Tech Companies: टेक कंपनियों की मनमानी पर लगाम कसने जा रही है सरकार, जानें क्या है मामला
Tech Companies: केंद्र सरकार अब टेक कंपनियों के इस मनमानी पर लगाम कसने जा रही है।सरकार केवल दो तरह के चार्जर लाने पर विचार कर रही है।
Tech Companies: हाल के दिनों में ऐसा देखऩे में आया है कि कई स्मार्टफोन कंपनियां अपने महंगे हैंडसेट के साथ मोबाइल चार्जर नहीं दे रही हैं। इनमें सैमसंग और ऐप्पल जैसी कंपनियां शामिल है। दरअसल इन कंपनियों की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा चार्जरों की बिक्री से आता है। इसके अलावा अलग – अलग इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स (electronic gadgets) के लिए लोगों को अलग – अलग चार्जर रखने पड़ते हैं, जिससे खर्च भी बढ़ता है और असुविधा भी बढ़ती है। केंद्र सरकार अब टेक कंपनियों के इस मनमानी पर लगाम कसने जा रही है।
सरकार केवल दो तरह के चार्जर लाने पर विचार कर रही है। अगर सरकार इस पर निर्णय ले लेती है तो देश में केवल दो तरह के चार्जिंग पोर्ट्स देखने को मिलेंगे। ऐसा होने पर लोगों को बार – बार नया चार्जर खरीदने के झंझट से मुक्ति मिलेगा और उनके जेब पर भी अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। इस संबंध में सरकार इस सेक्टर की कंपनियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रही है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बुलाई बैठक
केंद्र सरकार (Central Government) के उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इस संबंध में जल्द एक अहम बैठक करने जा रही है। बैठक में सभी मुख्य इंडस्ट्री एसोसिएशन और सेक्टर स्पेसिफिक ऑर्गेनाइजेशन को बुलाया गया है। जानकारी के मुताबिक, विभागीय सचिव रोहित कुमार सिंह ने इस संबंध में इंडस्ट्री लीडर्स को पिछले दिनों एक खत लिखा था, जिसमें अलग –अलग चार्जर होने के कारण उपभोक्ताओं के सामने आने वाली समस्याओं का जिक्र किया गया था। सिंह ने घरेलू इस्तेमाल के लिए मल्टीपल चार्जिंग के इस्तेमाल को समाप्त करने की संभावनाओं पर विचार करने के लिए 17 अगस्त को बैठक के लिए बुलाया।
दो तरह के ही चार्जिंग पोर्ट होंगे
कंज्यूमर अफेयर सेक्रेटरी (Consumer Affairs Secretary) ने अपने खत में आगे कहा कि अब समय आ गया है कि हम केवल दो तरह के चार्जिंग प्वाइंट्स के फ्रेमवर्क पर काम करना शुरू करें। एक चार्जिंग पोर्ट स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, ईयरबड्स और स्पीकर जैसे मीडियम साइज वाले डिवाइस के लिए इस्तेमाल होगा। वहीं दूसरा फीचर फोन्स में इस्तेमाल होगा।
बता दें कि केवल दो चार्जिंग पोर्ट का नियम लागू करने वाला भारत कोई पहला देश नहीं होगा। भारत से भी पहले यूरोपीय यूनियन इस तरह का कदम उठा चुका है। वहां तो केवल एक चार्जिंग पोर्ट (टाइप – सी) का नियम बनाया गया है। ईयू के सदस्य देशों में इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स में केवल टाइप – सी चार्जिंग पोर्ट होगा। टेक कंपनियों को अगले साल से इस नियम का पालन करना होगा।