Child Care Tips: बच्चों पर न थोपें अपनी मर्जी, भुगतने पड़ सकते हैं आपको ये नुकसान
Child Care Tips: चाहे पढ़ाई लिखाई हो या खेल बच्चों के उपर कभी भी किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाना चाहिए। दबाव बनाने से बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं।
Child Cae Tips: पढ़ाई लिखाई आज के युग में बहुत जरूरी है। बिना शिक्षा के किसी भी समाज के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। शिक्षा से ही जीवन में प्रकाश आता है। और आज की शिक्षा पहले की अपेक्षा काफी बदल गया है। कोर्स काफी लेंदी हो गया। लेकिन इन सब के बीच बच्चों पर जो प्रेशर पड़ता है माता-पिता के द्वारा आज हम इसी विषय पर बात करते हैं। चाहे पढ़ाई लिखाई हो या खेल बच्चों के उपर कभी भी किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाना चाहिए। दबाव बनाने से बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं। और बार-बार टोका-टाकी से वो आपकी बातों को इग्नोर करना सीख लेते हैं।
आपका घर ही आपके बच्चों को मनोरोग यानी मेंटल डिप्रेशन की तरफ ले जाता है। जिसका अंत अकसर मौत ही होती है। ज्यादातर देखा गया है कि बच्चों पर परीक्षा में टॉप पोजीशन लाने का दबाव इसका मुख्य कारण है। एक सर्वे के दौरान मनोरोग विशेषज्ञ ने इन बातों पर जोर दिया था। उन्होंने बताया कि परीक्षा के दिनों में अच्छे नंबर लेकर टॉप करने के लिए बच्चों पर बढ़ रहे दबाव से ही परीक्षा के दिनों में विद्यार्थियों द्वारा खुदकुशी करने के मामले बढ़ जाते हैं। साथ ही उन्होनेे कहा कि आजकल परीक्षाओं के परिणाम का दौर है, ऐसे में बच्चों को नाराज मत करें उनका ध्यान रखें और उनका हौसला बढ़ाएं। उन्हें प्रेरित करें कि डर से नहीं हिम्मत से ही कामयाबी हासिल होगी।
न करें कम्पेयर
विषेशज्ञ बताते हैं कि बच्चों को कभी किसी से कम्पेयर नहीं करना चाहिए। फला का बेटे ने तो इतना नंबर लाया। वो ये बना गया और तू कुछ करता ही नहीं। पढाई में तो तेर मन ही नहीं लगता वगैरह वगैरह। कम्पेयर करने के बजाए आप बच्चों को प्यार से समझाइए यनीनन वो आपकी बात जरूर मानेंगे। कम्पेयर करने से बच्चे हीन भावना के शिकार हो जाते हैं। और अक्सर देखा गया है कि ज्याा रोक टोक करने से बच्चे माता पिता से दूरी बनाने लगते हैं। और बच्चे तभी गलत रास्ते पर जाते हैं जब वो अपने मां बाप के करीब नहीं होते। ऐसे में चाहिए कि आप अपने बच्चे को सम्झााइए कि तुम ये कर सकते हो, तुम्हारे अंदर ये करने का हुनर है। उनका हौसला बढ़ाइए।
ऑनलाइन क्लास में रखें विषेश ध्यान
कोरोना महामरी के चलते चाहे नौकरी हो पढ़ाई ज्यादातर सब ऑनलादन हो गया है। ऐसे में जब बच्चों की क्लास हो रही हो तब कोशिश करें कि आप उनके पास बैठे हों। या समय न हो तो बीच बीच में आते जाते रहें। ताकि आपका डर बना रहे। क्योंकि आजकल बहुत से केस देखने को मिल रहे हैं कि बच्चे ऑनलाइन क्लास के बहाने तरह तरह के ऑनलाइन गेम से जुड़ रहे हैं। गेम का नशा ऐसा चढ़ जाता जाता है कि गेम हारने पर वा आत्मग्लानि महसूस करते हैं और ऐसे में बिना कुछ सोचे समझे अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर लेते हैं। ऐसे में बच्चों पर नजर बनाए रखें।
जाने बच्चों की रुचि
अक्सर देखा गया है कि बच्चों पर माता पिता अपनी उम्मीद लाद देते हैं। कि मेरा बेटा डॉक्टर बनेगा या इंजीनीयर बनेगा। ये बिलकुल गलत है बच्चों पर कभी भी किसी प्रकार का बोझ नहीं लादना चाहिए। आप देखिए कि आपके बच्चे की रुचि किसमे है। शायद आपका बच्चा आपकी उम्मीदों से काफी उपर हो। हो सकता है कि जिसमे उसका इंटरेस्ट हो उसमे वो अपना करियर बनाने में ज्यादा सफल साबित हो। इसलिए बच्चों से बात करें और उनकी रुचि को जानें।