दिनाँक: 13.11.2००7
मायावती सरकार ने छह माह पूरे किये हैं। आपकी नजर में उपल_x008e_िधयाँ क्या हैं?
जनता ने बहुत उम्मीदें की थीं। लेकिन हमें अफसोस है कि प्रशासनिक पद्घति में अंतर नहीं आया है। हालात बुरे हो गये हैं। किसानों की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कानून व्यवस्था के मसले पर पहले जैसा ही है। हमारे लिए दुख का विषय यह है कि यह सरकार इन मुद्ïदों पर चिंतित नहीं है। वह जन आंकाक्षाओं के अनुकूल काम नहीं कर रही है।
मुलायम और मायावती सरकार के बीच में आप क्या अंतर पाती हैं?
मुझे कोई अंतर नहीं लगता। उसी तरह का कुशासन, भ्रष्टïाचार, कानून विहीनता सब कुछ पहले सरीखा ही है।
इन हालातों में कांग्रेस की क्या भूमिका होगी?
हम एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभायेंगे। जनसमस्याओं को और उठायेंगे। पाँच वर्ष के लिए इस सरकार को जनता ने चुना है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि सरकार जब-जब जनसमस्याओं से दूर खड़ी दिखे, जनआकांक्षाओं पर खरी उतरती न दिखे, तब-तब हम उसे चेतायें।
ब्राम्हण बसपा के साथ बताए जाते हैं। कांग्रेस के पक्ष में ब्राम्हणों को कैसे लायेंगी?
मुझे ब्राम्हण होने पर गर्व है। लेकिन हमारी पार्टी जाति और संप्रदाय की संकीर्ण राजनीति को महत्व नहीं देती। वह हर वर्ग के विकास और राष्टï्रहित की राजनीति करती है।
पिछले विस चुनाव में राहुल का करिश्मा फेल हुआ। अभी क्या उम्मीद बची है?
बिल्कुल गलत। राहुल जी के दौरों से कांग्रेस के पक्ष में व्यापक जनसमर्थन उमड़ा लेकिन सांगठनिक खामियों से हम उसे वोट में त_x008e_दील न कर सके। राहुल जी की प्रतिभा, ऊर्जा और नेतृत्व को लेकर जनता में बेहद आस्था और आशा का संचार है। राहुल जी का नेतृत्व देश के लिए युगांतकारी साबित होगा।
-योगेश मिश्र
मायावती सरकार ने छह माह पूरे किये हैं। आपकी नजर में उपल_x008e_िधयाँ क्या हैं?
जनता ने बहुत उम्मीदें की थीं। लेकिन हमें अफसोस है कि प्रशासनिक पद्घति में अंतर नहीं आया है। हालात बुरे हो गये हैं। किसानों की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कानून व्यवस्था के मसले पर पहले जैसा ही है। हमारे लिए दुख का विषय यह है कि यह सरकार इन मुद्ïदों पर चिंतित नहीं है। वह जन आंकाक्षाओं के अनुकूल काम नहीं कर रही है।
मुलायम और मायावती सरकार के बीच में आप क्या अंतर पाती हैं?
मुझे कोई अंतर नहीं लगता। उसी तरह का कुशासन, भ्रष्टïाचार, कानून विहीनता सब कुछ पहले सरीखा ही है।
इन हालातों में कांग्रेस की क्या भूमिका होगी?
हम एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभायेंगे। जनसमस्याओं को और उठायेंगे। पाँच वर्ष के लिए इस सरकार को जनता ने चुना है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि सरकार जब-जब जनसमस्याओं से दूर खड़ी दिखे, जनआकांक्षाओं पर खरी उतरती न दिखे, तब-तब हम उसे चेतायें।
ब्राम्हण बसपा के साथ बताए जाते हैं। कांग्रेस के पक्ष में ब्राम्हणों को कैसे लायेंगी?
मुझे ब्राम्हण होने पर गर्व है। लेकिन हमारी पार्टी जाति और संप्रदाय की संकीर्ण राजनीति को महत्व नहीं देती। वह हर वर्ग के विकास और राष्टï्रहित की राजनीति करती है।
पिछले विस चुनाव में राहुल का करिश्मा फेल हुआ। अभी क्या उम्मीद बची है?
बिल्कुल गलत। राहुल जी के दौरों से कांग्रेस के पक्ष में व्यापक जनसमर्थन उमड़ा लेकिन सांगठनिक खामियों से हम उसे वोट में त_x008e_दील न कर सके। राहुल जी की प्रतिभा, ऊर्जा और नेतृत्व को लेकर जनता में बेहद आस्था और आशा का संचार है। राहुल जी का नेतृत्व देश के लिए युगांतकारी साबित होगा।
-योगेश मिश्र