Commonwealth Games 2022: काशी के लाल ने किया कमाल, पूरे गांव में जश्न का माहौल, पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी बधाई
Commonwealth Games 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजय के शानदार प्रदर्शन पर खुशी जताई है और उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
Commonwealth Games 2022: बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में काशी के लाल विजय कुमार यादव (Vijay Kumar Yadav) ने कमाल कर दिया है। जूडो खिलाड़ी विजय ने 60 किलो भारवर्ग में कांस्य पदक जीतकर देश के पदकवीरों में अपना नाम भी दर्ज करा लिया है। कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games 2022) में सोमवार को भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन पदक जीते और इन पदक जीतने वालों में जूडो खिलाड़ी सुशीला देवी ने रजत, भारोत्तोलक हरजिंदर कौर ने 71 किलो भार वर्ग में कांस्य और विजय कुमार यादव ने कांस्य पदक (Vijay Kumar Yadav won bronze medal) जीतने में कामयाबी हासिल की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजय के शानदार प्रदर्शन पर खुशी जताई है और उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। विजय कुमार की कामयाबी की खबर मिलने के बाद उनके घर पर जश्न का माहौल है। सुलेमापुर गांव के रहने वाले विजय की इस उपलब्धि पर पूरा गांव गौरवान्वित महसूस कर रहा है और पूरे गांव में जश्न का माहौल दिखा।
खबर मिलने के बाद जमकर मना जश्न
विजय कुमार के पिता दशरथ यादव को रात में दस बजे मोबाइल पर विजय की इस बड़ी कामयाबी की खबर मिली। उन्होंने परिवार और गांव के अन्य लोगों को भी विजय कुमार के कांस्य पदक जीतने की जानकारी दी। यह जानकारी मिलते ही परिवार और घर में खुशी का माहौल बन गया और लोग जश्न मनाने लगे।
पिता दशरथ यादव और मां चिंता देवी का कहना है कि उनका बेटा विजय लंबे समय से पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था। आखिरकार उसकी तपस्या सफल हुई और वह देश के लिए कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहा। पिता का कहना है कि अभी तो विजय के सफर की यह शुरुआत है। आने वाले दिनों में वह और भी बड़ी कामयाबी हासिल करेगा।
कभी भूखे तो कभी नमक-रोटी खाकर किया अभ्यास
पिता दशरथ यादव का कहना है कि उनके तीन बेटों में विजय सबसे छोटा है और बचपन में काफी शरारती था, लेकिन मैंने उसे खेलने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया। इसी का नतीजा है कि वह इतनी बड़ी कामयाबी हासिल करने में कामयाब रहा। वैसे विजय के लिए जिंदगी का सफर आसान नहीं रहा है। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण विजय के सामने कई चुनौतियां भी आईं। पिता दशरथ का कहना है कि शुरुआती दिनों में तो हालत यहां तक थी कि कभी भूखे पेट तो कभी नमक रोटी खाकर भी विजय को जूडो का अभ्यास करने पर मजबूर होना पड़ा।
विजय की मां चिंता देवी का कहना है कि मुझे पता है कि मेरे बेटे ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए अपनी जिंदगी में कितनी मेहनत की है। परिवार में आमदनी अच्छी न होने के कारण हम बेटे को अच्छी खुराक तक नहीं दे सके। इसके बावजूद विजय ने कभी हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार मेहनत करता रहा। इसी का नतीजा है कि वह आज देश का सिर ऊंचा करने में कामयाब रहा है।
कोच ने कहा-मुझे मिल गई गुरुदक्षिणा
विजय ने लखनऊ साई सेंटर में ट्रेनिंग हासिल की है। विजय को जूडो का ककहरा सिखाने वाली कोच सुषमा अवस्थी का कहना है कि उसे देखने के बाद मेरे भीतर यह उम्मीद जगी थी कि वह मेरा सर्वश्रेष्ठ शिष्य हो सकता है और उसने मेरी उम्मीद को सही साबित किया है। उन्होंने कहा कि बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में विजय का कांस्य पदक जीतना मेरे लिए सही मायने में विजय की ओर से दी गई गुरु दक्षिणा है।
उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान विजय ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते और अब उन्होंने एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। यूपी जूडो एसोसिएशन के सीईओ और विजय को स॔वारने में बड़ी भूमिका निभाने वाले मुनव्वर अंजार का कहना है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतने के बाद विषय के कॅरियर को नई ऊंचाई मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में वह और भी शानदार प्रदर्शन करेंगे।
पीएम मोदी और योगी ने दी बधाई
अपने संसदीय क्षेत्र के खिलाड़ी विजय की उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काफी गदगद हैं। उन्होंने कहा कि विजय ने जूडो में कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सफलता अन्य खिलाड़ियों को भी शानदार प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने विजय को आने वाले दिनों में और सफलताएं हासिल करने की शुभकामनाएं भी दी हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विजय को इस बड़ी कामयाबी पर बधाई दी है। उन्होंने विजय को भविष्य में और भी सफलताएं हासिल करने की शुभकामनाएं दी हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने भी विजय को कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाने पर हार्दिक बधाई दी है।