IPL तक पहुंचा रंगभेद: सैमी को मिला था यह नाम, मतलब जानकर जताया गुस्सा

उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर अमेरिका में पुलिस अफसर द्वारा अश्वेत की गर्दन दबाने का वीडियो देखने के बाद भी क्रिकेट जगत रंगभेद की समस्या को समाप्त करने के लिए आगे नहीं आया तो वह भी इस समस्या का एक हिस्सा बन जाएगा।

Update: 2020-06-07 13:22 GMT
darren sammy and thisara parera

नई दिल्ली। अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लाइट की पुलिस उत्पीड़न में मौत के बाद पूरी दुनिया में रंगभेद का मामला गरमाया हुआ है। अमेरिका में इस घटना के बाद लोगों में उबाल आ गया है और अमेरिका सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जोरदार विरोध जताया जा रहा है। अब रंगभेद का यह मामला क्रिकेट की दुनिया तक भी पहुंच चुका है। वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डेरेन सैमी ने आईपीएल में रंगभेद का सनसनीखेज खुलासा किया है। ‌सैमी का आरोप है कि आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते समय उन्हें और श्रीलंकाई खिलाड़ी थिसारा परेरा को नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा।

मुझे व परेरा को मिला था कालू नाम

वेस्टइंडीज के खिलाड़ी का कहना है कि आईपीएल में खेलते समय उन्हें और परेरा को कालू के नाम से संबोधित किया जाता था। सैमी के मुताबिक मुझे उस वक्त कालू का मतलब नहीं पता था, लेकिन अब मुझे इसका मतलब समझ में आ गया है। कालू का मतलब समझ में आने के बाद सैमी काफी गुस्से में हैं।

नहीं पता था इस शब्द का मतलब

सैमी ने इंस्टाग्राम पर इस बाबत लिखा कि मुझे अब जाकर कालू शब्द का मतलब समझ में आया है। मुझे और परेरा को इसी नाम से बुलाया जाता था। उस वक्त मैं सोचता था कि कालू का मतलब मजबूत घोड़ा होता है, लेकिन अब मुझे इस शब्द का असली मतलब समझ में आ गया है। सैमी ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि कौन उन्हें और परेरा को इस नस्लीय शब्द से संबोधित किया करता था। उनके बयान से साफ नहीं कि उन्हें यह संबोधन साथी खिलाड़ियों की ओर से मिला या फैंस या किसी और की तरफ से।

अमेरिका में प्रदर्शन का समर्थन किया

वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान सैमी ने अमेरिका में अश्वेत फ्लॉयड की मौत के बाद बड़े पैमाने पर हो रहे प्रदर्शनों का समर्थन किया है। उन्होंने रंगभेद के खिलाफ उठी इस आवाज को जायज बताया है। सैमी ने क्रिकेट जगत से भी नस्लभेद के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है।

उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर अमेरिका में पुलिस अफसर द्वारा अश्वेत की गर्दन दबाने का वीडियो देखने के बाद भी क्रिकेट जगत रंगभेद की समस्या को समाप्त करने के लिए आगे नहीं आया तो वह भी इस समस्या का एक हिस्सा बन जाएगा। सैमा ने यह भी कहा कि रंगभेद की समस्या केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है। दुनिया के विभिन्न देशों में लोग रंगभेद की बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं।

गेल ने भी उठाया नस्लभेद का मामला

सेमी से पहले वेस्टइंडीज के धुंआधार बल्लेबाज क्रिस गेल ने भी क्रिकेट में नस्लभेद की समस्या होने की बात कही थी। गेल का कहना है कि सबको यह समझना होगा कि अश्वेत लोगों की भी जिंदगी की दूसरे लोगों के जीवन की तरह कीमती है। गेल का कहना है कि मैंने पूरी दुनिया का भ्रमण किया है और इस दौरान मुझे कई जगहों पर नस्लभेद की बातें सुनने को मिली हैं और इसका एकमात्र कारण यह है कि मैं अश्वेत हूं। उन्होंने नस्लभेद को खत्म करने की अपील भी की है।

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फ्लॉयड की मौत से गरमाया मुद्दा

अमेरिका के मिनेपोलिस में 25 मई को अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद रंगभेद का मुद्दा एक बार फिर पूरी दुनिया में गरमा गया है। धोखाधड़ी के एक मामले में जॉर्ज को गिरफ्तार करने के बाद एक पुलिस अफसर ने उसे सड़क पर भी गिराकर घुटने से उसकी गर्दन को आठ मिनट तक दबाए रखा था जिसके कारण जार्ज की मौत हो गई थी। जॉर्ज की मौत के बाद पूरे अमेरिका में बवाल हो गया है और वहां लोगों ने कोरोना संकट के बावजूद सड़कों पर निकलकर ट्रंप के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की है।

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