'भारतीय शेर' विजेंदर ने जीत के बाद किया कुछ ऐसा, गर्व से उठा हर भारतीय का सिर

बीजिंग ओलम्पिक-2008 में कांस्य पदक विजेता, भारत के पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने शनिवार 5 अगस्त को चीन के जुल्पिकार माईमाईतियाली को 10 राउंड

Update: 2017-08-06 07:44 GMT

मुंबई: बीजिंग ओलम्पिक-2008 में कांस्य पदक विजेता, भारत के पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने शनिवार 5 अगस्त को चीन के जुल्फिकार माईमाईतियाली को 10 राउंड तक चले कठिन मुकाबले में हराकर अपने विजयी क्रम जारी रखा है। इस जीत के बाद दोनों देशों में शांति बहाल की मिसाल कायम करते हुए विजेंदर ने चीनी खिलाड़ी को खिताब लौटा दिया इसके साथ ही उन्होंने भारत-चीन सीमा गतिरोध में आज शांति की अपील की।

क्या बोले विजेंदर?

ओलंपिक में कांस्य पद जीतने वाले विजेंदर ने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘मैं यह बेल्ट जुल्फिकार को वापस देना चाहता हूं। मैं सीमा पर शांति की उम्मीद करता हूं और शांति का संदेश सबसे महत्वपूर्ण है।’’ भारत एवं चीन के बीच पिछले कुछ सप्ताह से सिक्किम सेक्टर में सीमा पर गतिरोध की स्थिति है।

इस जीत के साथ विजेंदर ने अपना डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक सुपर मीडिलवेट खिताब तो बचा लिया, साथ ही अपने विपक्षी का डब्ल्यूबीओ ओरिएंटल सुपर मीडिल वेट खिताब भी हासिल कर लिया।

यह दोहरा खिताबी मुकाबला था, जिसमें जीतने वाला खिलाड़ी अपने खिताब को बचाने के साथ ही दूसरे का खिताब जीतने का हकदार था।

विजेंदर का यह नौवां पेशेवर मुकाबला था और अभी तक उन्हें सभी मुकाबलों में जीत मिली है। वहीं चीनी मुक्केबाज की यह पेशेवर मुकाबले में पहली हार है।

जुल्फिकार अपने पिछले नौ पेशेवर मुकाबलों में अजेय थे।

दोनों के बीच बराबरी का मुकाबला खेला गया। शुरुआती दो राउंड में जुल्फिकार आक्रामक दिखे , लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने शानदार बचाव किया। विजेंदर ने अपनी लंबाई का अच्छा फायदा उठाया और चीनी मुक्केबाज को कुछ अच्छे पंच जड़े।

अगले कुछ राउंड में भी बराबर का खेल देखने को मिला, हालांकि चीन के मुक्केबाज को विजेंदर के कुछ अच्छे पंचों का सामना करना पड़ा।

यहां से विजेंदर चीनी खिलाड़ी पर हावी होने लगे। बचाव में जुल्पिकार ने कुछ दफा विजेंदर के कमर के नीचे कुछ पंच मारे। ऐसा करने के दौरान नौवें राउंड में रैफरी ने मैच रोक दिया था।

आखिरी राउंड में जुल्फिकार ने वापसी की कोशिश की, लेकिन विजेंदर ने अपना आक्रामण जारी रखा और मुकाबला जीत ले गए।

इससे पहले, भारत के अन्य मुक्केबाजों ने अंडरकार्ट मुकाबलों में जीत हासिल की।

राष्ट्रमंडल खेल-2006 के विजेता अखिल कुमार, जितेंद्र कुमार, अशद आसिफ, कुलदीप ढांडा, धर्मेद्र गिरेवाल, प्रदीप खारेरा ने अपने मुकाबालों में विजयी रहे।

अखिल इस मैच से पेशेवर मुक्केबाजी में कदम रख रहे थे। उन्होंने पदापर्ण मैच में आस्ट्रेलिया के टाइ ग्रिलक्रिस्ट को वाल्टरवेट वर्ग में तकनीकि नॉक आउट में मात दी।

जितेंद्र का भी यह पेशेवर मुक्केबाजी में पदार्पण मैच था। उन्होंने थाईलैंड के थानेट लखिट्कामपोर्न को लाइटवेट वर्ग में तकनीकि नॉकआउट से मात दी।

वर्ल्ड बॉक्सिंग काउंसिल (डब्ल्यूबीसी) एशिया पैसिफिक वेल्टरवेट चैम्पियन नीरज गोयट ने अपने खिताब को सफलता पूर्वक अपने पास ही रखा है।

उन्होंने 12 राउंड के मुकाबले में फिलीपिंस के एलान टांडा को मात देते हुए अपने खिताब की रक्षा की।

आसिफ ने फिलीपिंस के लैरी अबारा को मात दी तो कुलदीप ने हमवतन सचिव बोट को हराया।

धर्मेद्र ने आस्ट्रेलिया के इसाक स्लैड को हराया।

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