ChatGPT: यदि आप भी चैटजीपीटी यूजर तो जान लीजिए ये बड़ी बात, सेकेंड्स में खुल जाएगी सारी पोल

ChatGPT: चैटजीपीटी से खत लिखवाया है तो जान लीजिए उसी तरह के खत और आशिकों ने भी अपनी मासूकाओं के लिए भेजा है। इसमें कुछ भी रिक्रिएट करते हैं तो वह एक जैसा ही होता है।;

Written By :  Snigdha Singh
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Update:2023-02-16 07:39 IST
ChatGPT

ChatGPT (photo: social media )

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ChatGPT: अगर आप भी चैट जीपीटी का इस्तेमाल कर रहें हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि इससे प्राप्त कंटेट नकल (कॉपी) की श्रेणी में आएगा। बीते दिनों एक सर्वे में पता चला कि युवा वैलेंटाइन पर चैट जीपीटी से लव लेटर लिख रहे हैं। लेकिन आपने भी चैटजीपीटी से खत लिखवाया है तो जान लीजिए उसी तरह के खत और आशिकों ने भी अपनी मासूकाओं के लिए भेजा है। इसमें कुछ भी रिक्रिएट करते हैं तो वह एक जैसा ही होता है।

मान लीजिए चैट जीपीटी में भारत की राजधानी पूछा तो ये तय है कि उत्तर सच होगा। लेकिन आप किसी देश से संबधित पत्राचार कर रहे या भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं तो चैटजीपीटी का इस्तेमाल न करें। चैट जीपीटी इस समय इंटरनेट की दुनिया में धमाल मचाए है। लेकिन ये जो भी उत्तर देंगे वह कॉपी पेस्ट होगा। न आपकी भावनाएं, न आपके अल्फाज और न आपके शब्द विन्यास होंगे। बहुत से लोगों की पहचान उनकी भाषा शैली होती है। चैटजीपीटी या दूसरे आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस प्लेफॉर्म हैं उन पर भाषा तो है लेकिन शैली नहीं। भाषा बेहद सपाट है, जो आकर्षित नहीं करती है। इससे सिर्फ कॉम्यनिकेट कर सकते हैं। जबकि भाषा वैज्ञानिकों की माने तो भाषा का काम सिर्फ काम्युनिकेट करना नहीं होता है।

एक जैसा ही क्रिएट हो रहा कंटेंट

हमने चैट जीपीटी में एक ही विषय पर अलग-अलग लॉगिन आईडी से आर्टिकल लिखवाए। जिसमें हमने देखा कि सभी में एक जैसे ही शब्द, भाषा और तरीका है। इससे साफ है कि यदि कोई भी यूजर किसी तरह के कंटेंट क्रिएट करता है तो कॉपी कंटेंट होगा। प्रतिस्पर्धा के दौर में कॉपी कंटेंट की नाम मात्र की डिमांड है। उदाहरण के तौर पर हमने ‘लव लेटर फॉर केयरिंग हसबैंड’ पर कंटेंट लिखवाया तो एक जैसा ही मिला।


क्या है चैट जीपीटी

चैट जीपीटी Chat GPT (Generative Pre-trained Transformer) ओपन एआई (Open AI) द्वारा तैयार किया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित यह चैट बॉट है। आपके द्वारा पूछे गए सवालों के लगभग सटीक उत्तर देता है। हालांकि, कई बार इसके द्वारा दिए गए उत्तरों में प्रसंगों की कमी होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस एआई बेस्ड टूल के जरिए भविष्य में कई जरूरी कार्यों को किया जा सकता है। इससे आधुनिकता के क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं देखी जा रही हैं।

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