बीसीसीआई का बड़ा फैसलाः घरेलू क्रिकेट के लिए जारी हुई गाइडलाइन
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट की वापसी के लिए स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन को विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दिया है।
मुंबई: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट की वापसी के लिए स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन को विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दिया है। 100 पेज की अपनी गाइडलाइन में बोर्ड ने स्टेट एसोसिएशन के लोगों को चीफ मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति करने को कहा है। ट्रेनिंग कैंप और मैचों के दौरान उन्हें मेडिकल स्टॉफ के साथ मिलकर बॉयो-सेक्योर वातावरण बनाए रखना होगा।
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लोकल अधिकारियों से आज्ञा लेगी
- ट्रेनिंग कैंप और मैचों को शुरू कराने से पहले लोकल अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मचारियों से आज्ञा लेगी।
- मेडिकल संबंधी किसी सहायता के लिए टीम मेंबर्स को सीएमओ की सहायता मिलेगी।
- जिस प्रकार बायो-सेक्योर वातावरण में इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी हुई है उसी प्रकार घरेलू क्रिकेट की वापसी कराने का विचार बोर्ड बना रहा है।
- यदि कुछ दर्शकों को जाने की छूट मिलेगी तो उन्हें भी कड़े नियमों का पालना करना होगा।
कोरोना संदिग्धों का टेस्ट
- जिन खिलाड़ियों या सपोर्ट स्टॉफ को कोरोना संदिग्ध पाया जाएगा उन्हें पीसीआर टेस्ट से गुजरना होगा।
- जांच के लिए दो टेस्ट किए जाएंगे। पहले दिन एक और फिर तीसरे दिन दूसरा टेस्ट किया जाएगा।
- यदि दोनों टेस्ट में खिलाड़ी निगेटिव पाया जाता है तब ही उसे कैंप में जाने की इजाजत मिलेगी। निगेटिव पाए जाने के बाद ही सपोर्ट स्टॉफ भी टीम से जुड़ सकेंगे।
खिलाड़ियों की अहम जानकारी
गाइडलाइन यह कहती है कि ट्रेनिंग पर वापसी से पहले हर स्टेट की मेडिकल टीम ऑनलाइन बातचीत के जरिए खिलाड़ियों की पिछले दो हफ्ते की ट्रैवल और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी जुटाएगा।
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खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टॉफ को करने होंगे ये काम
- संपर्क में आए लोगों के बारे में पता लगाने, सुरक्षा और बचाव के लिए सभी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टॉफ को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा।
- सीएमओ भी ऑनलाइन बातचीत के जरिए सभी सम्बंधित पक्षों को प्रोटोकॉल के बारे में बताएंगे।
- घर छोड़ने से लेकर ट्रेनिंग कैंप की समाप्ति तक सभी लोगों को पब्लिक प्लेस पर तीन परत वाला मास्क या एन95 मास्क लगाना अनिवार्य है।
- ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लेने से पहले सभी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टॉफ को सहमति पत्र साइन करना होगा। उन्हें यह बता दिया जाएगा कि ट्रेनिंग में हिस्सा लेने में खतरा है और वह ऐसा अपनी सहमति के साथ कर रहे हैं।
- 60 वर्ष से अधिक उम्र का व्यक्ति कैंप या फिर मैचों में हिस्सा नहीं ले सकता है। इसका मतलब है कि 60 साल से ज़्यादा के कोच अपनी टीमों के साथ नहीं रह सकेंगे।
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