Street View Service In India: भारत में गूगल ला रहा स्ट्रीट व्यू, लोकल पार्टनर देंगे डेटा

Street View Service In India: गूगल अब भारत में 'स्ट्रीट व्यू सेवा' शुरू करने वाला है। दस साल पहले गूगल ने भारत में अपनी स्ट्रीट व्यू सेवाओं के लिए डेटा कैप्चर करना शुरू किया था।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2022-07-27 09:34 GMT

भारत में गूगल ला रहा स्ट्रीट व्यू : Photo- Social Media

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Lucknow: गूगल (Google) अब भारत में 'स्ट्रीट व्यू सेवा' (street view service) शुरू करने वाला है। दस साल पहले गूगल ने भारत में अपनी स्ट्रीट व्यू सेवाओं के लिए डेटा कैप्चर करना शुरू किया था लेकिन सरकार ने इसपर रोक लगा दी थी। अब गूगल ने स्थानीय भागीदारों, टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) और मुंबई स्थित जेनेसिस इंटरनेशनल (Genesis International) के जरिये उपलब्ध डेटा के साथ भारत के 10 शहरों के लिए अपनी 360 डिग्री इंटरेक्टिव पैनोरमा सुविधा शुरू की है।

ये भारत की नई 'नेशनल जियोस्पेटियल (भू-स्थानिक) नीति, 2021 द्वारा संभव हो सका है, जो स्थानीय कंपनियों को इस तरह का डेटा एकत्र करने और दूसरों को लाइसेंस देने की सुविधा देता है। इस तरह भारत पहला ऐसा देश भी बन गया है जहां 'स्ट्रीट व्यू' को मुख्य रूप से भागीदारों द्वारा डेवलप किया गया है।

'प्रोजेक्ट गुलिफाई' (Project Gullify) नाम से स्ट्रीट व्यू शुरू में 10 भारतीय शहरों के लिए लॉन्च किया जाएगा और साल के अंत तक 50 शहरों तक शुरू किया जाएगा। दो साल में 700,000 किमी से अधिक की मैपिंग की जायेगी।

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एक साथ कई क्षेत्रों में स्केल करने की क्षमता

गूगल मैप्स (Google Maps) एक्सपीरियंस की वीपी मिरियम कार्तिका डैनियल ने बताया है कि स्थानीय भागीदारों के पास मौलिक भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियां और अनुभव, साथ ही लोजिस्टिक्स का अनुभव है और एक साथ कई क्षेत्रों में स्केल करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि ये नई भू-स्थानिक नीति में लाई गई स्पष्टता से संभव हुआ है। सबसे पहले यह आवश्यक है कि स्थानीय संस्थाएं सभी डेटा एकत्र करें। जो डेटा एकत्र कर रहे हैं वही उसके मालिक हैं। यहां तक कि कैमरा कॉन्फिगरेशन भी हमारे पार्टनर करते हैं। हमारे साझेदारों को ठीक से पता है कि वे कहाँ जा सकते हैं और डेटा एकत्र कर सकते हैं।

2011 में बेंगलुरू पुलिस द्वारा उठाई गई आपत्तियों के बाद, गूगल द्वारा भारत में अपने स्ट्रीट व्यू उपक्रम को रोक दिया गया था। इसके बाद वोनोबो और बाद में मैपमाईइंडिया जैसे भारतीय खिलाड़ियों ने इंटरैक्टिव पैनोरमा मानचित्रों के अपने स्ट्रीट व्यू संस्करण पेश करने शुरू कर दिये। लेकिन स्ट्रीट व्यू, गूगल मैप्स के साथ इसके इंटीग्रेशन को देखते हुए यूजर्स को बेहतर सेवा मिलेगी।

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मैप में स्पीड लिमिट डेटा के साथ 'रोड कंजेशन डेटा' लॉन्च करेगा गूगल

गूगल ने बेंगलुरु और चंडीगढ़ के लिए मैप में स्पीड लिमिट डेटा के साथ-साथ नौ शहरों में 'रोड कंजेशन डेटा' लॉन्च करने की भी घोषणा की है। यह ट्रैफिक पैटर्न के आधार पर उत्सर्जन को मापने के लिए पर्यावरण एक्सप्लोरर टूल पर भी काम कर रहा है, जिससे योजनाकारों को शहरों में उत्सर्जन को कम करने का एक बेहतर दृष्टिकोण मिल सके। यह कुछ शहरों में लोकल स्ट्रीट-लेवल एयर क्वालिटी इंडेक्स नंबर दिखाना शुरू कर देगा।

टेक महिंद्रा के बिजनेस प्रोसेस सर्विसेज के बिजनेस हेड बीरेंद्र सेन ने कहा है कि उन्होंने शहरों का नक्शा बनाने के लिए महिंद्रा वाहनों का इस्तेमाल किया, जिनमें से लगभग 10 फीसदी ग्रीन वाहन थे। जेनेसिस इंटरनेशनल कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक साजिद मलिक ने कहा कि भारत में लोग लैंडमार्क-आधारित नेविगेशन का अधिक उपयोग करते हैं क्योंकि यहाँ पते काफी जटिल होते हैं। गूगल अब इस साझेदारी मॉडल को दुनिया के अन्य हिस्सों में ले जाने पर विचार कर रहा है।

स्ट्रीट व्यू से गूगल को बेहतर मैप बनाने में भी मदद मिलेगी क्योंकि यह सड़क की स्थिति आदि पर डेटा को जरी करने में सक्षम होगा जो अक्सर उपग्रह की फोटो में स्पष्ट नहीं होता है।

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