नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू मंगलवार को बीसीसीआई की चार सदस्यीय कानूनी पैनल के प्रमुख नियुक्त किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशों को हाल ही में मंजूर करते हुए बीसीसीआई को उन्हें लागू करने के लिए छह माह का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करना अनिवार्य हो गया है और इस समिति के अगले छह महीनों में इन सुधारों को लागू करने में बीसीसीआई की मदद करने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि मार्कंडेय काटजू 2006 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के अलावा भारतीय प्रेस परिषद के चेयरमैन भी रह चुके हैं। वह दिल्ली हाईकोर्ट, मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश और इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश भी थे।
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बीसीसीआई की कार्यकारी समिति ने कहा
बीसीसीआई की कार्यकारी समिति ने कहा है कि काटजू की अध्यक्षता में गठित समिति बीसीसीआई की तरफ से लोढ़ा समिति से बातचीत करेगा और बोर्ड को समिति की सिफारिशें लागू करने के लिए जरूरी सलाह और मार्गदर्शन भी देगा। काटजू को तीन विख्यात वकीलों का सहयोग हासिल होगा जिनमें से एक बीसीसीआई के कानूनी सलाहकार अभिनव मुखर्जी शामिल हैं।
बीसीसीआई ने अपने बयान में कहा
-बोर्ड के सभी सदस्य इस बात को लेकर एकमत हैं कि समिति की सिफारिशें काफी जटिल हैं।
-सभी बोर्डों में उन्हें लागू करने के लिए बड़े बदलाव की जरूरत है।
-इसमें भविष्य में कई तकनीकी और कानूनी समस्याएं आएंगी।
-मामले की जटिलता को समझते हुए यह तय किया गया कि एक समिति का गठन किया जाए।
-जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को सौंपी जाए।
-उनके साथ तीन वकील इस पैनल में रहेंगे। जिसमें बीसीसीआई के वकील अभिनव मुखर्जी का नाम भी शामिल है।