पृथ्वी शॉ ने 379 रनों की पारी खेलकर मचाया तहलका, 75 साल के इतिहास का बनाया सबसे बड़ा स्कोर
Prithvi Shaw Ranji Trophy: टीम इंडिया का जब भी चयन होता है तो सभी की निगाहें एक नाम पर टिकी रहती हैं.. वो कोई और नहीं बल्कि पृथ्वी शॉ है। लेकिन बीसीसीआई की चयन समिति इस युवा खिलाड़ी को बार-बार अनदेखा करती जा रही है।
Prithvi Shaw Ranji Trophy: टीम इंडिया का जब भी चयन होता है तो सभी की निगाहें एक नाम पर टिकी रहती हैं.. वो कोई और नहीं बल्कि पृथ्वी शॉ है। लेकिन बीसीसीआई की चयन समिति इस युवा खिलाड़ी को बार-बार अनदेखा करती जा रही है। लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया का यह युवा बल्लेबाज़ घरेलू क्रिकेट में तहलका मचा रहा है। बुधवार को एक बार फिर पृथ्वी शॉ ने एक और यादगार पारी खेलकर चयन समिति को सोचने पर विवश कर दिया। बता दें रणजी ट्रॉफी में मुंबई की तरफ से खेलते हुए पृथ्वी शॉ ने असम के खिलाफ 379 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली है। शॉ की यह पारी रणजी ट्रॉफी के 75 साल के इतिहास को दोहराने से महज कुछ ही दूर रह गई।
बीसीसीआई सेलेक्टर्स को दिया फिर मुंहतोड़ जवाब:
बता दें पृथ्वी शॉ लगातार घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त फॉर्म में चल रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी उन्हें बीसीसीआई सेलेक्टर्स अनदेखा कर देते हैं। उनके चयन ना होने के बाद सोशल मीडिया पर भी क्रिकेट फैंस बीसीसीआई की चयन समिति को निशाने बनाते हैं। अब एक बार फिर अपनी अनदेखी पर पृथ्वी शॉ ने इस ऐतिहासिक पारी के साथ बीसीसीआई सेलेक्टर्स को मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस पारी में इस धाकड़ ओपनर बल्लेबाज़ ने 383 गेंदों पर धुआंधार बल्लेबाज़ी करते हुए 379 रन बनाए। पृथ्वी शॉ ने अपनी इस पारी में 4 छक्के और 49 चौके जमाए।
बाल-बाल बचा बीबी निम्बालकर का रिकॉर्ड:
रणजी ट्रॉफी के इतिहास में पृथ्वी शॉ की यह दूसरी सबसे बड़ी पारी हो गई। वो जिस अंदाज़ में बल्लेबाज़ी कर रहे थे, कुछ देर और टिक जाते तो रणजी ट्रॉफी के सर्वाधिक स्कोर की पारी का रिकॉर्ड अपने नाम कर लेते। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रणजी ट्रॉफी के इतिहास में आज तक सिर्फ एक बार ही 400 रन से अधिक की पारी खेली गई। यह कारनामा भी महाराष्ट्र के ही बीबी निम्बालकर ने किया था। बीबी निम्बालकर ने 1948 में काठियावाड़ के खिलाफ नाबाद 443 रनों की पारी खेली थी। आज तक उनके रिकॉर्ड की कोई बराबरी नहीं कर पाया है।