प्रशासकों की समिति ने आखिरकार CAC के लिये तैयार की कार्यक्षेत्र की शर्तें

सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण अभी कथित हितों के टकराव मामले में जैन के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। इन तीनों ने आरोपों का खंडन किया है।

Update: 2019-05-21 11:49 GMT

नई दिल्ली : प्रशासकों की समिति (सीओए) ने आखिरकार तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के लिये कार्यक्षेत्र की शर्तें तैयार कर ली है जो उन्हें बीसीसीआई के नैतिक अधिकारी डी के जैन के हितों के टकराव के संबंध में फैसला सुनाने के बाद उन्हें सौंपी जाएंगी।

बीसीसीआई के चुनाव हालांकि 22 अक्टूबर को होने हैं और कार्यक्षेत्र की शर्तें उसी समय तक वैध मानी जाएंगी।

सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण अभी कथित हितों के टकराव मामले में जैन के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। इन तीनों ने आरोपों का खंडन किया है।

समिति के एक सदस्य तेंदुलकर ने 2015 में इसके प्रभाव में आने समय ही कार्यक्षेत्र की शर्तों के लिये कहा था। सीसीआई जनवरी 2017 तक चयनित संस्था थी और इसके बाद सीओए अस्तित्व में आये।

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बीसीसीआई में कई का मानना है कि अगर सीओए ने इस मामले में ढीला रवैया नहीं अपनाया होता तो एमपीसीए सदस्य संजीव गुप्ता शिकायत दर्ज नहीं करा पाते।

बीसीसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारी ने पीटीआई से गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘कार्यक्षेत्र की शर्तें तैयार हैं। न्यायमूर्ति जैन जब अपना फैसला सुना देंगे तो तीन सदस्यीय समिति को लिखित में ये शर्तें सौंप दी जाएंगी। समिति बीसीसीआई एजीएम तक काम करेगी।’’

उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले चार साल से तेंदुलकर इन शर्तों के बारे में कह रहे थे। अधिकारी ने कहा, ‘‘जब अनुराग ठाकुर अध्यक्ष बने थे तब सचिन ने अपनी कार्यक्षेत्र की शर्तों पर स्पष्टीकरण मांगा था। अब दो साल से सीओए हैं और इसलिए यह सब गड़बड़ हुई। अगर सचिन बुरा महसूस करते हैं तो इसके लिये आप उन्हें दोष नहीं दे सकते। लेकिन उम्मीद है कि सारी आशंकाएं जल्द हीदूर हो जाएंगी। ’’

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अगर ये तीनों अपने पद पर बने रहते हैं तो उनके लिये सबसे बड़ा काम विश्व कप के बाद सीनियर राष्ट्रीय टीम के लिये कोच का इंटरव्यू करना होगा।

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