Kaise Kare Jiddi Bacchon Ko Control: बच्चों की जिद से हैं परेशान तो करें ये काम
Tips For Stubborn Child: अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा जिद्दी है तो आप अपनी रोजमर्रा की लाइफ(Change Lifestyle) में बदलाव लाएं।
Tips For Stubborn Child: अक्सर देखा जाता है कि जब बच्चों को गुस्सा आता है तो पैरेंटस(Parenting Tips In Hindi) उनपर चिल्लाते हैं या हाथ उठाते हैं। लेकिन ऐसा करना गलत है, ऐसा करने से बच्चे जिद्दी बन जाते हैं। उन्हें लगने लगता है कि हम कुछ भी गलत करेंगे तो डांट या मार ही तो खाएंगे। इसलिए ऐसा बिलबुल भी न करें। अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा जिद्दी है तो आप अपनी रोजमर्रा की लाइफ(Change Lifestyle) में बदलाव लाएं। और अपने बच्चों के साथ समय बिताएं(Time Spend)। आप ये टिप्स(Effective Tips) अपनाकर अपने बच्चे के अंदर बदलाव महसूस कर सकते हैं-
गुस्सा न करें(Don't Get Angry)
जब बच्चा बहुत ज्यादा जिद्द करता है तो स्वाभाविक सी बात है कि पेरेंट्स को गुस्सा आ ही जाता है। लेकिन आप उस पर गुस्सा न करें बल्कि उसके गुस्से के कारण को समझे और उसे प्यार से समझाएं। क्योंकि देखा गया है कि जब किसी चीज को करने के लिए मना किया जाता है तो उस काम को करने की इच्छा अधिक बढ़ जाती है।
बात-बात पर टोकना बंद करें
बच्चों को बात बात पर टोंकना बंद करें। क्योंकि बार बार टोकने से बच्चे उसी काम को करेंगे। (Control Stubborn Kids )अगर आपको लगता है कि जो काम आपका बच्चा कर रहा है व गलत है तो उसे आराम से बैठ कर प्यार से समझाएं। और हमेशा बच्चों के खेल खेल में कुछ सिखाएं या बताएं। फिर देखिए आपके बच्चे कैसे मानते हैं आपकी बात।
बच्चों पर अपनी जिद न चलाएं
अगर आप अपनी बात मनवाने के लिए बच्चे से जिद करते हैं तो बच्चे मे जिद्दी होने की आदत आप ही से आती है। बच्चे पर अपनी पसंद नापसंद को कभी न थोपे। और एक बात जरूर ध्यान रखें कि यदि आप उसे अपनी बात मनवाने के लिये मजबूर करेंगे तो उसमे नकारात्मकता और बढ़ेगी और उसका बर्ताव अधिक तीव्र और जिद्दी हो जाएगा। बच्चों से दोस्तों की तरह ही बीहैव करें तभी बच्चे आपसे सबकुछ बतएंगे और आपकी बात भी मानेंगे।
बच्चों को शह न दें
बच्चों को कभी भी खुला नहीं छोड़ना चाहिए। खुला छोड़ने का यहां ये मतलब है कि बच्चों पर हमेशा आपका कंट्रोल होना चाहिए। नहीं तो बच्चे अपने मन के हो जाते हैं। और बच्चों की सभी बात को मानना भी नहीं चाहिए। इससे भी बच्चे जिद्दी स्वाभाव के बनते हैं। अपने बच्चे को एहसास कराएं कि हमेशा उनकी मनमर्जी ही नहीं चलेगी।
अगर आपका बच्चा किसी बात की ज़िद्द कर रहा है तो उसका ध्यान उस चीज से हटा कर किसी और चीज में लगाएं। जिससे बच्चा वो जिद भूल जाए। बच्चों को हमेशा मोटीवेट करते रहें। लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखें कि बच्चों की तुलना किसी और के बच्चों से बिलकुल न करें। ऐसे में बच्चे हीन भावना के शिकार हो जाते हैं।