IND vs ENG: सुनील गावस्कर ने पांड्या व पंत की तुलना युवी और धोनी से की, कहीं यह बड़ी बात

IND vs ENG ODI Series: इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के अंतिम मुकाबले में भारत के लिए हार्दिक पांड्या और ऋषभ पंत की जोड़ी ने मैच जिताऊ शानदार साझेदारी की और मैच अपनी टीम के पक्ष में कर दिया।

Written By :  Prashant Dixit
Update:2022-07-19 10:05 IST

IND vs ENG ODI Series Sunil Gavaskar (image credit social media)

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IND vs ENG ODI Series: इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के अंतिम मुकाबले में भारत के लिए हार्दिक पांड्या और ऋषभ पंत की जोड़ी ने मैच जिताऊ शानदार साझेदारी की और मैच अपनी टीम के पक्ष में कर दिया। अब इस जोड़ी की साझेदारी से पूर्व भारतीय दिग्गज कप्तान सुनील गावस्कर काफी प्रसन्न दिखाई दिए। दोनों की इस साझेदारी की तुलना पूर्व दिग्गज युवराज सिंह और एमएस धोनी से की है।

ऋषभ और हार्दिक की शानदार साझेदारी

इंग्लैंड की टीम द्वारा दिए गए 260 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने एक समय महज 72 रन के स्कोर पर अपने चार महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए थे। यहाँ से ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या की जोड़ी ने आक्रामक रूख अपनाते हुए बल्लेबाजी की और 115 गेंदों में 133 रन जोड़े और मैच को भारत के पक्ष में ला दिया। हार्दिक पांड्या ने 71 रन बनाए, तो वहीं पंत 125 रन बनाकर नाबाद रहे, साथ ही टीम को पांच विकेट से जीत दिलाई।

दिग्गज गावस्कर का मानना है कि दोनों ने एक-दूसरे का बहुत अच्छी तरह से साथ दिया, जैसा कि पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह और एमएस धोनी ने अपने समय में किया था। स्पोर्ट्स तक पर पंत और हार्दिक की साझेदारी को लेकर गावस्कर ने कहा, कि हार्दिक पांड्या और ऋषभ पंत निश्चित रूप से युवराज और धोनी की तरह एक जोड़ी बन सकते हैं। दोनों में बड़े छक्के लगाने की क्षमता के साथ ही विकेटों के बीच अच्छी दौड़ भी लगाई।

सही समय पर हार्दिक ने की वापसी

सुनील गावस्कर ने आगे कहा, हार्दिक पांड्या वापसी के बाद से ही शानदार खेल रहे हैं। मैनचेस्टर वनडे में पांड्या ने बल्ले से पहले गेंद के साथ अपना जलवा दिखाया था। सात ओवर की गेंदबाजी में पांड्या ने तीन ओवर मेडन डाले और 24 रन खर्च करते विपक्षी टीम के चार बड़े बल्लेबाजों को अपना शिकार भी बनाया। मुझे लगता हैं, कि फिट हार्दिक पांड्या टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारत के लिहाज बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाले हैं।

हार्दिक ने ऐसे सही समय पर वापसी की है, जब भारत को एक ऑलराउंडर की सख्त जरूरत थी। अब उनके पास पांड्या और जडेजा दोनों हैं, जो बल्लेबाजी करने के साथ ही दस ओवर की गेंदबाजी भी कर सकते हैं। आप 1983, 1985, 2011 और 2013 में विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली टीमों को देखें तो सभी में अच्छे ऑलराउंडर थे, जिससे ही टीम चैम्पियन बन सकी थी।

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