Umesh Yadav Birthday Special: डेब्यू के बाद भी 6 साल नहीं खेले मैच, फिर ऐसे रचा इतिहास
Umesh Yadav Birthday Special: भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना ज्यादातर यंग खिलाड़ियों का सपना होता है। इस सपने को सच करने के लिए खिलाड़ी कई चीजों को Sacrifice करते हैं।
Umesh Yadav Birthday Special: भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना ज्यादातर यंग खिलाड़ियों का सपना होता है। इस सपने को सच करने के लिए खिलाड़ी कई चीजों को Sacrifice करते हैं। भारतीय गेंदबाज उमेश यादव ने भी टीम इंडिया के लिए खेलने के लिए कई मुश्किलों का सामना किया। बता दे उमेश को डेब्यू के बाद भी 6 साल तक कोई T20 आई मैच खेलने को नहीं मिला।
दरअसल आज बर्थडे स्पेशल में हम बात कर रहें उमेश यादव की। बता दे आज उमेश यादव अपना 35 वां जन्मदिन सेलेब्रिटी कर रहे हैं। उमेश यादव ने अपने क्रिकेट करियर में कई उतार चढ़ाव देखें। कई बार टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया तो कई बार फिट होने के बाद भी टीम इंडिया में जगह नहीं मिली। लेकिन जब उमेश यादव को टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला उमेश यादव ने इतिहास रचा। उमेश यादव अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय फैंस का दिल जीतने में भी कामयाब रहे हैं।
बता दे दाएं हाथ के इस गेंदबाज ने साल 2012 में T20 में डेब्यू किया था लेकिन इसके बाद से वह अबतक सिर्फ 7 मैच ही खेल पाए हैं, ऐसे में जब उनकी टीम में वापसी हुई तो लोगों को बेहद हैरानी हुई। बता दे उमेश यादव को डेब्यू के बाद 6 साल तक कोई टी20 आई मैच खेलने को नहीं मिला।
बता दे साल 2018 में पहली बार उमेश यादव को 5 टी-20 मैच खेलने को मिला। इसके बाद साल 2019 में उमेश यादव सिर्फ एक टी-20 मैच ही खेल पाए। उमेश यादव ने अपना आखिरी टी-20 मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फरवरी 2019 में खेला था। बता दे उमेश ने 7 टी-20 मैचों में 9 विकेट लिए हैं। उनका औसत 24.33 और इकोनॉमी 8.76 की रही है। वहीं स्ट्राइक रेट 16.6 की रही है।
उमेश यादव ने ऐसे रखी क्रिकेट की दुनिया में कदम
दरअसल 25 अक्टूबर 1987 को जन्मे उमेश यादव ने अपने जीवन में बहुत स्ट्रगल देखा है। बता दे उमेश यादव के पिता मूल रूप से उत्तरप्रदेश के देवरिया से हैं, लेकिन नौकरी के चलते वो नागपुर आ गए। दरअसल उमेश का जन्म भी नागपुर में ही हुआ और उमेश अपनी 2 बहनें और 1 भाई में सबसे छोटे हैं। उमेश यादव के पिता चाहते थे कि घर में से कोई सरकारी नौकरी में हो, ताकि घर की समस्या दूर हो सके। इसके लिए उमेश यादव ने भी कई बार सरकारी नौकरी के लिए एग्जाम दिए, लेकिन सफल नहीं हो पाए। आखिरकार उमेश यादव ने अपने क्रिकेटर बनने के शौक को चुना और आज टीम इंडिया के फास्ट बॉलर्स में उमेश की जगह है। बता दे क्रिकेट में करियर बनाने का फैसला ले चुके उमेश यादव ने टेनिस बॉल को छोड़, लेदर बॉल से प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया। दरअसल लेदर बॉल से खेलने के बाद उमेश विदर्भ के लिए खेलने लगे। हालांकि पैसे नहीं होने के बाद भी उमेश यादव ने हार नहीं मानी। बता दे विदर्भ के लिए खेलने वाले उमेश यादव को आखिरकार साल 2008 में रणजी ट्रॉफी खेलने का मौका मिला। मैच की पहली पारी में ही उमेश यादव ने 75 रन दिए और 4 विकेट अपने नाम किए। लेकिन उमेश यादव की जिंदगी बदली IPL से। जब IPL-2010 में उमेश को दिल्ली डेयरडेविल्स ने 18 लाख रुपए में खरीदा, इसके बाद से ही उमेश यादव की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। दरअसल IPL में मिले पैसों की बदौलत उमेश की फाइनेंशियल कंडीशन सुधर गई और घर में पैसों की तंगी भी कम हो गई। बता दे IPL में शानदार परफॉर्मेंस के दम पर उमेश यादव को टीम इंडिया में जगह मिली। उमेश यादव ने साल 2010 में वनडे और 2011 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। बता दे कि क्रिकेटर बनने के बाद उमेश यादव को रिजर्व बैंक में ऑफिसर भी बनाया गया है, जिससे उनके पिता का 'सरकारी नौकरी' (Government Job) वाला सपना भी पूरा हो गया। उमेश यादव ने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर कई रिकॉर्ड्स भी अपने नाम किया। बता दे साल 2019 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रांची में खेले गए तीसरे टेस्ट में उमेश यादव ने आतिशी बल्लेबाजी करते हुए 10 गेंदों में 5 छक्के की मदद से 31 रन भी ठोके हैं। बता दे उमेश यादव टेस्ट में 150 विकेट लेने वाले भारत के 16वें गेंदबाज बने तो वहीं छठे तेज गेंदबाज बने।