मातृदिवस माँ को समर्पित

माँ छोड़कर "खुदा" को, तेरी "शरण" में आया; पावन "चरण" को छूके, सारे जहाँ को पाया! संसार को मै "देखा", जाना, "समझ" गया पर! कमजोर थी समझ माँ, तुझको समझ न पाया!

Update:2020-05-10 15:10 IST

मातृदिवस माँ को समर्पित

माँ छोड़कर "खुदा" को, तेरी "शरण"

में आया;

पावन "चरण" को छूके, सारे जहाँ

को पाया!

संसार को मै "देखा", जाना, "समझ"

गया पर!

कमजोर थी समझ माँ,तुझको समझ

न पाया!

रचनाकारआलोकशर्मा_महराजगंज

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