ICC New Policy: आईसीसी ने नए नियम के साथ शुरू किया गेंदबाजी का परीक्षण, पांच रन का लग सकता है जुर्माना
ICC New Policy: आईसीसी ने ट्रायल के तौर पर पुरुष वनडे और टी20 इंटरनेशनल में एक नए नियम को जल्द ही लाने वाली है। ये नियम गेंदबाज़ी वाली टीम के लिए महत्त्वपूर्ण होगा।
ICC New Policy: सफेद गेंद वाले क्रिकेट फार्मेट में खेल को गति देने के प्रयास में ICC ने दिसंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक पुरुषों के वनडे और T20I क्रिकेट में परीक्षण के आधार पर 'स्टॉप क्लॉक(Stop Clock)' शुरू करने का निर्णय लिया है। यह फैसला मंगलवार को अहमदाबाद में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) बोर्ड की बैठक में लिया गया।
स्टॉप क्लॉक ऐसे होगा प्रयोग
आईसीसी ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि, "घड़ी का उपयोग ओवरों के बीच लगने वाले समय को नियंत्रित करने के लिए किया जाएगा। यदि गेंदबाजी टीम पिछले ओवर के पूरा होने के 60 सेकंड के भीतर अगला ओवर फेंकने के लिए तैयार नहीं है, तो तीसरी बार पांच रन का जुर्माना लगाया जाएगा। यह एक पारी में लागू होने वाला नियम होता है।"
सितंबर 2022 में, एमसीसी विश्व क्रिकेट समिति, जिसमें भारत के पूर्व कप्तान और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के अलावा कई अन्य शीर्ष पूर्व क्रिकेटर शामिल हैं, ने विशेष रूप से टेस्ट में खेल को गति देने के उद्देश्य से इस उपाय को पेश किया था।
वर्ल्ड कप में लिया गया था ऐतिहासिक फैसला
भारत में हाल ही में आयोजित 2023 एकदिवसीय विश्व कप के दौरान बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा हो गया था। जब श्रीलंकाई बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज को मैच के दौरान 'टाइम आउट' कर दिया गया था। बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन(Shakib Al Hasan) की अपील के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) में इस तरह का पहला आउट रहा, जब वह विपरीत टीम का सामना करने में विफल रहे।
बिना खेले टाइम्ड आउट करार हुए थे एंजेलो मैथ्यूज
सदीरा समरविक्रमा के आउट होने के बाद अगली गेंद पर बिना मैच खेले ही एंजेलो मैथ्यूज को टाइम्ड आउट कर दिया गया था। इस कॉल से बेहद परेशान मैथ्यूज ने बाद में शाकिब के कृत्य को "अपमानजनक" करार देते हुए चौथे अंपायर की आलोचना की थी। हालांकि, 'क्रिकेट के नियमों' के संरक्षक, प्रतिष्ठित मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने आईसीसी के अंपायरों के फैसले का समर्थन किया था।
पिच और आउटफील्ड नियमों में भी बदलाव
आईसीसी ने पिच और आउटफील्ड निगरानी नियमों में बदलावों को मंजूरी दे दी है, जिसमें उन मानदंडों को भी सरल तरीके से शामिल करना है। जिनके आधार पर पिच का मूल्यांकन किया जाता है और जब किसी स्थान की अंतरराष्ट्रीय स्थिति हो सकती है तो सीमा को 5 डिमेरिट अंकों से हटाकर छह डिमेरिट अंकों तक अगले पांच साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।