Father's Role In Children's Life: एक बच्चे के जीवन में क्यों अहम होती है पिता की भूमिका, आइये जानते हैं

Father's Role In Children's Life: पिता वो होता है जो अपने बच्चे को एक निश्चित दिशा-निर्देश देता है, जिससे उन्हें बेहतर भविष्य बनाने में मदद मिल सके।

Update:2023-03-02 08:06 IST

Father's Role In Children's Life (Image Credit-Social Media)

Father's Role In Children's Life: हमारे जीवन में हमारे माता-पिता दो मजबूत स्तंभ की तरह हैं जो हमारे विकास और जीवन को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। जहाँ बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने के लिए माताएं सभी जरूरतों का ख्याल रखती हैं। वहीँ पिता वो होता है जो अपने बच्चे को एक निश्चित दिशा-निर्देश देता है, जिससे उन्हें बेहतर भविष्य बनाने में मदद मिल सके। संक्षेप में कहें तो जो बच्चे अपने पिता की छत्रछाया में बड़े होते हैं, उनके पास जीवन में बेहतर रूप से आगे बढ़ने की ज़्यादा संभावनाएँ होती हैं। आज हम आपके लिए कुछ ऐसे तथ्यों को लेकर आये हैं जिसे पढ़कर आप जानेंगे कि क्यों पिता बच्चों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बच्चों के जीवन में पिता की भूमिका

अधिक व्यावहारिक

पिता अच्छे व्यवहार को प्रोत्साहित करते हैं और अपने बच्चों के लिए उत्कृष्ट मेल रोल मॉडल होते हैं। पिता की भागीदारी को बेहतर व्यवहार और गुस्से में नियंत्रण, लंबे समय तक ध्यान देने की क्षमता और अधिक मिलनसार बच्चों से जोड़ा गया है। ये बच्चे अक्सर दूसरों की जरूरतों और अधिकारों के प्रति अधिक दया, सहानुभूति और जागरूकता दिखाते हैं।

निडर

जहां मां बच्चे की सुरक्षा और अच्छी परवरिश पर ध्यान देती है, वहीं पिता उन्हें जोखिम उठाने और स्वतंत्र रूप से सोचने के लिए प्रेरित करते हैं । पिता का सहयोग उनको निडर बनाता है। रिपोर्ट्स ये भी बताती हैं कि जिन बच्चों के पिता नहीं होते उनके अपराधी बनने का जोखिम तीन गुना बढ़ जाता है।

आत्मविश्वासी

जिन बच्चों के पिता सहायक होते हैं उनमें उच्च आत्म-सम्मान होने की संभावना ज़्यादा होती है, साथ ही वो आम तौर पर अधिक खुश और आत्मविश्वासी होते हैं। इसके अलावा, वो अपने जीवन साथियों के दबाव का विरोध करने और अपने लिए खड़े होने में अधिक सक्षम होते हैं। इसके अलावा उनमें तनाव और असफलता के प्रति सहनशीलता भी अधिक होती है।

शिक्षक

परिवार का मुखिया होने के नाते, एक पिता को अपने बच्चों को आवश्यक नैतिकता और सद्गुणों की शिक्षा देते हैं, जिनका उन्हें पालन करना चाहिए। पिता अपने बच्चों को सिखाते हैं कि सामाजिक परिस्थितियों में कैसे व्यवहार करना है, लोगों के साथ कैसे बातचीत करनी है, और कैसे विनम्र, जिम्मेदार और सभ्य नागरिक बनना है।

बौद्धिक बुद्धिमत्ता

अध्ययनों से पता चलता है कि जिन बच्चों को पिता का समर्थन प्राप्त होता है वो संज्ञानात्मक विकास परीक्षणों पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं और उनमें जिज्ञासा और अन्वेषण की प्रवृत्ति ज़्यादा होती है। सामान्यतया, पिता के समर्थन वाले बच्चे मौखिक और गणित की परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करते हैं और उनके स्कूल छोड़ने या किशोर अपराध करने की संभावना कम होती है।

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