 45 प्रतिशत वार्ड निर्विरोध हुये। 75 सौ पर भाजपा विजयी हुई है। सूरत के अंदर बाढ़ आई थी। तो आप सब मित्रों ने हवा फैलाई थी कि सूरत की बाढ़ के कारण मोदी सरकार खतरे में वगैरह, वगैरह। उसी सूरत के बिल्कुल बगल में कनकपुर कंसार करके नगर पालिका है उसका चुनाव हुआ। जो स्थान भी बाढ़ के समय पानी में था। 21 में से 21 सीटें भाजपा को प्राप्त हुई।
फिर भी गुजरात की छवि पर लगातार सवाल उठते हंै। वहाँ की बात आती है तो दंगे का जिक्र आता है। कभी आपको तकलीफ होती है?

आप जैसे मित्रों को देखता हूँ तो चिंता बहुत कम रहती है। देखता हूँ। आनंद लेता हूँ।
गुजरात में एस्सार ग्रुप ने पावर प्लांट को लेकर बिजली महकमे को बारह सौ करोड़ रूपये का चूना लगाया है। गुजरात इलेक्ट्रिीसिटी बोर्ड ने सिफारिश की है कि इनके खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा दायर होना चाहिए। पर, सरकारी आशीर्वाद के चलते इनका कुछ हो नहीं पा रहा है। क्या आप कोई कार्रवाई करेंगे?

मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट में है।
कहा जाता है कि आप कुछ विशेष उद्योगपतियों-एस्सार, अडानी, अंबानी, टोरंटो आदि को ही प्रोटेक्ट कर रहे हैं। जिसके चलते छोटे और मझोले उद्योगपतियों को आपकी सरकार का जो संरक्षण मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है। इसकी क्या वजह है?

‘आउटलुक’ का क्या एजेंडा है मुझे मालूम नहीं। लेकिन मेरे प्रदेश में विरोधी दल ने भी कभी ऐसे आरोप नहीं लगाये जो सवाल आप पूछ रहे हैं। इसलिए आपके पेट में कोई पीड़ा होती हो तो उसकी दवा मेरे पास नहीं है।
गुजरात के बाद क्या कभी दिल्ली भी आयेंगेे?

लखनऊ से तो मैं सीधे गांधीनगर जाऊँगा। गुजरात में विकास दर तेजी से बढ़ी है। गुजरात आइये। विकास देखिये। प्रगति देखिये। हो सकता है आप मीडिया के मित्रों के मार्फत हमारा यह माडल देश के काम आ जाए। देश का भला हो जाए।
-योगेश मिश्र

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