भारत के टॉप 3 क्रिकेटर, जिन्होंने देश के लिए किए हैं बड़े त्याग... एक ने तो जान जोख़िम में डाली

Indian Cricket Team: भारतीय क्रिकेट टीम इस समय दुनिया की सबसे बेस्ट क्रिकेट टीमों में से एक हैं। टीम हर फॉर्मेट में मौजूदा समय की बात करें तो पहले नंबर पर टिकी हुई हैं।

Update:2024-01-31 17:21 IST

Indian Cricket Team (photo. Social Media)

भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) इस समय दुनिया की सबसे बेस्ट क्रिकेट टीमों में से एक हैं। मौजूदा समय की बात करें तो टीम हर फॉर्मेट में पहले नंबर पर टिकी हुई हैं। हालांकि इसके पीछे का कारण टीम के समर्पित खिलाड़ियों को ही जाता है। उन्हीं में से तीन खिलाड़ियों के बारे में हम बात करने वाले हैं, जिन्होंने भारतीय टीम के लिए सब कुछ बलिदान कर दिया।

इन तीन खिलाड़ियों ने देश के लिए किया बड़ा त्याग

विराट कोहली

आपको बताते चलें कि मौजूदा समय में विराट कोहली (Virat Kohli) क्रिकेट के पर्यायवाची बन चुके हैं। अब तक वनडे टेस्ट T20 दोनों फॉर्मेट में इस खिलाड़ी का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा है। हालांकि क्रिकेट के लिए विराट कोहली का शुरुआती समय कुछ ज्यादा अच्छा नहीं रहा। जब वह 17 साल की उम्र में अंडर-19 टीम में सेलेक्ट होने वाले थे।

उसी दौरान दिल्ली तथा कर्नाटक के बीच चल रहे रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में विराट कोहली की बड़ी भूमिका रहने वाली थी। लेकिन उस मैच के दौरान उन्हें पता चला कि उनके पिता का ब्रेन स्ट्रोक के चलते निधन हो गया है। इसके बावजूद उन्होंने क्रिकेट को प्राथमिकता दी । देश के लिए खेलना ही प्राथमिकता समझा। उनके इस त्याग के परिणाम स्वरुप भारत को एक नया हीरा मिल गया।

सचिन तेंदुलकर

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने भी एक बार देश के लिए कुछ इसी तरीके का बड़ा त्याग किया। यह घटना 1999 के वर्ल्ड कप के दौरान की है, जब भारतीय टीम टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर थी और इस दौरान सचिन को खबर मिलती है कि उनके पिता रमेश तेंदुलकर का निधन हो चुका है।

इसके बाद वह अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए भारत लौट आए। लेकिन उन्होंने अंतिम संस्कार के तुरंत बाद ही वापस जाने का निर्णय लिया। जी हां वह फिर से वर्ल्ड कप की टीम में शामिल हुए और केन्या के खिलाफ 140 रनों की नाबाद पारी खेल कर टीम इंडिया को सुपर सिक्स में पहुंचने का काम किया। उन्होंने अपना यह शतक पिता के नाम कर दिया। उनकी यह घटना आज भी तमाम युवा क्रिकेटरों को काफी ज्यादा प्रेरित भी करती है।

युवराज सिंह

गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे अव्वल ऑलराउंडर युवराज सिंह का नाम हर भारतीय क्रिकेट फैन जानता है। क्योंकि उनके ही कारण टीम इंडिया ने T20 वर्ल्ड कप 2007 तथा एक दिवसीय वर्ल्ड कप 2011 का खिताब अपने नाम किया। 2011 के टूर्नामेंट में युवराज सिंह (Yuvraj Singh) प्लेयर ऑफ द सीरीज भी रहे, लेकिन इनसाइड कहानी ज्यादातर लोगों को नहीं पता है।

इस वर्ल्ड कप से पहले उन्हें मालूम चला कि वह कैंसर से जूझ रहे हैं, जो की जानलेवा है और उनके पास कम समय बचा है। इसके बावजूद उन्होंने देश के लिए खेलने का फैसला लिया। अपना इलाज वर्ल्ड कप के बाद ही शुरू करवाने के निर्णय पर पहुंचे। युवराज सिंह ने कैंसर के दौरान ही पूरा वर्ल्ड कप खेला और भारत को 28 साल बाद ट्रॉफी दिलाई। यह घटना भी हर क्रिकेट फैंस के रोंगटे खड़े कर देती है।

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