मुश्किल में थी टीम इंडिया, एक बाउंसर ने तोड़ा जंबो का जबड़ा और फिर ...

Update:2016-06-23 20:24 IST

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लखनऊ: बीसीसीआई प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को टीम इंडिया के लिए अनिल कुंबले को एक साल के लिए टीम इंडिया का हेड कोच नियुक्त किया है। इंडियन क्रिकेट टीम के नव नियुक्त कोच और पूर्व प्लेयर अनिल कुंबले को जंबो नाम से भी जाना जाता है। उन्हें यह नाम नवजोत सिंह सिद्धू ने दिया था। खेल के प्रति कुंबले का समर्पण और हौसला वाकई सराहनीय है। अनिल कुंबले भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम स्पिनर हैं। साथ ही वो भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं। बता दें, कि हरफनमौला खिलाड़ी अनिल कुंबले मकैनिकल इंजीनियर भी हैं।

साल 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले कुंबले ने साल 2008 तक भारतीय क्रिकेट की सेवा की। कर्नाटक के बेंगुलरु में जन्मे अनिल कुंबले को शुरू से ही क्रिकेट में काफी दिलचस्पी थी। बी एस चंद्रशेखर जैसे महान लेग स्पिन गेंदबाजों से प्रेरणा लेकर ही कुंबले ने इस खेल को अपनी जिंदगी बनाने का फैसला किया।

निभा चुके हैं अब तक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

-साल 2010 में अनिल कुंबले कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने।

-इसके साथ ही कुंबले साल 2012 में आईसीसी क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन भी बने।

-साल 2010 से साल 2012 तक कुंबले नेशनल क्रिकेट एकेडमी के चेयरमैन भी रहे।

-क्रिकेट में अनूठे योगदान के लिए साल 2015 में कुंबले को आईसीसी हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया।

-इसके अलावा कुंबले आईपीएल में रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर और मुंबई इंडियंस के भी चीफ मेंटर भी रह चुके हैं।

पहली बार मिली किसी गेंदबाज को कोच की कमान

-1992 में पहली बार अजीत वाडेकर को टीम इंडिया का कोच बनाया गया था। तब से अब तक किसी बॉलर को ये जिम्मेदारी नहीं दी गई।

-1999-2000 में कपिल देव टीम इंडिया के आखिरी भारतीय कोच थे।

-16 साल बाद कुंबले को ये मौका मिला है।

-अब तक जिन खिलाड़ियों ने टीम इंडिया को कोचिंग दी है कुंबले का एक्सपीरियंस सबसे ज्यादा है।

आइए जानते हैं जंबो के कुछ जबरदस्त कारनामे ...

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जब बाउंसर से टूटा जंबो का जबड़ा

साल 2002, एंटिगा टेस्ट, वेस्टइंडीज बनाम भारत। पवेलियन से बाहर एक शख्स निकलता है, टूटा हुआ जबड़ा, चेहरे पर पट्टी लगी हुई, फिर भी वह लगातार 14 ओवर फेंकता है, और झटक लेता है ब्रायन लारा का विकेट जी हां वह कोई और नहीं बल्कि अनिल कुंबले ही थे।

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एक पारी में झटके 10 विकेट

टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अब तक यह कारनामा सिर्फ दो गेंदबाज ही कर पाए हैं। कुंबले से पहले इंग्लैंड के जिम लेकर ने एक पारी में 10 विकेट लिए थे। अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ 4 फरवरी, 1999 को दिल्ली टेस्ट की चौथी पारी में 26.3 ओवरों में 74 रन देकर 10 विकेट झटककर इस रिकॉर्ड की बराबरी की थी। उन्होंने 9 ओवर मेडन भी किए थे।

कुंबले से पहले इंग्लैंड के जिम लेकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 26 जुलाई, 1956 को मैनचेस्टर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 51.2 ओवरों में 53 रन देकर सभी 10 विकेट चटका दिए थे। उन्होंने 23 ओवर मेडन रखे थे।

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जब शतक बनाकर बचाई टीम की लाज

साल 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ गए तीसरे टेस्ट मैच में खले गए अनिल कुंबले ने 193 गेंदों पर 110 (नाबाद) की सघर्षपूर्ण पारी ने टीम इंडिया को हार से बचाया उस मैच में अनिल कुंबले ने 16 चौके और एक गगनचुंबी छक्का जड़ा।

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वर्ल्ड में तीसरे नंबर पर

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दुनिया में सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में अनिल कुंबले (619 विकेट) तीसरे नंबर पर हैं। उनसे ऊपर दो और स्पिनर श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) व ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न (708 ) हैं।

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हीरो कप में 12 रन देकर झटके 6 विकेट

कुंबले ने हीरो कप, 1993 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सिर्फ 12 रन देकर 6 विकेट लिया, जो वनडे में भारत की ओर से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन है। वनडे में उनका इकोनॉमी रेट महज 4.30 है। कुंबले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अप्रैल 1990 में पदार्पण किया था। 271 वनडे की 265 पारियों में 337 विकेट लेने का गौरव भी कुंबले के नाम है।

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