गुजरात में हो रहे फर्जी आईपीएल का भंडाफोड़, रूस में बैठ लगाए जाते थे सट्टे

गुजरात पुलिस ने गुजरात के वडनगर के एक गाँव हो रहे फेक आईपीएल रैकेट का पर्दाफास किया हैं। फेक आईपीएल मैच का आयोजन कर यूट्यूब पर किया जाता था प्रसारण।

Written By :  Aakash Mishra
Update: 2022-07-11 09:51 GMT

Cricket betting (Image credit: Social media)

गुजरात पुलिस ने एक फेक आईपीएल रैकेट का पर्दाफाश किया हैं। पिछले कुछ दिनों से गुजरात के वडनगर के एक गाँव से फेक आईपीएल का आयोजन किया जा रहा था। जिसमें रूस से सट्टा लगाया जा रहा था। इस फेक आईपीएल में मुंबई इंडियन्स (MI), चेन्नई सुपर सिंग्स (CSK), रॉयल चल्लेंगेर्स बंगलोर (RCB) और अन्य आईपीएल टीमें शामिल थी, जिसका यूट्यूब पर लाइव प्रसारण किया जा रहा था। पुलिस को जानकारी होने से पहले क्वार्टर फाइनल तक का मैच खेला जा चुका था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मैचों की बेटिंग रूस के शहर टवेर, वोरोनिश और मॉस्को से हो रही थी।

असली मैच की तरह किया गया आयोजन

इस फेक आईपीएल का आयोजन मेहसाणा जिले के वडनगर तालुका के मोलिप उर गांव में किया जा रहा था। जहां फ्लड लाइट से लेकर मल्टी कैमरा सेटअप तक, हर तरह की तैयारी की गयी थी, ताकि यह लीग असली लगे। गाँव में ज़मीं खरीद उसे एक क्रिकेट मैदान की तरह तैयार किया गया था। पिच से लेकर कमेन्ट्री बॉक्स तक बनाए गए थे। कमेंटेटर हर्षा भोगले की आवाज़ में कमेंट्री करता था। खुलासे के बाद हर्षा भोगले ने ट्वीट कर कहा कि वह इस कमेंटेटर को सुनना चाहेंगे।

युवाओं और मजदूरों को बनाया खिलाड़ी

आईपीएल खत्म होने के तीन हफ्ते बाद इस फेक लीग का आयोजन शुरू किया गया था। खिलाड़ियों के तौर पर युवाओं और मजदूरों को अलग-अलग टीम की जर्सी पहना कर मैच में उतारा जाता था। इन्हें प्रति मैच के लिए 400 रुपये दिए जाते थे। प्रसारण के दौरान दर्शकों की फेक आवाज़ भी लगाई जाती थी। पूरे लीग को इस तरह से तैयार किया गया कि रूस में बैठे लोगों को सबकुछ असली लग रहा था। पुलिस ने अब तक चार लोगों की गिरफ़्तारी की है और मामले में आगे की जानकारी तलाश रही हैं। पुलिस के मुताबिक बेटिंग एक टेलीग्राम चैनल के द्वारा किया जा रहा था और इसका मुख्य निशाना रुसी बाजार था। पुलिस ने आरोपियों के पास से क्रिकेट किट, स्पीकर, लाइट, मल्टी कैमरा सैटअप समेत कई चीज़ें बरामद की हैं।

खिलाड़ियों को पहले से मिले थे दिशानिर्देश

रूस में बैठे लोग जिस तरह से सट्टे लगाते थे, यह लोग उसी हिसाब का नतीजा दिखाते थे। सभी खिलाड़ियों को पहले से ही दिशानिर्देश दिया गया था कि उन्हें कब कैसे खेलना हैं। खिलाड़ियों को यहाँ तक बताये जाते थे कि उन्हें कब कितने रन बनाने हैं और कब आउट होना हैं।

इस ठगी को शोएब दावड़ा अंजाम दे रहा था। शोएब बेटिंग के लिए मशहूर रूसी पब में आठ महीने काम करने के बाद गुजरात लौटा था। पुलिस द्वारा पूछ-ताछ के दौरान शोएब ने बताया कि रूसी पब में काम करने के दौरान उसकी मुलाकात आसिफ मोहम्मद से हुई थी, जो कि इस ठगी का मास्टरमाइंड बताया जा रहा था। पुलिस अधिकारी भावेश राठौड़ ने कहा, "शोएब ने गुलाम मसीह के खेत को किराए पर लिया और वहां हलोजन लाइटें लगाईं। उसने 21 मजदूरों को प्रति मैच 400 रुपये देने का वादा किया। इसके बाद कैमरामैन को काम पर रखा और आईपीएल टीमों की टी-शर्ट खरीदी।"

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