Sport : फिर किस्मत आजमा रहे एशियाई देश

Update:2018-06-15 18:20 IST

नयी दिल्ली : फीफा वर्ल्ड कप में एशिया की पांच टीमें - दक्षिण कोरिया, ईरान, जापान, सऊदी अरब एक बार फिर अपना भाग्य आजमाने उतरी हैं। 1938 में इंडोनेशिया पहली ऐसी एशियाई टीम थी, जिसने फीफा विश्व कप में कदम रखा था। इसके बाद कई एशियाई टीमें इस टूर्नामेंट में उतरीं, लेकिन खिताब तक नहीं पहुंच सकीं।

इस बार के वर्ल्ड कप में चार एशियाई टीमों और आस्ट्रेलिया को जिन ग्रुपों में शामिल किया गया है, उनमें कई बेहतरीन टीमें शामिल हैं। ऐसे में इनके लिए अंतिम-16 दौर तक पहुंचना भी मुश्किल साबित हो सकता है। ईरान, जापान, साऊदी अरब और आस्ट्रेलिया तथा अन्य एशियाई देशों चीन, इंडोनेशिया, इराक, कुवैत, इजराइल, कतर, उत्तर कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात में से कोई भी टीम क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई है। केवल दक्षिण कोरिया ने 2002 में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया है। ऐसे में इस बार फीफा विश्व कप में इन पांच टीमों के ग्रुप मैच ही इनके लिए किसी अग्नी परीक्षा से कम नहीं होंगे।

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सऊदी अरब

ग्रुप - ए में शामिल सऊदी अरब वर्तमान में फीफा रैंकिंग में 67वें स्थान पर है और उसके साथ ग्रुप में मेजबान रूस (वल्र्ड रैंक 66), मिस्र (वर्ल्ड रैंक 46) और उरुग्वे (वर्ल्ड रैंक 17) जैसी टीमें शामिल हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि सऊदी अरब का ग्रुप स्तर से निकलना ही मुश्किल होगा। उसका विश्व कप में सबसे शानदार प्रदर्शन 1994 में रहा, जब उसने नॉकआउट दौर में प्रवेश हासिल किया था। यह देखना दिलचस्प होगा कि नए कोच जुआन एंटोनियो पिज्जी के मार्गदर्शन में टीम कहां तक पहुंच पाती है।

आस्ट्रेलिया

एशिया फुटबाल कनफेडरेशन ग्रुप में जापान और साऊदी अरब के बाद तीसरे स्थान पर रहने वाली आस्ट्रेलिया टीम ने प्लेऑफ में सीरिया और होंडुरास को हराकर विश्व कप में क्वालीफाई किया। विश्व रैंकिंग में 40वें स्थान पर काबिज आस्ट्रेलिया ग्रुप-सी में डेनमार्क (वर्ल्ड रैंक -12), फ्रांस (वल्र्ड रैंक 7) और पेरू (वल्र्ड रैंक 11) जैसी टीमों के साथ शामिल है। साल 2006 में आस्ट्रेलिया को अंतिम-16 दौर में प्रवेश हासिल हुआ था। इसके बाद, 2010 और 2014 में वह ग्रुप स्तर तक ही सीमित रही। इस बार नए कोच बर्ट वान मारविजक के साथ उसे क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए उसे पेरू, डेनमार्क और फ्रांस जैसी बाधाओं को पार करना होगा।

ईरान

एशिया की सबसे मजबूत टीम मानी जाने वाली ईरान ने फीफा विश्व कप के लिए आसानी से क्वालीफाई कर लिया, लेकिन ग्रुप -बी में उसे मोरक्को, स्पेन और पुर्तगाल जैसी टीमों का सामना करना है। ऐसे में उसके लिए अंतिम-16 दौर तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है। दोस्ताना मैचों में उसने अल्जीरीया, उजबेकिस्तान और लिथुआनिया जैसी टीमों को हराया है, लेकिन विश्व कप में ग्रुप स्तर के मैचों की बाधा पार करने की बात की जाए, तो ईरान मोरक्को को हराने में सक्षम है लेकिन पुर्तगाल और स्पेन जैसे देशों से पार पाना उसके लिए किसी भी लिहाज से आसान नहीं होगा।

दक्षिण कोरिया

तेगुक वॉरियर्स के नाम से मशहूर दक्षिण कोरिया की टीम के लिए विश्व कप का सबसे यादगार साल 2002 था, जब उसने सेमीफाइनल तक का रास्ता तय किया था। फीफा रैंकिंग में 61वें नंबर पर मौजूद कोरियाई टीम ने इस बार एशियाई क्वालीफीकेशन में बड़ी मुश्किल से आखिरी राउंड में पहुंचकर विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया। उसका ग्रुप सबसे मुश्किल है। उसे ग्रुप -एफ में वर्ल्ड नम्बर-1 और मौजूदा विजेता जर्मनी, वल्र्ड नम्बर-15 मेक्सिको और वल्र्ड नम्बर-23 स्वीडन के साथ रखा गया है। कप्तान सोंग हियोंग के रूप में उसके पास बेहतरीन खिलाड़ी है, लेकिन फीफा विश्व कप में केवल एक खिलाड़ी का जादू काम नहीं करता। दोस्ताना मैचों में उसका प्रदर्शन खास नहीं रहा है। 2002 सेमीफाइनल में जर्मनी ने ही उसका रास्ता रोका था और इस बार यह हादसा एक बार फिर संभव हो सकता है।

जापान

एशियाई फुटबाल की पावरहाउस जापान ने हाल ही में टीम के मुख्य कोच वाहिद हालिलहोदिक को बर्खास्त कर अकिरा निशिनो को टीम की जिम्मेदारी सौंपी है। ऐसे में वह कोच के साथ इतिहास बदलना चाहेगी। ब्लू समुराई नाम से लोकप्रिय यह टीम अंतिम-16 दौर से आगे नहीं बढ़ी है। जापान की टीम के लिए ये छठा विश्व कप है। विश्व रैंकिंग में 60वें स्थान पर काबिज जापान को ग्रुप -एच में वर्ल्ड नम्बर-16 कोलंबिया, नम्बर-10 पोलैंड और नम्बर-28 सेनेगल के साथ रखा गया है। जापान और कोलंबिया की टीमें 2014 विश्व कप में भी एक साथ एक ही ग्रुप में शामिल थीं। इसमें कोलंबिया ने जापान को 4-1 से हराया था। ऐसे में एक बार फिर दोनों टीमें आमने-सामने होंगी, जिसमें जापान की कोशिश अपनी हार का बदला लेना होगा। इसके अलावा, टीम को पोलैंड और सेनेगल की बाधा से भी पार पाना होगा।

फीफा विश्व कप में हिस्सा ले रहे देशों में सबसे अमीर है स्विट्जरलैंड

फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण में कुल 32 टीमें हिस्सा ले रही हैं। इनमें सबसे अमीर स्विट्जरलैंड है जबकि सबसे गरीब सेनेगल है। जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा देश ब्राजील है जबकि सबसे छोटा देश आइसलैंड है। आइसलैंड की जनसंख्या 3.34 लाख है जबकि प्रति व्यक्ति आय के मामले में वह इस साल विश्व कप में हिस्सा ले रहे देशों की सूची में स्विट्जरलैंड के बाद दूसरे क्रम पर है। स्विट्जरलैंड की प्रति व्यक्ति आय (सालाना) 80 हजार डॉलर से अधिक है जबकि अफ्रीकी देश सेनेगल की प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 1038 डॉलर है। इस क्रम में आइसलैंड 70,332 डॉलरों के साथ दूसरे क्रम पर है।

इसके बाद डेनमार्क का नम्बर आता है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय 56,444 डॉलर है। चौथे स्थान पर आस्ट्रेलिया है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय 55,707 डॉलर है। पांचवें नंबर पर स्वीडन है, जिसके नागरिक 53218 डॉलर प्रति साल कमाते हैं।

जनसंख्या के लिहाज से ब्राजील (21 करोड़) पहले स्थान पर है। इसके बाद नाइजीरिया है, जिसकी जनसंख्या 19.5 करोड़ है। मेजबान रूस 14.4 करोड़ जनसंख्या के साथ तीसरे स्थान पर है जबकि 13 करोड़ के साथ मेक्सिको चौथे और 12.7 करोड़ के साथ जापान पांचवें स्थान पर है।

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