कार्तिक में क्रिकेट की अपार संभावनाएं, जोशी ने नाबाद 208 रन बनाए
कार्तिक रणजी ट्राफी में दोहरा शतक लगाने वाले उत्तराखंड से दूसरे खिलाड़ी बने। हल्द्वानी के 22 वर्षीय कार्तिक जोशी में क्रिकेट की अपार संभावनाएं दिखने लगी है। प्रदेश के एक और युवा खिलाड़ी ने क्रिकेट जगत में परचम फहराया है। इससे पहले हल्द्वानी के सौरभ रावत भी रणजी में दोहरा शतक मार चुके हैं।
लखनऊ : कार्तिक रणजी ट्राफी में दोहरा शतक लगाने वाले उत्तराखंड से दूसरे खिलाड़ी बने। हल्द्वानी के 22 वर्षीय कार्तिक जोशी में क्रिकेट की अपार संभावनाएं दिखने लगी है। प्रदेश के एक और युवा खिलाड़ी ने क्रिकेट जगत में परचम फहराया है। इससे पहले हल्द्वानी के सौरभ रावत भी रणजी में दोहरा शतक मार चुके हैं। असोम के गोलपारा के डीएन सिंघा क्रिकेट स्टेडियम में उत्तराखंड व अरुणाचल के बीच में खेले गए रणजी ट्राफी मैच में कार्तिक जोशी (नाबाद 208)रन बनाए। newstrack.com से खास बातचीत में कार्तिक ने बताया कि अपने खेल में निखार लाने के लिए वह कड़ी से कड़ी मेहनत करने को तैयार है। कार्तिक कहते हैं कि सीनियर खिलाड़ियों का सहयोग और उनका उचित मार्ग दर्शन मेरे बेहतरीन क्रिकेट खेलने में सहायक हो रहा है।
यह भी पढ़ें .....रणजी ट्राफी : संभलते-संभलते लड़खड़ा गया कर्नाटक, गुरबानी की बदौलत विदर्भ फाइनल में
तीसरा प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे जोशी ने 308 गेंद की अपनी पारी में 19 चौके मारे जबकि भाटिया ने 142 गेंद का सामना करते हुए 14 चौके और तीन छक्के मारे। मैच में नाबाद दोहरा शतक लगाने वाले कार्तिक जोशी को मैन ऑफ द मैच चुना गया। कार्तिक जोशी क्रिकेट के भागवान सचिन को अपना रोल माडल मानते हैं। बचपन से ही घर में क्रिकेट का माहौल पाने वाले कार्तिक के पिता भगवती प्रसाद 1980-1990 तक आलराउंडर क्रिकेटर रहे हैं।अपनी इस उपलब्धि को कार्तिक सबसे यादगार प्रदर्शन मानते है।
यह भी पढ़ें .....दिल्ली में धुंध की वजह से रुके रणजी के दो मैच, खिलाड़ियों ने आंखों में जलन की शिकायत की
हल्द्वानी के मल्ला गोरखपुर निवासी कार्तिक जोशी की माता अनीता जोशी गृहणी हैं। कार्तिक महज चार साल की उम्र से क्रिकेट खेलने लगे। कार्तिक,बद्रीपुरा स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम में अपना खेल निखारने लगे। कार्तिक ने देहरादून स्पोर्ट्स कॉलेज में 6से 8 तक की पढ़ायी की। स्पोर्ट्स कॉलेज में रहने दौरान जम कर पसीना बहाया और क्रिकेट की बारीकियों को समझ कर अपने खेल में लय पैदा की। स्पोर्ट्स कॉलेज में रहने के दौरान ही कर्तिक क्रिकेट में डूबने लगे।
कार्तिक मानते हैं कि स्पोर्ट्स हास्टल में होने की वजह से अपना खेल सुधारने में मदद मिली। रूटीन प्रैक्टिस और वर्कआउट करने की और स्ट्रेंथ बनाने में वहीं से मदद मिली जो टिकाउ खेलने के लिए बहुत अहम है।कर्तिक का ये भी मानना है कि इस दौरान जरूरी संसाधन और क्रिकेट के लिए उचित मार्गदर्शन ने उनके खेलने की शैली को बढ़ावा दिया।
यह भी पढ़ें .....बीसीसीआई ने डोपिंग मामले में इस क्रिकेटर को किया निलंबित
बात चीत के दौरान यह पूछने पर कि आईपीएल के बारे में आप क्या सोचते है कार्तिक का कहना है कि अभी वो सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दे रहें है इसके अलावा और किसी बात की तरफ उनका घ्यान नहीं है।न ही किसी फेंचाइजी ने उनसे अभी तक संपर्क किया है।