यूपी में सहयोगियों के साथ मैदान में उतरेंगे ओवैसी, 100 सीटों पर लड़ेगी AIMIM, बाकी पर सहयोगी दिखाएंगे दम

ओवैसी पश्चिम उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल और अवध में जनसभाएं कर सियासी ताप का अंदाजा लगा चुके हैं। वह खासकर उन जिलों का दौरा कर रहे हैं जहां मुस्लिमों की अच्छी आबादी है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-11-21 15:11 IST

असदुद्दीन ओवैसी (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Lucknow : उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी का विस्तार कर 2022 में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी यूपी का ताबड़तोड़ दौरा कर रहे हैं। आज एक बार फिर यूपी दौरे पर पहुंचे ओवैसी ने कहा है कि उनका एक-दो पार्टियों के साथ गठबंधन पर बातचीत चल रही है और जल्द ही इसे फाइनल कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उनके साथ एक दो पार्टियां और मिलकर चुनाव लड़ेगी। जिस पर बातचीत आखरी दौर में है जल्द ही इसकी तस्वीर साफ हो जाएगी। बता दें ओवैसी मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर अपना पूरा फोकस कर रहे हैं और उनका जोर पश्चिमी यूपी पर है। जहां मुस्लिमों की अच्छी खासी आबादी है।

इससे पहले ओवैसी ओमप्रकाश राजभर के भागीदार संकल्प मोर्चा में शामिल होकर यूपी के रण में उतरना चाह रहे थे। लेकिन राजभर के अखिलेश यादव के साथ जाने से यह गठबंधन टूट गया और अब वह अपनी विचारधारा की कुछ पार्टियों से बातचीत कर गठबंधन करने का फैसला किया है। जिसके बाद आज उन्होंने कहा है कि उनका कुछ पार्टियों से गठबंधन की बात आखरी दौर पर है और वह उसे फाइनल कर अपने प्रत्याशियों का ऐलान करेंगे।

ओवैसी यूपी में मुस्लिमों को एक अलग मंच देने की कोशिश में

गौरतलब है ओवैसी पश्चिम उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल और अवध में जनसभाएं कर सियासी ताप का अंदाजा लगा चुके हैं। वह खासकर उन जिलों का दौरा कर रहे हैं जहां मुस्लिमों की अच्छी आबादी है।

फोटो-सोशल मीडिया

इसके साथ ही ओवैसी मुस्लिम के बड़े नेताओं को भी अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं। चाहे वह कैसे भी हों। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बाहुबली अतीक अहमद के परिवार और उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर टिकट देने की भी घोषणा कर दिया है।

ओवैसी यूपी में मुस्लिमों को एक अलग मंच देने की कोशिश में लगे हैं हालांकि मुस्लिम उन पर कितना भरोसा करता है यहां आने वाले दिनों में दिखाई देगा। क्योंकि यूपी का मुसलमान समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पर यकीन करता है।

ओवैसी का यह दांव बिहार में भी कामयाब नहीं हुआ था और उन्हें कुछ ही सीटें मिली थी। लेकिन अब वह जिस तरह से यूपी में सक्रिय हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि मुस्लिमों के वोट में सेंधमारी कर सपा बसपा और कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं।

इससे पहले ओवैसी 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अपने प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन उनकी पार्टी कुछ खास करिश्मा नहीं कर पाई थी। अब उनका कहना है कि 2017 में वह नए थे लेकिन 2022 में वह पुराने हो गए हैं और यूपी की जमीन को अच्छे से समझने लगे हैं। इस बार उनका संगठन भी अब काफी मजबूत हो चुका है। इसलिए 2022 का चुनाव दमदारी के साथ लड़ेंगे।

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