दिनाँक: 15.०1.2००8
मिलकर देते हैं आवाज,
बहना को मुबारकबाद।
राष्टï्रीय पर्वों पर राष्टï्रभक्ति गीतों की तर्ज पर पूरे लखनऊ में मकर संक्रांति के ‘मंगल’ दिन दलितों की बेटी मायावती को जन्मदिन की शुभकामनायें देती हुई यह आवाज तकरीबन हर चौराहों और दलित प्रेरणा स्थलों पर मद्घिम-मद्घिम गूंज रही थी। जन्मदिन के जश्र के लिए बहना के भाई आनंद ने अपने मुंबई के दोस्तों के मार्फत गायक सोनू निगम, कैलाश खेर, उदित नारायण, रोशन प्रिंस, जावेद अली की आवाज में ‘बहन कुमारी मायावती’ कैसेट एक महीने की मेहनत और मशक्कत के बाद तैयार कराया था। दलित अस्मिता, मायावती के जीवन के गौरव पथ और शुभकामनाओं से पटे हुये इस कैसेट के गीत महेश शुक्ला और गुलाम किवरिया ने लिखे हैं। हालांकि दूसरी ओर बहुजन समाज के अनुयायियों और कार्यकर्ताओं ने भी मिलकर अपनी बहन के लिए ‘बहन मायावती जरूरी है’ आडियो कैसेट जारी किया। बसपाई कलाकार अंजनी उपाध्याय और उसके साथियों की छोटी सी मेहनत के इस बड़े कारनामे ने भी ‘ब्राम्हण बहुजन की बनी थ्योरी है, बहन मायावती जरूरी है। प्रेक्टिकल करके हम दिखा देंगे। नाद और वेद में न दूरी है’ कम धूम नहीं मचायी। हालांकि मुख्यमंत्री आवास के जश्र में मुंबई के बड़े कलाकारों के स्वर ही थिरक रहे थे। नीली झंडियों और बधाई पोस्टरों से पटे लखनऊ में तकरीबन तीन दर्जन से अधिक बने तोरणद्वार बहुजन कुंभ की स्मृति दिला रहे थे। दलित आस्था से संबंधित शहर के स्मारकों पर लोगों की आवाजाही और गहमा-गहमी, प्ररेणास्थल पर घूमने आये लोगों के गर्वीले तेज बयां कर रहे थे कि बहुजन से सर्वजन की यात्रा में दलित की बेटी पर दौलत के जो भी आरोप लगते हों, वह सबके सब बेबुनियाद और साजिश हैं। मायावती भी हर बार इसे ही कहती हैं। बहुजन समाज पार्टी के प्रेरणास्थल पर घूमने आये कुछ लोगों ने कई सवालों पर सिर्फ यह कहकर खामोशी ओढ़ ली, ‘‘तमाम लोग मकर संक्रांति के दिन इलाहाबाद नहाने गये हैं। जैसे उनके लिए आज का दिन खास है। वैसे हमारे लिये।’’ बहुजन समाज के प्रतीक पुरूषों और मायावती की विभिन्न मुद्राओं वाली तस्वीरों और होर्डिंग्स के मार्फत अनुयायियों और समर्थकों का अपना नाम दर्ज करा लेने की कोशिश बयां कर रही थी कि स_x009e_ाा के आसपास रहने और परिक्रमा के ‘गुण’ अब इस दल में भी जगह बना चुके हैं। तभी तो कहीं बहनजी को साक्षात्कार दुर्गा स्वरूप बताया जा रहा था तो कहीं आदिशक्ति की तरह शक्तिशाली जताकर उनकी प्रशंसा में गीत गाये जा रहे थे। तो सडक़ पर चलते हुये लोगों का झुंड आते हुए लोगों की कतार देखकर मुट्ïिठयां भींच बोल उठता था, ‘‘बाबा तेरा मिशन अधूरा, मायावती करेंगी पूरा’’ दलित चेतना के सभी प्रतीक स्थल और प्रतीक पुरूषों को बाकायदे झालरों से सजाया गया था। इनकी सजावट का खुद मुख्यमंत्री मायावती ने जन्मदिन के एक दिन पहले वाली रात को ही मुआयना कर लिया था। जन्मदिन वाले जश्र के पहले और बाद पूरे दिन प्रतीक पुरूष और प्रतीक स्थल दलित चेतना के रथ को आगे बढ़ा रहीं मायावती की बाट जोहते-जोहते थक गये। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में आमतौर पर क्रीम और गुलाबी रंग के वस्त्रों में अपने अनुयायियों, समर्थकों के सामने अवतरित होने वाली मायावती पहली दफा अपने जन्मदिन पर नारंगी सिल्क पर सुनहरे तारों वाले कामदार सलवार कुर्ते में सजी-धजी हीरे जडि़त हार पहने अपने अफसरों के साथ उतरीं। तो दिव्य और भव्य विशेषण भी बौने लगने लगे थे। दलित चेतना के संदेशों और राज्य के निवासियों के लिए ढेर सारी सौगातों का पिटारा खोलने के पहले एकदम पाश्चात्य शैली में ‘हैप्पी बर्थडे टू यू’ के बीच तकरीबन दस किलो का केक काट मायावती ने अपनी जिंदगी के 53वें साल में प्रवेश करने के लिए आसपास खड़े तलबगार अफसरों और कर्मचारियों की शुभकामनायें भी बटोंरी।
-योगेश मिश्र