बल्लेबाज के खून से सने थे पैर, लेकिन फिर भी इस टीम ने रचा इतिहास
इस बार की ट्राफी जीतता वो आईपीएल के इतिहास में सबसे ज्यादा बार आईपीएल का खिताब जितने वाला कप्तान और टीम बन जाती। मुकाबला शुरू हुआ।
आज पूरा देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। जिसके चलते देश की सारी व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हैं। ऐसे में क्रिकेट भी पिछले कई महीनों से दूर है। लेकिन आज से ठीक एक साल पहले आज ही के दिन क्रिकेट का त्यौहार माना जाने वाला आईपीएल का फाइनल खेला गया था। जो आईपीएल की दो सबसे मजबूत और सबे फेमस टीमें मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच खेला गया था। जिसमें मुंबई इंडियंस ने खिताब अपने नाम किया है। अब इस बार आईपीएल का होना तो कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गया। ऐसे में आइये याद करते हैं उस आईपीएल फाइनल की कुछ यादें।
मुंबई-चेन्नई के बीच हुआ खिताबी मुकाबला
IPL 2019 का फाइनल मुकाबला 12 मई को हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में दर्शकों के शोरोगुल के साथ खेला गया था। ये फाइनल तीन-तीन बार की आईपीएल विजेता टीमें रोहित शर्मा की अगुआई वाली मुंबई इंडियंस और कैप्टन कूल यानि महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला गया था। इस बार ये मुकाबला ऐसी दोनों टीमों के बीच था जो 3-3 बार इस ट्राफी को अपने नाम कर चुकीं थीं। अब ऐसे में जो भी इस बार की ट्राफी जीतता वो आईपीएल के इतिहास में सबसे ज्यादा बार आईपीएल का खिताब जितने वाला कप्तान और टीम बन जाती। मुकाबला शुरू हुआ। इस फाइनल में टॉस की बाजी मारी मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने।
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और उन्होंने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। लेकिन ये निर्णय उस समय सही नहीं लगा जब मुंबई की पूरी टीम 20 ओवर में सिर्फ 149 रन ही स्कोर बोर्ड पर लगा पाई। ऐसे में तीन बार की चैम्पियन और दिग्गजों से भरी चेन्नई के आगे ये लक्ष्य काफी कम ही लग रहा था। और चेन्नई के दोनों सलामी बल्लेबाज फाफ डुप्लेसिस और शेन वॉटसन ने शुरुआत भी टीम को कुछ ऐसी ही दिलाई। लेकिन उसके बाद गेम पलटा और चेन्नई के विकेट लगातार नियमित अंतराल पर गिरते चले गए।
रोमांचक मुकाबले में मुंबई ने जीता ख़िताब
चेन्नई के बाकी विकेट तो नियमित अंतराल पर गिरते चले गए। लेकिन चेन्नई के सलामी धाकड़ बल्लेबाज आस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वाटसन एक छोर संभाले खड़े रहे। वॉटसन ने इस बीच 59 गेंदों में 80 रनों की तूफानी पारी भी खेली। शेन वाटसन अपनी इस साहसी पारी के दम पर चेन्नई सुपर किंग्स को चौथी बार का खिताब जिताने वाले ही थे लेकिन तभी कुछ ऐसा घटा जिसने पूरे मैच का रुख ही पलट दिया। लगातार अच्छी पारी खेल रहे वाटसन अपने पास स्ट्राइक रखने के चक्कर में आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर रन आउट हो गए। और और यहां से चेन्नई की उम्मीदों को भी झटका लगा। लेकिन मैच में रोमांच अभी भी बचा था। धोनी की टीम को जीत के लिए 2 गेंदों 4 रन बनाने थे। गेंद थी यार्कर किंग लसिथ मलिंगा के हाथों में और बल्लेबाजी पर सामने थे चेन्नई के पुछल्ले बल्लेबाज शार्दुल ठाकुर।
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ठाकुर ने मलिंगा की पाचवीं गेंद पर 2 रन दौड़ लिए। ऐसे में अब अंतिम गेंद पर जीत क लिए चाहिये सिर्फ 2 रन। और मैच को स्कोर बराबर करा कर सुपर ओवर के लिए सिर्फ 1 रन की ही दरकार थी। ऐसे में आखिरी गेंद के लिए टीम के कप्तान रोहित शर्मा और भारत के यार्कर किंग जसप्रीत बुमराह ने मलिंगा को अंतिम गेंद स्लो डालने को कहा। मलिंगा ने कप्तान के कहे अनुसार शार्दुल ठाकुर को स्लोअर गेंद डाल दी जिस पर वे चूक गए और विकेट के सामने पाए जाने की वजह से वे lbw आउट हो गए। इसी के साथ मुंबई की टीम आइपीएल 2019 का फाइनल 1 रन से जीत गई और चार आइपीएल खिताब जीतने वाली पहली टीम बन गई।
खून से लथपथ घुटने से खेलते रहे वाटसन
आखिरी तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए लड़ते रहे शेन वॉटसन की क्रिकेट के प्रति जुनून का खुलासा उस समय हुआ जब उसी रात चेन्नई की टीम के स्पिनर हरभजन सिंह ने एक बड़ा खुलासा किया। 80 रन की नायाब पारी खेलने वाले शेन वॉटसन रन लेने और अपना विकेट बचाने के चक्कर में अपना पैर जख्मी कर बैठे थे। उन्होंने इस चोट के बारे में किसी को नहीं बताया था। यहां तक कि मैच के दौरान भी किसी को मालूम नहीं हुआ था।
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शेन वॉटसन अपनी टीम के लिए लड़ते रहे और बाद में देखा तो पता चला कि उनका बाएं पैर का पैड और घुटना पूरी तरह से खून से लथपथ था। हरभजन सिंह के मुताबिक, शेन वॉटसन को घुटने में 6 टांके लगे थे। हरभजन ने उस समय अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में वॉटसन की तस्वीर शेयर की थी और लिखा था, "क्या आप उनके घुटने से बहता खून देख सकते हैं...मैच के बाद उनके पैर में 6 टांके आए। डाइव लगाते वक्त वॉटसन चोटिल हो गए थे और उन्होंने किसी को बताए बिना बल्लेबाजी जारी रखी।"