महाराष्ट्र में सियासी संकट: PM मोदी के बाद RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दिया बड़ा बयान
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर मोहन भागवत ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बीजेपी और शिवसेना के बीच तनाव को लेकर कहा है कि आपस में लड़ने से दोनों को नुकसान होगा, लेकिन फिर भी लड़ना नहीं छोड़ते। बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार के गठन से पहले बीजेपी और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद पैदा हो गए, जिसके बाद यहां राष्ट्रपति शासन भी लगा दिया गया है।
मुंबई: महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक संकट के बीच अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक ने बड़ा बयान दिया है। महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर मोहन भागवत ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बीजेपी और शिवसेना के बीच तनाव को लेकर कहा है कि आपस में लड़ने से दोनों को नुकसान होगा, लेकिन फिर भी लड़ना नहीं छोड़ते।
बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार के गठन से पहले बीजेपी और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद पैदा हो गए, जिसके बाद यहां राष्ट्रपति शासन भी लगा दिया गया है।
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मनुष्य हर वस्तु पर अपना स्वामित्व चाहता है: मोहन भागवत
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि हर आदमी अच्छा ही बनना चाहता है, लेकिन मनुष्य का अहंकार है, वो हर वस्तु पर अपना स्वामित्व चाहता है। वो किसी को भी कुछ नहीं देना चाहता। देता भी है तो कम से कम देता है। यह चातुर्य मनुष्य के पास ही है। उन्होंने कहा कि मनुष्य भगवान भी बन सकता है या वो राक्षस भी बन सकता है।
महाराष्ट्र में ये हें बहुमत के आंकड़ें
ध्यान रहे कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। वहीं राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर अड़ी शिवसेना के साथ खुलकर कोई पार्टी सामने नहीं आ रही है, वहीं महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बादल कम होने का नहीं ले रहे हैं। कांग्रेस व एनसीपी से गठबंधन कर शिवसेना ने सरकार बनाने का एलान तो पहले ही कर दिया था, लंकिन दोनों पार्टियों की ओर से अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में चल रहे शीतकालीन सत्र में पीएम मोदी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार की तारीफ कर सभी को चौंका दिया।
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बता दें कि सोमवार को दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर शाम पांच बजे शरद पवार के मुलाकात के ठीक पहले सदन में PM मोदी ने एनसीपी की तारीफ कर सबको चौंका दिया, उसके बाद ही राजनीतिक घटनाक्रम बदलना शुरू हो गया। सोनिया गांधी और शरद पवार की बैठक का कोई नतीजा सामने नहीं आया। बैठक के बाद दिल्ली स्थित आवास पर शरद पवार ने प्रेस कांफ्रेस कर महाराष्ट्र में सरकार न बनाने की चर्चा होने की बात कहकर एक बार फिर शिवसेना के मंसूबे पर पानी फेर दिया।
‘पवार को समझना आसान नहीं’
शरद पवार के इस बयान पर जब शिवसेना के संजय राउत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि शरद पवार को समझने में कई जन्म लग जाएंगे। शिवसेना नेता बोले कि शरद पवार की अगुवाई में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे, जिसमें महाराष्ट्र के किसानों के मसले पर बात होगी। वहीं राउत ने दावा किया कि हम दिसंबर के पहले हफ्ते में सरकार बना लेंगे। लेकिन अब देखना ये होगा कि आखिर महाराष्ट्र को नया मुख्यमंत्री कब तक मिलेगा।
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