BCCI: सचिव पद से हटेंगे जय शाह, इस दिग्गज खिलाड़ी की चमक सकती है किस्मत, मिलेगा ये पद
BCCI New Chef: अकसर बीसीसीआई को अपना दबाव बनाए हुए देखा जाता है। बीसीसीआई बोर्ड में इंटरनल पॉलिटिक्स जारी रहती है।
BCCI New Chef: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई दुनिया में सबसे ज्यादा रईस ऑफिशियल बोर्ड में से एक है। अकसर बीसीसीआई को अपना दबाव बनाए हुए देखा जाता है। बीसीसीआई बोर्ड में इंटरनल पॉलिटिक्स जारी रहती है। बीसीसीआई के इंटरनल पॉलिटिक्स में कई प्लेयर्स का करियर भी बर्बाद हुआ है। इन क्रिकेटर्स में अंबाती रायडू का नाम सबसे ऊपर है। जिसके कारण बीसीसीआई सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर है ट्रोल होती रहती है।
Also Read
जय शाह को पोस्ट से हटाने की अटकलें
सोशल मीडिया पर हर रोज यह अटकलें लगाई जाती है कि जय शाह को पद से हटाया जा रहा हैं। हालांकि आपको बता दें कि, जय शाह अभी भी वर्तमान में बीसीसीआई के सेक्रेट्रियट पोस्ट पर बैठे हुए हैं। बीसीसीआई पोस्ट पर जय शाह और सौरव गांगुली एक साथ बैठे थे। लेकिन फिर सारी गांगुली को हटा दिया गया है। लेकिन जय शाह अभी भी इस पोस्ट पर रहकर कार्यभार संभाल रहे है। आपको बता दें कि जय शाह को कोई भी क्रिकेट का एक्सपीरियंस नहीं है। लेकिन उनके पिता देश के गृह मंत्री है तो उन्हें यह पोस्ट मिला हुआ हैं वह अभी भी इस पद पर बैठे हैं।
यह खिलाड़ी बीसीसीआई के सचिव पद के लिए बेहतर
जय शाह को अगर बीसीसीआई के सचिव पद से हटाया जाता है, तो बड़ा सवाल यह है कि उनके जगह कौन इस पद के लिए योग्य हैं? यह भी एक विचार करने वाला प्रश्न है। इसपर कुछ क्रिकेट एक्सपर्ट्स गौतम गंभीर का नाम सबसे उपयुक्त समझते है। इसके पीछे कई वजह है। गौतम गंभीर एक पूर्व खिलाड़ी है, इनके पास 13 साल का इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का अनुभव है वे क्रिकेट के दांव पेंच को बेहतर तरीके से समझते है। साथ ही गौतम गंभीर भारत के विजेता बनने वाले मैच 2007 और 2011 के वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा रहे है।
गौतम गंभीर ने 2007 वर्ल्ड कप में 75 रन और 2011 वर्ड कप में 97 रन की पारी खेलकर मेन स्कोर में काफी अच्छा योगदान दिया था। इसके साथ दूसरा वजह यह है कि गौतम गंभीर एडमिस्ट्रेटर वर्क को काफी अच्छे से समझते है और करते है। क्योंकि वे एक बीजेपी नेता भी हैं।
गौतम गंभीर की खास बात यह है कि गंभीर प्रोफेशन लाइफ में भी एक ही फंडा अपनाते है। जो बोलते है वही करते है। अपने दिल की बताते है तो वही करते है कुछ छिपाकर नहीं रखते है। इन सबसे बड़ी बात वह हमेशा देश को सर्वप्रथम रखकर फैसले करते है और उस हिसाब से अपना बयान भी देतेहै।