Manu Bhaker: पेरिस ओलंपिक में ब्रॉंज पर निशाना साधने वाली मनु भाकर को भगवत गीता ने दिलाया मेडल, खुद किया बड़ा खुलासा

Manu Bhaker: हरियाणा की मनु भाकर ने अपने जीवन में भागवत गीता को अपनाया, उसी को ताकत बनाकर जीता मेडल

Report :  Kalpesh Kalal
Update:2024-07-29 09:34 IST

Manu Bhaker (Source_Social Media)

Manu Bhaker: भारत में 24 घंटे पहले मनु भाकर को बहुत कम लोग जानते थे, लेकिन देश की ये बेटी अब हर किसी की जुबां पर छायी हुई है। हमारे देश के करोड़ों लोग आज मनु भाकर को जान चुके हैं, क्योंकि देश की इस बेटी ने पेरिस ओलंपिक में अपनी काबिलियत को दिखाते हुए झोली में पहला मेडल डाला। रविवार को मनु भाकर ने शूटिंग में कमाल का प्रदर्शन करते हुए ब्रॉंज मेडल जीतकर देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।

देश को पहला मेडल दिलाने वाली मनु भाकर ने किया खास खुलासा

हरियाणा की 22 साल की मनु भाकर ने इतिहास रचते हुए भारत को ओलंपिक गेम्स के शूटिंग इवेंट में 12 साल बाद कोई मेडल दिलाया, तो साथ ही मनु भारत के लिए ओलंपिक गेम्स में शूटिंग में मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई। मनु भाकर की इस जबरदस्त कामयाबी के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है और उनके परिवार में भी खुशी का माहौल है। मनु भाकर ने अपनी इस कामयाबी के बाद एक खास खुलासा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके जीवन में भगवत गीता का खास प्रभाव रहा है और इसी प्रभाव के बूते उन्होंने यहां मेडल अपने नाम किया।

कैसे टोक्टो ओलंपिक में राइफल खराब होने पर टूट गया था मनु का दिल

मनु भाकर के लिए 4 साल पहले 2020 में खेले गए टोक्यो ओलंपिक की काफी बुरी यादें थी, जहां उनकी राइफल में खराबी की वजह से वो टॉप-10 में भी नहीं आ सकी। और बुरी यादों के साथ सफर खत्म हो गया। मनु भाकर ने उस ओलंपिक के पलों को याद करते हुए कहा कि, मैं सच कहूं तो मेरी टोक्यो ओलंपिक्स से जुड़ी बहुत खराब यादें रही हैं। मैं सोचती हूं कि यह मेरे साथ ही क्यों हुआ? मैंने ऐसा क्या गलत किया था।

जीवन में आगे बढ़ने का तरीका ढूंढते रहना चाहिए- मनु भाकर

अब भारत की इस स्टान शूटर ने 4 साल के बाद जबरदस्त वापसी करते हुए उस बुरी यादों को पीछे छोड़ते हुए देश की झोली में मेडल डाला। इस जीत के बाद मनु ने एक बड़ी बात शेयर करते हुए कहा कि, "मेरा मानना है कि हम सबको कुछ परिस्थितियों को भुला ही देना चाहिए, खासतौर पर तब जब चीजें हमारे हाथ में ना रही हों। हम इतिहास को नहीं बदल सकते। पहले जो हुआ, वह अच्छा नहीं था, लेकिन मुझे अपने जीवन में आगे बढ़ने का तरीका ढूंढना ही था।"

भगवत गीता की एक पंक्ति कर्म करें, फल की इच्छा ना करें से जीता मेडल

इसके बाद मनु भाकर को अपनी इस खास सफलता में भगवत गीता का बड़ा हाथ रहा। उन्होंने बताया कि वो भगवत गीता में लिखे एक श्लोक को हमेशा याद करती हैं कि कर्म करते रहे फल की इच्छा ना करें। मनु ने इसे लेकर कहा कि, "मैं भगवद गीता का पाठ करती हूं, तो मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था, 'बस वही करो, जो तुम यहां करने आए हो। आप नियति को नियंत्रित नहीं कर सकते। गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं, 'कर्म करो, फल की चिंता मत करो' मेरे दिमाग में भी यही चल रहा था।"

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