के सुरेंद्रन बने केरल बीजेपी के अध्यक्ष, नहीं जानते होंगे इनके बारे में ये बातें

केंद्रीय अध्यक्ष के पद पर जेपी नड्डा की नियुक्ति के बाद राज्यों में भी बीजेपी के चीफ बदले जा रहे हैं। इसी क्रम में बीजेपी ने 49 वर्षीय फायरब्रैंड नेता के सुरेंद्रन को केरल में पार्टी का अध्यक्ष बनाया है।

Update: 2020-02-15 14:51 GMT

तिरुवनंतपुरम: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संगठन में इन दिनों बदलाव कर रही है। केंद्रीय अध्यक्ष के पद पर जेपी नड्डा की नियुक्ति के बाद राज्यों में भी बीजेपी के चीफ बदले जा रहे हैं। इसी क्रम में बीजेपी ने 49 वर्षीय फायरब्रैंड नेता के सुरेंद्रन को केरल में पार्टी का अध्यक्ष बनाया है। के सुरेंद्रन के खिलाफ दंगे भड़काने के सैकड़ों मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ आपत्तिजनक बयान, बिना अनुमति के आंदोलन करने जैसे कुल 240 मुकदमे दर्ज हैं। के सुरेंद्रन सबरीमला विवाद में भी अपनी भूमिका को लेकर काफी चर्चित रही है।

दक्षिणी राज्यों में बीजेपी पैर पसारने में लगी हुई है। कर्नाटक में उसकी सरकार है। तमिलनाडु में वह एआईएडीएमके की सहयोगी है। केरल ही ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी का कोई खास प्रभाव नहीं है।

बीजेपी के नेता भी मानते हैं कि केरल में अगर पार्टी कुछ बड़ा कर पाती है तो यह उसके लिए बड़ी उपलब्धि होगी। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं कर पाई है। अब पार्टी ने एक ऐसे नेता को केरल को प्रमुख बनाया है जिसकी छवि ब्रैंड हिंदुत्व वाली है।

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के सुरेंद्रन 2019 के लोकसभा चुनाव में पतनमतिट्टा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार थे। कुल 295627 वोट पाकर वह तीसरे स्थान पर रहे थे। केरल के कोझिकोड के रहने वाले के सुरेंद्रन सबरीमला विवाद के दौरान चर्चा में आए। इस दौरान सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर बीजेपी और उससे जुड़े संगठन खुलकर सामने आए। के सुरेंद्रन इन आंदोलनों के अगुआ के तौर पर सामने आए। केरल में कई जगहों पर हिंसक और उग्र प्रदर्शनों में के. सुरेंद्रन का भी नाम आया।

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2019 के लोकसभा चुनाव में के सुरेंद्रन द्वारा दिए गए ऐफिडेविट के मुताबिक उनके खिलाफ 240 मुकदमे दर्ज थे। इनमें सैकड़ों मुकदमे दंगे भड़काने के आरोप में दर्ज किए गए थे। आमतौर पर प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शांतिभंग करने, बिना अनुमति आंदोलन करने, गैर कानूनी ढंग से इकट्ठा होने के मुकदमे दर्ज होते हैं। के सुरेंद्रन का नाम भी ऐसे मुकदमों में जमकर आया।

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आपको बता दें कि केरल बीजेपी अध्यक्ष रहे वी एस श्रीधरन पिल्लई को मेघालल का राज्यपाल बनाए जाने के बाद से यह पद खाली पड़ा था। भविष्य में होने जा रहे निकाय चुनावों को देखते हुए बीजेपी ने के सुरेंद्रन के हाथ में कमान सौंपी है। बीजेपी को उम्मीद है कि पार्टी लेफ्ट और कांग्रेस के इस गढ़ में सुरेंद्रन के नेतृत्व में कुछ ठोस परिणाम ला सकेगी।

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