घरेलू टूर्नामेंट की प्राइज मनी बढ़ाएगी बीसीसीआई, 49 साल पुराने देवधर ट्रॉफी को हटाया गया
बीसीसीआई ने घरेलू टूर्नामेंट के प्राइज मनी बढ़ाने का फिसला किया है। अब रणजी ट्रॉफी विजेता को 2 करोड़ रूपये का चेज दिया जाएगा। वहीं, देवघर ट्रॉफी को हटा दिया गया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की गिनती दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में होती है, बीसीसीआई ने हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मीडिया अधिकारों को बेचकर काफी पैसा कमाया है। अब बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट पर भी पैसे बरसाने का फैसला किया है। बीसीसीआई ने गुरुवार को मुंबई में आयोजित शीर्ष परिषद की बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं। बीसीसीआई ने तय किया है कि रणजी ट्राफी (Ranji Trophy) सहित अन्य घरेलू टूर्नामेंट की इनामी राशि बढ़ाई जाएगी। इस साल रणजी ट्राफी जीतने वाली टीम मध्य प्रदेश को 2 करोड़ रुपये का चेक दिया जाएगा।
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मीडिया अधिकारों से 48,390 करोड़ रुपए कमाने के बाद बीसीसीआई ने घरेलू टूर्नामेंटों की पुरस्कार राशि बढ़ाने का फैसला किया है। वहीं, 49 साल पुराने घरेलू टूर्नामेंट देवधर ट्रॉफी (Deodhar Trophy) को हटाने का फैसला किया है।
देवधर ट्रॉफी को हटाया गया
बीसीसीआई ने तकरीबन 50 वर्षों से चले आ रहे देवधर ट्रॉफी को हटाने का फैसला किया है। यह टूर्नामेंट पहली बार 1973-74 में आयोजित किया गया था। देवधर ट्रॉफी लिस्ट-ए टूर्नामेंट है। यानी इसमें भारत-ए, बी और सी टीमें हिस्सा लेती हैं। टूर्नामेंट को रद्द करने का सबसे बड़ा कारण है, खचाखच भरा घरेलू कार्यक्रम। बीसीसीआई इस सीजन में 1,773 घरेलू मैचों का आयोजन करने की तैयारी में है।
जोनल फॉर्मेट में खेला जाएगा दिलीप ट्रॉफी
बीसीसीआई शीर्ष परिषद की बैठक में कई घरेलू टूर्नामेंट के फॉर्मेट को लेकर भी बात हुई। बैठक में तय किया गया कि अब दिलीप ट्रॉफी जोनल फॉर्मेट में खेली जाएगी। दिलीप ट्राफी के मौजूदा फॉर्मेट में इंडिया रेड, इंडिया ब्लू और इंडिया ग्रीन की टीम शामिल हैं। वहीं रणजी ट्रॉफी में टीमों को पहले की तरह एलीट और प्लेट ग्रुप में बांटा जाएगा।
इन टूर्नामेंट्स के अलावा घरेलू सत्र में ईरानी ट्रॉफी (शेष भारत बनाम रणजी ट्रॉफी विजेता), विजय हजारे ट्रॉफी (50 ओवर) और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (20 ओवर) का आयोजन होगा।
रणजी ट्रॉफी में होगा डीआरएस का इस्तेमाल
बीसीसीआई शीर्ष परिषद की बैठक में रणजी ट्रॉफी के अगले सत्र में डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) शामिल करने पर भी चर्चा हुई। इस साल रणजी ट्रॉफी के दौरान अंपायर द्वारा कई गलत फैसले दिए गए, जिसके बाद से ही रणजी ट्रॉफी में डीआरएस की मांग उठ रही थी। जिस पर अब बीसीसीआई विचार कर रही है। बीसीसीआई के एक पदाधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से बताया, 'बीसीसीआई अगले सत्र के लिए डीआरएस प्रणाली को लागू करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गया है। अगर सब कुछ सुचारू रूप से चलता रहा, तो बीसीसीआई के पास सभी लाइव मैचों के लिए एक डीआरएस प्रणाली होगी।'