ऊर्जा दिवस पर क्या ले संकल्प

विश्व में आधुनिक विज्ञान का सहारा लेकर विश्व को विकास के पथ पर निरंतर चालू रखा हुआ है|

Written By :  rajeev gupta janasnehi
Published By :  Roshni Khan
Update: 2021-05-03 05:50 GMT

ऊर्जा (सोशल मीडिया) 

लखनऊ: विश्व में आधुनिक विज्ञान का सहारा लेकर विश्व को विकास के पथ पर निरंतर चालू रखा हुआ है| यहां तक उसकी प्रगति की भूख लगातार बढ़ती जा रही है परंतु प्राकृतिक संसाधन सीमित होते हैं| दूसरे शब्दों में प्राकृतिक संसाधनों में कमी हो रही है| प्राकृतिक द्वारा उपलब्ध ऊर्जा भी सीमित है |विश्व की बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ आवश्यकताएं व उपभोग बढ़ने से आज विश्व ऊर्जा के विषय में चिंतन करना स्वाभाविक है|

3 मई को विश्व ऊर्जा दिवस दिवस के रूप में विश्व में प्राकृतिक द्वारा प्रदत ऊर्जा को किस प्रकार इस्तेमाल किया जाए जिससे वह जिससे उसकी कमी भविष्य में ना खले साथ ही ऊर्जा को किस प्रकार से उत्पादन बढ़ाया जाए और उसका क्या पर्यायवाची हो सकता है इसके मंथन के लिए हर वर्ष 3 मई को विश्व ऊर्जा दिवस के रूप में मनाया जाता है| यहां पर आपको यह भी ध्यान करना चाहिए कि वह भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस हर वर्ष 14 दिसंबर को मनाया जाता है|

विश्व ऊर्जा दिवस की जरूरत क्यों पड़ी जिस प्रकाश मानव को उसके जीवन में हर क्षण ऊर्जा की आवश्यकता पड़ रही है |चाहे वह पेट्रोल और डीजल हो कोयला हो या गैस हो इन सभी के सीमित साधन कि धीरे-धीरे कमी महसूस की जा रही है क्योंकि मनुष्य को आज अपने को गतिमान रखने के लिए रेलगाड़ी हो या हवाई जहाज हो स्कूटर हो या कार हो कल हो या कारखाने हो सभी में उपभोग की मात्रा दिन प्रतिदिन जनसंख्या बढ़ने से बढ़ती जा रही है इसीलिए इस दिवस को अनावश्यक रूप से ऊर्जा को उपभोग ना किया जाए बल्कि हम ऊर्जा को किस प्रकार विशेष ध्यान देकर संरक्षण किया जाए ताकि भविष्य में ऊर्जा की कमी ना हो |

ऊर्जा दिवस पर आज हम सबको प्रण लेना होगा की दैनिक उपयोग में बहुत से विद्युत उपकरण जैसे पंखे ,बिजली, समर सिविल, हीटर या रेडलाइट पर अपने वाहनों के इंजन को बंद करना होगा| ऊर्जा उत्पादन हेतु हमें पौधों का रोपण करना होगा| कुशल ऊर्जा संरक्षण इंजीनियरों द्वारा बताए गए उपायों को विश्व के सभी देशों की सरकारों को ऊर्जा और कार्बन के उपयोग पर मंथन करना चाहिए हालाकी सभी सरकारों ने ऊर्जा के उपयोग पर कर लगा रखा है| लेकिन उपभोक्ता की लापरवाही की मानसिकता के चलते ऊर्जा कर बहुत विशेष ऊर्जा संरक्षण में लाभ नहीं पहुंचा पा रहा है| वक्ताओं को उपभोक्ताओं को इस बात का भी भी ध्यान रखना चाहिए जहां पर जितनी ऊर्जा की आवश्यकता हो उतनी ही आवश्यक शक्ति की उर्जा इस्तेमाल करनी चाहिए |

आज विश्व के सभी लोगों को विश्व ऊर्जा दिवस पर ऊर्जा संरक्षण के लिए स्वयं पहल करनी चाहिए क्योंकि बूंद-बूंद से घड़ा भरता है| हम सभी काम सभी देशों की सरकार पर नहीं छोड़ सकते हैं| हम सबको गिलहरी प्रयास से ऊर्जा की बचत करके बढ़ते हुए ऊर्जा प्रदूषण को भी कम करने में अपनी सहभागिता प्रकट करनी चाहिए|

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