सत्ता अनिवार्य रूप से भ्रष्टï करती है। और अपरमित सत्ता अपरमित रूप से भ्रष्टï करती है। यानि की माया सरकार ने गठन के बाद यह संकेत देने की चाहे जितनी कोशिशें की हैं कि उसने कार्यकर्ताओं और मंत्रियों को इस कहावत को झूठलाने लायक बना लिया है। पर जमीनी हकीकत कहावत को फिर से सच ही बताती नजर आती है। पूर्ववर्ती मुलायम सरकार की तरह ही माया के मंत्रिपरिषद के तमाम मंत्री अराजकता और भ्रष्टïाचार के आरोपों से घिरे नजर आ रहे हैं। जिस तरह सपाईयों के आतंक से लोग निजाते पाना चाहने लगे थे। कुछ उसी राह में बससाई मंत्री और विधायक भी चलते नजर आने लगें हैं।
कबीना मंत्री जुमना निषाद, आनंद सेन, विधायक गुड्ु पंडित के साथ ही साथ राज्य में बसपा सरकार बनते ही अपने सांसद उमाकांत यादव को आजमगढ़ के पलियामाफी में फिरोज अहमद के मकान व दुकान पर बुलडोजर चलवाने चलते मुख्यमंत्री आवास से जेल भेजवा कर मायावती ने यह संदेश साफ कर दिया था कि उनके राज में जनता जनार्दन की अहमियत उनके द्वारा चुने गए ‘माननीयों’ से कम नहीं होगी। पर एक साल बीतते बीतते यह संदेश अपना अर्थ खोता जा रहा है। वह सब कुछ करते हुए माननीय दिखने लगे हैं जो मुलायम राज में होता था। इनको मिले दंड के बाद भी लगता है यह सिलसिला रूका नहीं है।
यही वजह है कि राज्य की मुखिया के कानून के राज के दावे को उनके मंत्री व कार्यकर्ता ही तार-तार कर रहे हैं। जाति की राजनीति चमकाने के चक्कर में बुरे फंसे राज्यमंत्री जमुना निषाद जेल की हवा खा रहे हैं। बेलगाम होने वालों की फेहरिश्त में राज्यमंत्री का दर्जा हासिल देव नारायण उर्फ जीएम सिंह भी शामिल हैं। जीएम सिंह पर पिछले दिनों यह आरोप लगा कि उन्हें दो लडक़ों को बेवजह बलात्कार के आरोप में फंसाया है। सियासी रंग लेने के बाद लडक़ी की डाक्टरी के बाद साफ हुआ कि उसने राज्यमंत्री के दबाव में लडक़ों को बलात्कार के मामले में फंसाया था। हालांकि जीएम सिंह का कहना है,‘‘लड़कियां हमारे क्षेत्र की थीं। उन्होंने आपबीती सुनाई तो मैने पैरवी की।’’ गोरखपुर के मंडल प्रभारी निमैष मंगल पर कुशीनगर की एक महिला ने पार्टी फोरम के समक्ष रो रोकर गंभीर आरोप लगाए थे। बीते सप्ताह निमैष की मंडल प्रभारी के पद से छुट्ïटी कर दी गई है। कई महकमे के मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी का कहना है, ‘‘महिला के आरोपों की जांच की जा रही है, दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।’’ जबकि मंगल का कहना है, ‘‘कोई राह चलती महिला आरोप लगा दे तो मुझे कुध नहीं कहना। पार्टी फोरम के सामने जो सफाई देनी थी मैने दे दी है।’’ राज्यमंत्री सदल प्रसाद के भाई विद्यासागर उर्फ छोटू पर स_x009e_ाा का नशा तब दिखा जब उन्होंने दो दर्जन से अधिक गुंडों के साथ बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता जितेंद्र कौशिक को उनके ही कार्यालय में बुरी तरह पीटा। जितेंद्र कौशिक ने विद्या सागर और हरि गोविंद यादव के नाम कैण्ट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मंत्री के भाई का कहना है, ‘‘लिपिक ने मंत्री के लिए अपशब्द कहे थे।’’ खादी ग्रामोद्योग मंत्री ओमवती के पति और बसपा के बिजनौर से भावी उम्मीदवार आरके सिंह के पति का दिल सत्तारवाला गांव के शौकतअली और मकसूद अली की 53 बीघा जमीन पर इस कदर आया है कि गांव वाले दहशत में हैं। आरके सिंह अपनी बात रखते हुए जारी एक प्रेसनोट में कहा है, ‘‘यह निराधार है। हकीम शौकत अली की मृत्यु के बाद यह जमीन उनके बेटे इकबाल को ट्रांसफर हुई। इकबाल की मृत्यु के बाद इकबाल की अविवाहित बहन खुर्शीद जहां के नाम आयी जिन्होंने मुझे लिखा है।’’ समाज कल्याण मंत्री इंद्रजीत सरोज पर उन्हीं की पार्टी की विधायक पूजा पाल का खुला आरोप है, ‘‘पार्टी के एक बड़े नेता हमारी छवि खराब करने में लगे हैं।’’ गौरतलब है कि 28 मई को इलाहाबाद के प्रीतमनगर वासी परवेज के अपहरण की रिपोर्ट बहुत समय तक नहीं लिखी गयी। समाज कल्याण मंत्री के हस्तक्षेप से मुख्यमंत्री मायावती से मुलाकात के बाद डीजीपी ने रपट दर्ज करने का आदेश दिया। इस मामले में पूजा पाल के समर्थकों पर संदेह की सुई घूम रही थी। अब पूजा पाल अपनी छवि बिगाडऩे के आरोप मंत्री के सिर मढ़ रही हैं। कृषि मंत्री चौधरी लक्ष्मी नरायन से किसना देवी अपनी जान का खतरा बता रही हैं। किसना के मुताबिक, ‘‘चुनाव ड्ïयूटी के दौरान फर्जी वोटिंग न डालने के नाते मंत्री नाराज हैं और उन्होंने हमें मारा पीटा। उनके प्रभाव में गांव का कोई आदमी बचाने नहीं आया।’’ जबकि मंत्री कहते हैं, ‘‘इस प्रकरण से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मैं इस महिला को नहीं जानता। हमारे परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है।’’ हरियाणा के ट्रांसपोर्ट सीताराम रोड लाइंस के मालिक चंद्रभान पर विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर और परिवहन मंत्री रामअचल राजभर इस कदर मेहरबान हुए कि उनके ट्रकों की राज्य में चेकिंग न हो इस आशय का चंद्रभान के आवेदन-पत्र पर आदेश करते हुए फरमान जारी कर दिया। ‘आउटलुक’ साप्ताहिक के पास अपनी रोड लाइंस के ट्रकों को निजात देने वाले इस पत्र की प्रति उपलब्ध है। ‘आउटलुक’ साप्ताहिक के हाथ लगे दस्तावेज के बावत विधानसभा अध्यक्ष ने पहले तो अपने दस्तखत होने से ही इंकार किया लेकिन बाद में अपने कार्यालय पहुँचकर अपने प्रमुख सचिव राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने अपने दस्तखत की पहचान कराने की कोशिश की। पहले तो सब कुछ फर्जी दस्तखत होने और मामले की जाँच कराने की बात कहकर रफा-दफा कराने की कोशिश हुई लेकिन बाद में डिस्पैच रजिस्टर से इस बात की पुष्टिï हुई कि चंद्रभान के आवेदन-पत्र को विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर ने परिवहन मंत्री को अग्रसारित किया था। परिवहन मंत्री ने भी इस मामले को पहले तो खारिज करने की कोशिश की, ‘‘नहीं-नहीं कोई ऐसा मामला हो ही नहीं सकता।’’ लेकिन जब उन्हें दस्तावेज दिखाए गए तो परिवहन मंत्री रामअचल राजभर बोले, ‘‘मैं देखवा लेता हूँ। मैं इसे आज ही देखवा लेता हूँ। मुझे संज्ञान में नहीं है।’’
बसपा के आजमगढ़ मंडल प्रभारी गोरख प्रसाद की पत्नी राजकुमारी देवी को महिला आयोग का सदस्य हैं। उनकी पुत्रवधू ने अपने सास ससुर पर लखनऊ के गाजीपुर थाने में दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा दर्ज कराया है। जबकि गोरखप्रसाद का कहना है,‘‘ बहू बेवजह आरोप मेंरे राजनीति कद को घटाने के लिए यह सब कर रही है।’’ जबकि राजकुमारी देवी कहती हैं, ‘‘एफआईआर में दर्ज कहानी मनगढंत है। असलियत में लडक़ी गलत है।’’ हरदोई में बसपा के मंत्री रामपाल वर्मा और विधायक वीरेंद्र वर्मा के समर्थक टैक्सी स्टैंड कब्जे को लेकर भिड़े तो जमकर गोलियां चलीं। तो कानपुर नगर की पुलिस के दस्तावेज में डी-2 गैंग के सदस्य के रूप में दर्ज सऊद अख्तर द्वारा गलत ढंगे से लिए गए असलहा लाइंसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई जिला प्रशासन ने जारी की तो राज्यमंत्री अकबर हुसैन और सहकारिया मंत्री व राज्य इकाई के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य दोनों ने खत लिख कर उसको लाइसेंस दिए जाने की सिफारिश की। आउटलुक साप्ताहिक के पास दोनों चिठ्ठियां हैं। हालांकि इस बावत दोनो मंत्रियों ने कहा, ‘‘तथ्यों को छिपाकर हमें धोखे में रखा गया। हकीकत पता चलने पर स्वयं मैंने लाइसेंस निरस्त करने को कह दिया है।’’ राज्यमंत्री दद्ïदन मिश्र की अगुवाई में 12 जुलाई ०7 को धन्नीडीह गांव में एक समुदाय के लोगों का घर जलाने और औरतों के साथ साथियों द्वारा दुराचार के आरोप लगे। यहां तक कि जिस लडक़ी के अपहरण की वजह से घटना हुई, प्राथमिकी दर्ज कराने वाले उसके पिता के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया और मंत्री को क्लीन चिट दे दी गयी।
आय से अधिक संपत्ति की सीबीआई जांच कराने के मुतल्लिक ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के खिलाफ हाईकोर्ट इलाहाबाद में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। पर जिसने यह याचिका दायर की है उसके खिलाफ 9 फरवरी को दलित उत्पीडऩ और 9 जून को बलवा करने का मुकदमा दर्ज कराया गया। याचिकाकर्ता दिनेश शर्मा ने मुकदमा वापस लेने के लिए पुलिस की धमकी का टेप हाईकोर्ट में इस्तेमाल भी किया। मंत्री की हनक का ही नतीजा है कि 3०7 की एक घटना में एसपी काशीनाथ सिंह ने निष्पक्ष जांच करानी चाही तो तीन दिन में एसपी को हाथरस छोडऩा पड़ा। कैलाश मंदिर के सामने लाइफ इंश्योरेन्स कारपोरेशन के मालिकाना हक की 25०० वर्ग मीटर जमीन पर चहारदीवारी बना आशीष शर्मा की संपत्ति होने का दावा करता हुआ एक बोर्ड लगा दिया गया है। आशीष शर्मा रामवीर उपाध्याय के मुख्य चुनाव अभिकर्ता रहे हंै। देश भर में विख्यात हरि हाई हास्पिटल पर भी मंत्री की नजर हैं। स्थानीय विधायक हास्पिटल का संरक्षक होता है। पर 18 नंवबर 2००7 में चुनाव दिखाकर एक समानान्तर कमेटी गठित की गयी। कमेटी में पत्नी सीमा उपाध्याय और विनोद उपाध्याय को पद बांट दिये। मंत्री का पक्ष जानने के लिए तीन बार उनके यहां संदेश छोड़ा गया पर वे बात करने को तैयार नही हैं। कर निबंधन मंत्री नंद गोपाल ‘नन्दी’ के खिलाफ तुषार कुमार मुखर्जी की ओर से एसएसपी इलाहाबाद को इस आशय का शिकायती पत्र दिया गया है कि मंत्री का भाई कृष्ण गोपाल उनके रामबाग स्थित आवास पर जबरन काबिज होना चाहता है। ‘आउटलुक’ साप्ताहिक के पास 1० मई, 2००8 की तारीख में एसएसपी और कई अधिकारियों द्वारा मार्क की हुई पत्र की छायाप्रति उपलब्ध है।
मंत्री ही नहीं उनके पुत्रों के कारनामों से भी सरकार की कम किरकिरी नहीं हुई है। परिवहन मंत्री राम अचल राजभर के पुत्र संजय राजभर एक अधिवक्ता के साथ दुव्र्यवहार की वजह से विवाद के केंद्र में रहे। मंत्री लालजी वर्मा के पुत्र विकास वर्मा ने अपने साथियों के साथ इब्राहिमपुर थाने के बड़ागांव स्वास्थ्य केदं्र की एएनएम उर्मिला उपाध्याय के पुत्र गौरव को मारा पीट कर नाम कमाया। इसकी लिखित तहरीर इब्राहिमपुर थाने में दी गई है। पुलिस ने मंत्री के बेटे का नाम हटाने के बाद ही मामला दर्ज किया। तीसरे मंत्री धर्मराज निषाद अपने ही कारनामों की वजह से चर्चा में हैं। लोनिवि टेण्डर के दौरान उनके माफियाओं से रिश्ते उजागर हुए। पुलिस कप्तान ओपी सागर को इस मामले में बीच बचाव करना पड़ा। बाद में पुलिस को मंत्री के चहेते ठेकेदार और बर्खास्त सिपाही अजय सिंह के पूरे गिरोह को चिन्हित करना पड़ा। राज्यमंत्री रतनलाल अहिरवार के बेटे पर निर्दोष लोगों पर गोली चलाने का आरोप कुछ इस तरह चस्पा है कि सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सरकार से मांग कर डााली, ‘‘रतनलाल अहिरवार को तत्काल बर्खास्त किया जाये।’’बीते नोएडा के कासना इलाकेमें हुए तिहरे हत्याकांड में नामजद आरोपी होमगार्ड मंत्री वेदराम भाटी के पुत्र रविंद्र भाटी को पुलिस ने फरार घोषित करते हुए उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी। बीते 15 अप्रैल को एक मंत्री पुत्र ने न्यायालय से एक बंदी को पुलिस वैन के बजाय अपनी गाड़ी से कारागार पहुंचाकर पिता के रूतबे का अहसास कराया।
वाणिज्य कर मंत्री नुकूल दुबे ने एक विधेयक को लेकर सदन में सरकार की बहुत किरकिरी कराई। तैयारी करके न आने के चलते विधेयक को एक घंटे रोककर पास करना पड़ा। खेलमंत्री अयोध्या प्रसाद पाल एक सवाल पर इस कदर फंसे कि सरकार की स्थिति ही हास्यास्पद हो गई। मंत्री यह नहीं बता पाए कि उनकी सरकार ने किन-किन खिलाडियों को पुरस्कृत किया है। उन्हें नाम तक नहीं याद थे। यही नहीं फायरिंग के एक मामले में फतेहपुर की अदालत ने इस खेल मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल को बीते 19 जुलाई को फरार घोषित कर कुर्की के आदेश तक दे डाले। पर यह माननीय उपस्थित होने को तैयार नही हैं। मेरठ जिले के एक नायब तहसीलदार के साथ गरीबी उन्मूलन राज्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह की हाथापाई ने सरकार की इतनी किरकिरी कराई कि जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट तक भेजनी पड़ी। माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र की ‘मनपसंद’ एजेंसी न मिलने की वजह से बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा देने की योजना दो माह पहले टेंडर हो जाने के बाद भी फाइलों से आगे नहीं निकल पाई है। दवा खरीद में घोटाला करके अकूत धन कमाने वाले सीएमओ किसी तरह बसपा का टिकट हासिल कर मंत्री तो बन गए। पर जब मायावती को हकीकत पता चली तो उन्होंने अपने मंत्री रघुनाथ शंखवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि अब यह माननीय मामले को दबाने के लिए डाक्टरों को गोलबंद करने में जुटे हुए हैं। सीतापुर में 37 करोड़ की परियोजना शारदा नहर में बिना टेंडर के तीन-चार गुने से ऊंची दर पर पत्थरों की खरीद-फरोख्त ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को भी कटघरे में खड़ा किया है। यही नहीं, मायावती के खास और सबसे व्यस्त इस मंत्री का ध्यान अपने महकमे के कामकाज पर कितना है। यह उनके लोक निर्माण विभाग के लिए जारी 5००० करोड़ रूपए में से केवल 6०० करोड़ रूपए खर्च होने की स्थिति बयान करती है। समीक्षा बैठक में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ‘‘सरकार ने काम करने की छूट दी लेकिन इसका दुरूपयोग करके अभियंता जेल में बंद माफियाओं की जी हुजूरी कर रहे हैं।’’
यह सब तब है, जब खुद मायावती विधायकों और मंत्रियों की बैठक में हिदायत दे चुकी हैं, ‘‘सरकार की छवि खराब करने वाली जो खबरें आ रही हैं उन्हें गंभीरता से लिया जा रहा है। अपराध के मामले में कोई विधायक या मंत्री शामिल पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा और बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। बसपा में बंदूक की संस्कृति नहीं चलेगी।’’ बावजूद इसके मंत्रियों के सिर से सत्ता का नशा नहीं उतर रहा है। तभी तो किसी मंत्री की सुरक्षा में तैनात सिपाही राम बिहारी सरकारी रिवाल्वर से छात्र अनीस को मौत के मुंह में सुला देता है। तो एक दूसरे मंत्री का चालक हरीशचंद्र किसी पर भी हाथ छोडऩे से बाज नहीं आता। ऊर्जा मंत्री, आवास मंत्री और ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री की गाडिय़ां लोगों को सरेराह रौंद देती हैं। फिर भी पुलिस हाथ बांधे महज इसलिए खड़ी रहती है क्योंकि गाड़ी माननीय की थी। एसएसपी अखिल कुमार इस बात की पुष्टिï भी करते हैं, ‘‘दुर्घटना करने वाली गाड़ी लखनऊ विकास प्राधिकरण के एस्कोर्ट की है जो विभागीय कैबिनेट मंत्री के काफिले में चलती है। हालांकि घटना के वक्त गाड़ी काफिले के साथ नहीं थी।’’
-योगेश मिश्र
साथ में कानपुर से कमलेश त्रिपाठी, बिजनौर से योगेन्द्र सिंह, गोरखपुर से पूर्णिमा, आगरा से मनीष तिवारी, अलीगढ़ से कुलदीप सिंह, फैजाबाद से कृष्ण प्रताप सिंह
नोट:-रवीन्द्र जी, खबर लिखने में मन नहीं लग रहा है। कृपया इसे खुद देख लीजिएगा। वैसे ज्यादातर मामलों में प्राथमिकी है। इस खबर को तीन पेज दे दीजिएगा। फोटो निराला ने भेज दी है।
(योगेश मिश्र)
-स्वामी प्रसाद मौर्या की पत्नी शिवा मौर्या के नाम गाटा संख्या-1335 जमीन की दाखिल खारिज 13.3.2००7 को हुई है जो 1० बीघा 13 बिस्वा है। 5,85,००० मालियत की यह जमीन भोलेश्वर बख्श सिंह निवासी खटोला, तहसील-जाजगीर, बिलासपुर निवासी की थी जिसे मुख्तारनामे के मार्फत श्रीमती लक्ष्मी देवी पत्नी भुवन भास्कर ने रजिस्ट्री की। 7 बीघा, 3० बिस्वा जमीन उत्कृष्टï मौर्या के नाम भी 21.8.2००3 को खाता संख्या-441 के मार्फत तथा गाटा संख्या-11०6 की 16.75 बीघे का फार्म हाउस 13.3.2००7 को स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपने इस बेटे के नाम खरीदा। 6/233 विपुल खंड गोमतीनगर निवासी मंत्री ने ऊंचाहार के पास हजरतगंज तिराहे पर भी विवादित जमीन लेकर मकान का निर्माण करा रहे हैं। बीते 2 जून, 2००8 केा रोडवेज बस के ओवरटेक के चक्कर में ड्राइवर के साथ मारपीट भी हुई।
-मेरठ और सहारनपुर में नसीमुद्दीन सिद्दीकी की प्रापर्टी बताई जाती है। बांदा बाईपास और आउटर के आसपास की जमीन इनके साले मुमताज शकील अमजद और भाई खरीद रहे हैं। मुंबई के एक जहाजरानी कंपनी में नसीमुद्दीन का पैसा लगा हुआ है। मायावती जहां बुंदेलखंड कृषि विवि बना रही हैं उसके आसपास की जमीन इनके लोगों ने खरीद रखी है। सेवड़ा गांव में इंटर कालेज खोलकर सांसद विधायक निधि दिलवा रहे हैं। खत्री पहाड़ में जमीन खरीदकर इनका फार्म हाउस बनाया जा रहा है।
-बाबू सिंह कुशवाहा के अतर्रा स्थित तथागत ज्ञानस्थली इंटर कालेज इस बात का सबूत है कि यह क्या कर रहे हैं। इनके भांजे बबुआ सिंह कुशवाहा दिखाने को तो त्रिवेणी बैंक में हैं पर इनके नाम अकूत संपत्ति है।
कबीना मंत्री जुमना निषाद, आनंद सेन, विधायक गुड्ु पंडित के साथ ही साथ राज्य में बसपा सरकार बनते ही अपने सांसद उमाकांत यादव को आजमगढ़ के पलियामाफी में फिरोज अहमद के मकान व दुकान पर बुलडोजर चलवाने चलते मुख्यमंत्री आवास से जेल भेजवा कर मायावती ने यह संदेश साफ कर दिया था कि उनके राज में जनता जनार्दन की अहमियत उनके द्वारा चुने गए ‘माननीयों’ से कम नहीं होगी। पर एक साल बीतते बीतते यह संदेश अपना अर्थ खोता जा रहा है। वह सब कुछ करते हुए माननीय दिखने लगे हैं जो मुलायम राज में होता था। इनको मिले दंड के बाद भी लगता है यह सिलसिला रूका नहीं है।
यही वजह है कि राज्य की मुखिया के कानून के राज के दावे को उनके मंत्री व कार्यकर्ता ही तार-तार कर रहे हैं। जाति की राजनीति चमकाने के चक्कर में बुरे फंसे राज्यमंत्री जमुना निषाद जेल की हवा खा रहे हैं। बेलगाम होने वालों की फेहरिश्त में राज्यमंत्री का दर्जा हासिल देव नारायण उर्फ जीएम सिंह भी शामिल हैं। जीएम सिंह पर पिछले दिनों यह आरोप लगा कि उन्हें दो लडक़ों को बेवजह बलात्कार के आरोप में फंसाया है। सियासी रंग लेने के बाद लडक़ी की डाक्टरी के बाद साफ हुआ कि उसने राज्यमंत्री के दबाव में लडक़ों को बलात्कार के मामले में फंसाया था। हालांकि जीएम सिंह का कहना है,‘‘लड़कियां हमारे क्षेत्र की थीं। उन्होंने आपबीती सुनाई तो मैने पैरवी की।’’ गोरखपुर के मंडल प्रभारी निमैष मंगल पर कुशीनगर की एक महिला ने पार्टी फोरम के समक्ष रो रोकर गंभीर आरोप लगाए थे। बीते सप्ताह निमैष की मंडल प्रभारी के पद से छुट्ïटी कर दी गई है। कई महकमे के मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी का कहना है, ‘‘महिला के आरोपों की जांच की जा रही है, दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।’’ जबकि मंगल का कहना है, ‘‘कोई राह चलती महिला आरोप लगा दे तो मुझे कुध नहीं कहना। पार्टी फोरम के सामने जो सफाई देनी थी मैने दे दी है।’’ राज्यमंत्री सदल प्रसाद के भाई विद्यासागर उर्फ छोटू पर स_x009e_ाा का नशा तब दिखा जब उन्होंने दो दर्जन से अधिक गुंडों के साथ बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता जितेंद्र कौशिक को उनके ही कार्यालय में बुरी तरह पीटा। जितेंद्र कौशिक ने विद्या सागर और हरि गोविंद यादव के नाम कैण्ट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मंत्री के भाई का कहना है, ‘‘लिपिक ने मंत्री के लिए अपशब्द कहे थे।’’ खादी ग्रामोद्योग मंत्री ओमवती के पति और बसपा के बिजनौर से भावी उम्मीदवार आरके सिंह के पति का दिल सत्तारवाला गांव के शौकतअली और मकसूद अली की 53 बीघा जमीन पर इस कदर आया है कि गांव वाले दहशत में हैं। आरके सिंह अपनी बात रखते हुए जारी एक प्रेसनोट में कहा है, ‘‘यह निराधार है। हकीम शौकत अली की मृत्यु के बाद यह जमीन उनके बेटे इकबाल को ट्रांसफर हुई। इकबाल की मृत्यु के बाद इकबाल की अविवाहित बहन खुर्शीद जहां के नाम आयी जिन्होंने मुझे लिखा है।’’ समाज कल्याण मंत्री इंद्रजीत सरोज पर उन्हीं की पार्टी की विधायक पूजा पाल का खुला आरोप है, ‘‘पार्टी के एक बड़े नेता हमारी छवि खराब करने में लगे हैं।’’ गौरतलब है कि 28 मई को इलाहाबाद के प्रीतमनगर वासी परवेज के अपहरण की रिपोर्ट बहुत समय तक नहीं लिखी गयी। समाज कल्याण मंत्री के हस्तक्षेप से मुख्यमंत्री मायावती से मुलाकात के बाद डीजीपी ने रपट दर्ज करने का आदेश दिया। इस मामले में पूजा पाल के समर्थकों पर संदेह की सुई घूम रही थी। अब पूजा पाल अपनी छवि बिगाडऩे के आरोप मंत्री के सिर मढ़ रही हैं। कृषि मंत्री चौधरी लक्ष्मी नरायन से किसना देवी अपनी जान का खतरा बता रही हैं। किसना के मुताबिक, ‘‘चुनाव ड्ïयूटी के दौरान फर्जी वोटिंग न डालने के नाते मंत्री नाराज हैं और उन्होंने हमें मारा पीटा। उनके प्रभाव में गांव का कोई आदमी बचाने नहीं आया।’’ जबकि मंत्री कहते हैं, ‘‘इस प्रकरण से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मैं इस महिला को नहीं जानता। हमारे परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है।’’ हरियाणा के ट्रांसपोर्ट सीताराम रोड लाइंस के मालिक चंद्रभान पर विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर और परिवहन मंत्री रामअचल राजभर इस कदर मेहरबान हुए कि उनके ट्रकों की राज्य में चेकिंग न हो इस आशय का चंद्रभान के आवेदन-पत्र पर आदेश करते हुए फरमान जारी कर दिया। ‘आउटलुक’ साप्ताहिक के पास अपनी रोड लाइंस के ट्रकों को निजात देने वाले इस पत्र की प्रति उपलब्ध है। ‘आउटलुक’ साप्ताहिक के हाथ लगे दस्तावेज के बावत विधानसभा अध्यक्ष ने पहले तो अपने दस्तखत होने से ही इंकार किया लेकिन बाद में अपने कार्यालय पहुँचकर अपने प्रमुख सचिव राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने अपने दस्तखत की पहचान कराने की कोशिश की। पहले तो सब कुछ फर्जी दस्तखत होने और मामले की जाँच कराने की बात कहकर रफा-दफा कराने की कोशिश हुई लेकिन बाद में डिस्पैच रजिस्टर से इस बात की पुष्टिï हुई कि चंद्रभान के आवेदन-पत्र को विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर ने परिवहन मंत्री को अग्रसारित किया था। परिवहन मंत्री ने भी इस मामले को पहले तो खारिज करने की कोशिश की, ‘‘नहीं-नहीं कोई ऐसा मामला हो ही नहीं सकता।’’ लेकिन जब उन्हें दस्तावेज दिखाए गए तो परिवहन मंत्री रामअचल राजभर बोले, ‘‘मैं देखवा लेता हूँ। मैं इसे आज ही देखवा लेता हूँ। मुझे संज्ञान में नहीं है।’’
बसपा के आजमगढ़ मंडल प्रभारी गोरख प्रसाद की पत्नी राजकुमारी देवी को महिला आयोग का सदस्य हैं। उनकी पुत्रवधू ने अपने सास ससुर पर लखनऊ के गाजीपुर थाने में दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा दर्ज कराया है। जबकि गोरखप्रसाद का कहना है,‘‘ बहू बेवजह आरोप मेंरे राजनीति कद को घटाने के लिए यह सब कर रही है।’’ जबकि राजकुमारी देवी कहती हैं, ‘‘एफआईआर में दर्ज कहानी मनगढंत है। असलियत में लडक़ी गलत है।’’ हरदोई में बसपा के मंत्री रामपाल वर्मा और विधायक वीरेंद्र वर्मा के समर्थक टैक्सी स्टैंड कब्जे को लेकर भिड़े तो जमकर गोलियां चलीं। तो कानपुर नगर की पुलिस के दस्तावेज में डी-2 गैंग के सदस्य के रूप में दर्ज सऊद अख्तर द्वारा गलत ढंगे से लिए गए असलहा लाइंसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई जिला प्रशासन ने जारी की तो राज्यमंत्री अकबर हुसैन और सहकारिया मंत्री व राज्य इकाई के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य दोनों ने खत लिख कर उसको लाइसेंस दिए जाने की सिफारिश की। आउटलुक साप्ताहिक के पास दोनों चिठ्ठियां हैं। हालांकि इस बावत दोनो मंत्रियों ने कहा, ‘‘तथ्यों को छिपाकर हमें धोखे में रखा गया। हकीकत पता चलने पर स्वयं मैंने लाइसेंस निरस्त करने को कह दिया है।’’ राज्यमंत्री दद्ïदन मिश्र की अगुवाई में 12 जुलाई ०7 को धन्नीडीह गांव में एक समुदाय के लोगों का घर जलाने और औरतों के साथ साथियों द्वारा दुराचार के आरोप लगे। यहां तक कि जिस लडक़ी के अपहरण की वजह से घटना हुई, प्राथमिकी दर्ज कराने वाले उसके पिता के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया और मंत्री को क्लीन चिट दे दी गयी।
आय से अधिक संपत्ति की सीबीआई जांच कराने के मुतल्लिक ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के खिलाफ हाईकोर्ट इलाहाबाद में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। पर जिसने यह याचिका दायर की है उसके खिलाफ 9 फरवरी को दलित उत्पीडऩ और 9 जून को बलवा करने का मुकदमा दर्ज कराया गया। याचिकाकर्ता दिनेश शर्मा ने मुकदमा वापस लेने के लिए पुलिस की धमकी का टेप हाईकोर्ट में इस्तेमाल भी किया। मंत्री की हनक का ही नतीजा है कि 3०7 की एक घटना में एसपी काशीनाथ सिंह ने निष्पक्ष जांच करानी चाही तो तीन दिन में एसपी को हाथरस छोडऩा पड़ा। कैलाश मंदिर के सामने लाइफ इंश्योरेन्स कारपोरेशन के मालिकाना हक की 25०० वर्ग मीटर जमीन पर चहारदीवारी बना आशीष शर्मा की संपत्ति होने का दावा करता हुआ एक बोर्ड लगा दिया गया है। आशीष शर्मा रामवीर उपाध्याय के मुख्य चुनाव अभिकर्ता रहे हंै। देश भर में विख्यात हरि हाई हास्पिटल पर भी मंत्री की नजर हैं। स्थानीय विधायक हास्पिटल का संरक्षक होता है। पर 18 नंवबर 2००7 में चुनाव दिखाकर एक समानान्तर कमेटी गठित की गयी। कमेटी में पत्नी सीमा उपाध्याय और विनोद उपाध्याय को पद बांट दिये। मंत्री का पक्ष जानने के लिए तीन बार उनके यहां संदेश छोड़ा गया पर वे बात करने को तैयार नही हैं। कर निबंधन मंत्री नंद गोपाल ‘नन्दी’ के खिलाफ तुषार कुमार मुखर्जी की ओर से एसएसपी इलाहाबाद को इस आशय का शिकायती पत्र दिया गया है कि मंत्री का भाई कृष्ण गोपाल उनके रामबाग स्थित आवास पर जबरन काबिज होना चाहता है। ‘आउटलुक’ साप्ताहिक के पास 1० मई, 2००8 की तारीख में एसएसपी और कई अधिकारियों द्वारा मार्क की हुई पत्र की छायाप्रति उपलब्ध है।
मंत्री ही नहीं उनके पुत्रों के कारनामों से भी सरकार की कम किरकिरी नहीं हुई है। परिवहन मंत्री राम अचल राजभर के पुत्र संजय राजभर एक अधिवक्ता के साथ दुव्र्यवहार की वजह से विवाद के केंद्र में रहे। मंत्री लालजी वर्मा के पुत्र विकास वर्मा ने अपने साथियों के साथ इब्राहिमपुर थाने के बड़ागांव स्वास्थ्य केदं्र की एएनएम उर्मिला उपाध्याय के पुत्र गौरव को मारा पीट कर नाम कमाया। इसकी लिखित तहरीर इब्राहिमपुर थाने में दी गई है। पुलिस ने मंत्री के बेटे का नाम हटाने के बाद ही मामला दर्ज किया। तीसरे मंत्री धर्मराज निषाद अपने ही कारनामों की वजह से चर्चा में हैं। लोनिवि टेण्डर के दौरान उनके माफियाओं से रिश्ते उजागर हुए। पुलिस कप्तान ओपी सागर को इस मामले में बीच बचाव करना पड़ा। बाद में पुलिस को मंत्री के चहेते ठेकेदार और बर्खास्त सिपाही अजय सिंह के पूरे गिरोह को चिन्हित करना पड़ा। राज्यमंत्री रतनलाल अहिरवार के बेटे पर निर्दोष लोगों पर गोली चलाने का आरोप कुछ इस तरह चस्पा है कि सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सरकार से मांग कर डााली, ‘‘रतनलाल अहिरवार को तत्काल बर्खास्त किया जाये।’’बीते नोएडा के कासना इलाकेमें हुए तिहरे हत्याकांड में नामजद आरोपी होमगार्ड मंत्री वेदराम भाटी के पुत्र रविंद्र भाटी को पुलिस ने फरार घोषित करते हुए उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी। बीते 15 अप्रैल को एक मंत्री पुत्र ने न्यायालय से एक बंदी को पुलिस वैन के बजाय अपनी गाड़ी से कारागार पहुंचाकर पिता के रूतबे का अहसास कराया।
वाणिज्य कर मंत्री नुकूल दुबे ने एक विधेयक को लेकर सदन में सरकार की बहुत किरकिरी कराई। तैयारी करके न आने के चलते विधेयक को एक घंटे रोककर पास करना पड़ा। खेलमंत्री अयोध्या प्रसाद पाल एक सवाल पर इस कदर फंसे कि सरकार की स्थिति ही हास्यास्पद हो गई। मंत्री यह नहीं बता पाए कि उनकी सरकार ने किन-किन खिलाडियों को पुरस्कृत किया है। उन्हें नाम तक नहीं याद थे। यही नहीं फायरिंग के एक मामले में फतेहपुर की अदालत ने इस खेल मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल को बीते 19 जुलाई को फरार घोषित कर कुर्की के आदेश तक दे डाले। पर यह माननीय उपस्थित होने को तैयार नही हैं। मेरठ जिले के एक नायब तहसीलदार के साथ गरीबी उन्मूलन राज्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह की हाथापाई ने सरकार की इतनी किरकिरी कराई कि जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट तक भेजनी पड़ी। माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र की ‘मनपसंद’ एजेंसी न मिलने की वजह से बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा देने की योजना दो माह पहले टेंडर हो जाने के बाद भी फाइलों से आगे नहीं निकल पाई है। दवा खरीद में घोटाला करके अकूत धन कमाने वाले सीएमओ किसी तरह बसपा का टिकट हासिल कर मंत्री तो बन गए। पर जब मायावती को हकीकत पता चली तो उन्होंने अपने मंत्री रघुनाथ शंखवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि अब यह माननीय मामले को दबाने के लिए डाक्टरों को गोलबंद करने में जुटे हुए हैं। सीतापुर में 37 करोड़ की परियोजना शारदा नहर में बिना टेंडर के तीन-चार गुने से ऊंची दर पर पत्थरों की खरीद-फरोख्त ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को भी कटघरे में खड़ा किया है। यही नहीं, मायावती के खास और सबसे व्यस्त इस मंत्री का ध्यान अपने महकमे के कामकाज पर कितना है। यह उनके लोक निर्माण विभाग के लिए जारी 5००० करोड़ रूपए में से केवल 6०० करोड़ रूपए खर्च होने की स्थिति बयान करती है। समीक्षा बैठक में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ‘‘सरकार ने काम करने की छूट दी लेकिन इसका दुरूपयोग करके अभियंता जेल में बंद माफियाओं की जी हुजूरी कर रहे हैं।’’
यह सब तब है, जब खुद मायावती विधायकों और मंत्रियों की बैठक में हिदायत दे चुकी हैं, ‘‘सरकार की छवि खराब करने वाली जो खबरें आ रही हैं उन्हें गंभीरता से लिया जा रहा है। अपराध के मामले में कोई विधायक या मंत्री शामिल पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा और बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। बसपा में बंदूक की संस्कृति नहीं चलेगी।’’ बावजूद इसके मंत्रियों के सिर से सत्ता का नशा नहीं उतर रहा है। तभी तो किसी मंत्री की सुरक्षा में तैनात सिपाही राम बिहारी सरकारी रिवाल्वर से छात्र अनीस को मौत के मुंह में सुला देता है। तो एक दूसरे मंत्री का चालक हरीशचंद्र किसी पर भी हाथ छोडऩे से बाज नहीं आता। ऊर्जा मंत्री, आवास मंत्री और ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री की गाडिय़ां लोगों को सरेराह रौंद देती हैं। फिर भी पुलिस हाथ बांधे महज इसलिए खड़ी रहती है क्योंकि गाड़ी माननीय की थी। एसएसपी अखिल कुमार इस बात की पुष्टिï भी करते हैं, ‘‘दुर्घटना करने वाली गाड़ी लखनऊ विकास प्राधिकरण के एस्कोर्ट की है जो विभागीय कैबिनेट मंत्री के काफिले में चलती है। हालांकि घटना के वक्त गाड़ी काफिले के साथ नहीं थी।’’
-योगेश मिश्र
साथ में कानपुर से कमलेश त्रिपाठी, बिजनौर से योगेन्द्र सिंह, गोरखपुर से पूर्णिमा, आगरा से मनीष तिवारी, अलीगढ़ से कुलदीप सिंह, फैजाबाद से कृष्ण प्रताप सिंह
नोट:-रवीन्द्र जी, खबर लिखने में मन नहीं लग रहा है। कृपया इसे खुद देख लीजिएगा। वैसे ज्यादातर मामलों में प्राथमिकी है। इस खबर को तीन पेज दे दीजिएगा। फोटो निराला ने भेज दी है।
(योगेश मिश्र)
-स्वामी प्रसाद मौर्या की पत्नी शिवा मौर्या के नाम गाटा संख्या-1335 जमीन की दाखिल खारिज 13.3.2००7 को हुई है जो 1० बीघा 13 बिस्वा है। 5,85,००० मालियत की यह जमीन भोलेश्वर बख्श सिंह निवासी खटोला, तहसील-जाजगीर, बिलासपुर निवासी की थी जिसे मुख्तारनामे के मार्फत श्रीमती लक्ष्मी देवी पत्नी भुवन भास्कर ने रजिस्ट्री की। 7 बीघा, 3० बिस्वा जमीन उत्कृष्टï मौर्या के नाम भी 21.8.2००3 को खाता संख्या-441 के मार्फत तथा गाटा संख्या-11०6 की 16.75 बीघे का फार्म हाउस 13.3.2००7 को स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपने इस बेटे के नाम खरीदा। 6/233 विपुल खंड गोमतीनगर निवासी मंत्री ने ऊंचाहार के पास हजरतगंज तिराहे पर भी विवादित जमीन लेकर मकान का निर्माण करा रहे हैं। बीते 2 जून, 2००8 केा रोडवेज बस के ओवरटेक के चक्कर में ड्राइवर के साथ मारपीट भी हुई।
-मेरठ और सहारनपुर में नसीमुद्दीन सिद्दीकी की प्रापर्टी बताई जाती है। बांदा बाईपास और आउटर के आसपास की जमीन इनके साले मुमताज शकील अमजद और भाई खरीद रहे हैं। मुंबई के एक जहाजरानी कंपनी में नसीमुद्दीन का पैसा लगा हुआ है। मायावती जहां बुंदेलखंड कृषि विवि बना रही हैं उसके आसपास की जमीन इनके लोगों ने खरीद रखी है। सेवड़ा गांव में इंटर कालेज खोलकर सांसद विधायक निधि दिलवा रहे हैं। खत्री पहाड़ में जमीन खरीदकर इनका फार्म हाउस बनाया जा रहा है।
-बाबू सिंह कुशवाहा के अतर्रा स्थित तथागत ज्ञानस्थली इंटर कालेज इस बात का सबूत है कि यह क्या कर रहे हैं। इनके भांजे बबुआ सिंह कुशवाहा दिखाने को तो त्रिवेणी बैंक में हैं पर इनके नाम अकूत संपत्ति है।