अनूप ओझा
असफता से सफलता के बीच की लकीर को पार करने के लिए जो उर्जा लगती है वो कहां से आती है। इसके बारे में सफल लोगों द्वारा बहुत से टिप्स बताए जाते हैं पर करना तो आपको ही होता है। आप उनके द्वारा बतायी गई बातों को ब्रम्ह वाक्य मान कर जब से पालन करने में लग जातें है उसी क्षण से आपके अंदर बदलाव आने लगता है। ये बातें कोई ऐसी बातें नहीं होती हैं जो पालन करने में कष्टप्रद हो पर कुछ लोगों को शायद पता नहीं होती हैं और कुछ लोग जानने के बाद भी उस पर अमल नहीं करतें है। हम आपको वो 6 बातें बताने जा रहें है जिनका जीवन में बहुत महत्व है।
1. बनने में समय लगता
प्रकृति का नियम है वृक्ष को बड़ा होने में समय लगता है। पहले बीज फिर अंकुर और तब पौधा इसके बाद धीरे धीेरे वह वृक्ष के रूप में खड़ा दिखता है।वर्तमान समय में लोग समय का इंतजार नहीं करना चाहते वो चाहते है कि कुछ पल तके ही सब कुछ बदल जाए।
समझ की बात यही है कि ऐसा नहीं होता है। चीजे बनने में समय लेती हैं, खड़ी होने में समय लेती है। इस बात को जो समझ जाता है उसे आगे बढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगता।धर्य को को साधने में खुद पर विश्वास रखिए धीरे धीरे आप का विश्वास इस बात पर बनने लगेगा कि उचित समय तक इंतजार करना है।
आप क्यों खुश नहीं है इसके लिए कोई दूसरा कैसे जिम्मेदार हो सकता है कभी इसके बारे में आपने से सोचा है। आप स्वयं इसके लिए जिम्मेदार है। अपना मूल्यांकन पूरी ईमानदारी से करने पर आपको खुद ही यह पता चला जाएगा कि आपने कहां त्रृटि की है।
अनजाने में दूसरों को अपने दु:ख के लिए जिम्मेदार मानना आपको और दुखी कर कर सकता है। आप इसकी वजह से ऊर्जा हीन होते जाते है। आधिक बार ऐसा होने से यह एक मानसिक प्रवृत्ति बन जाती है। आप अपनी खुशियों के मालिक स्वयं है।
थकना और ऊबना काम की गति को कम करता है जब किसी काम को करते समय छोटी छोटी बाधाएं आने लगती हैं तो उस कार्य से मन उचटने लगता है। कभी कभी एक ही तरह के काम को लगातार करते रहने से भी वह उबाऊ लगने लगता है। ये काम आपके लक्ष्य का महत्वपूर्ण अंग है।
हर हाल में आपको इस उसके अंजाम तक पहुंचान है।काम को बीच में छोड़ कर आगे बढ़ना पलायनवादी प्रवृत्ति् है। काम से जूझना और उसकी बाधाओं का हल निकालना ही आपको काम की सफलता तक पहुंचाएगा। इसलिए बढ़ो और अपने काम को कभी मत बंद करो।
परिवर्तन एक सतत प्रक्रिया है। यदि ब्रह्मांड और उसकी हर चीज गतिशील है, पृथ्वी में जीवन-स्पंदन है, तो इसकी वजह परिवर्तन की निरंतरता है। वृद्धि और विकास परिवर्तन के साक्षी है। परिवर्तन में ही नवीनता है, नूतनता है। जब हम आप इस विषय को गहराई से समझ लेते हैं तो फिर हम आप इसके लिए अपने आपको हमेशा तैयार रखतें है। अचानक किसी बदलाव से विचलित नहीं होतें है। इसके लिए हमको आपको पहले से ही जागरूक होना चहिए और तैयार रहना चहिए कि हमारी विकास यात्रा में अनेको परिवर्तन होंगे हम उसे स्वीकार करने के लिए तैयार है।
आप जो हैं वही बने रहें यह एक उक्ति है। यह एक बुनियादी बात भी है। कुछ और बनने के चक्कर में आप अपने मूल से भटक जातें है। आप वो करने लगते जो आप अपने स्वभाव से नहीं और कर रहें है। आपकी गलतियां आपको परिभाषित नहीं करती हैं।
जीवन के उतार-चढ़ाव से निपटाने में सक्षम होने के लिए यह आवश्यक है कि आप अपने आपको जाने औस यह भी जाने कि आप सुंदर,शक्तिशाली और हर विपरीत परिस्थितियों से निपटने में सक्षम है। आपको यह विश्वास करना ही होगा कि आप हर बाधा,चुनौती को पार कर सकतें है। खूबसूरत विचार आपके मन को सुंदर बनाते है। आपके आत्मविश्वास को हरा भरा रखते हैं। नित नई उर्जा के प्रवाह से आप इतने सक्षम होतें है कि सामने खड़ी हर मुश्किल का हल निकाल लेते है।