Grok AI Kya Hai: ग्रोक एआई के विवादित उत्तरों से भारत में राजनीतिक हलचल, आइए जानते है इस तकनीक से जुड़े दूरगामी प्रभाव और खतरों के बारे में
Grok AI India: Grok AI, एलन मस्क की कंपनी xAI द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है, जिसे X प्लेटफ़ॉर्म पर उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।;
Grok AI Kya Hai (Photo- Social Media)
Grok AI Kya Hai In Hindi: तकनीकी क्रान्ति के तौर पर उभरा AI टूल जिसने मानवजीवन से जुड़े लगभग हर क्षेत्र में एक अकल्पनीय परिवर्तन लाने का काम किया है वहीं अब इस तकनीक का एक और एडवांस वर्जन 'Grok' अपनी अत्याधुनिक खूबियों के साथ ही कुछ विवादित जवाबों के चलते राजनीति से लेकर मीडिया में चर्चा का विषय बन चुका है। क्या आप जानते हैं कि आखिर ये Grok शब्द का उपयोग इस तकनीक में क्यों किया गया है। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, 'Grok' शब्द की उत्पत्ति और उसके वर्तमान उपयोग के बीच एक रोचक संबंध है। जहां रॉबर्ट ए. हेनलिन के उपन्यास में 'Grok' का मतलब गहरी समझ और सहानुभूति से है, वहीं एलन मस्क के 'Grok' चैटबॉट में यह व्यंग्यात्मक और मजाकिया अंदाज में प्रतिक्रियाएं देने के लिए जाना जाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में 'Grok' कैसे विकसित होता है और उपयोगकर्ताओं के साथ उसकी बातचीत का स्वरूप कैसा रहता है।
शायद आप सोच रहे होंगे कि ये ग्रोक शब्द कहां से आया? असल में अमेरिकी साइंस फिंक्शन राइटर रॉबर्ट ए हेनलेन ने 1961 में उपन्यास 'स्ट्रेंजर इन ए स्ट्रेंजर लैंड' में ग्रोक शब्द का इस्तेमाल किया था। इस उपन्यास में 'ग्रोकिंग' का मतलब था- दूसरों के लिए गहरी सहानुभूति रखना। हालांकि एलन मस्क ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ग्रोक का मॉडल डगलस एडम्स की 'द हिचहाइकर- गाइड टू गैलेक्सी' से प्रेरणा लेकर बनाया गया है।
एलन मस्क ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ''ग्रोक को व्यंग्य पसंद है और हल्का फुल्का मज़ाक करते हुए जवाब देगा। दूसरे एआई सिस्टम जैसे जवाबों को देने से बचता है, ग्रोक उनके भी जवाब देगा।'' ग्रोक एआई को ज़्यादा विस्तार इस कारण भी मिल रहा है, क्योंकि इसमें सवाल पूछने के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ रहा। एक्स की फीड को स्क्रॉल करते हुए बस एक ट्वीट और ग्रोक जवाब दे देगा। आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
क्या है ग्रोक एआई (What is Grok AI)?
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Grok AI, एलन मस्क की कंपनी xAI द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है, जिसे X (पूर्व में ट्विटर) प्लेटफ़ॉर्म पर उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह चैटबॉट X (पूर्व में ट्विटर) के साथ एकीकृत है, जिससे उपयोगकर्ता सीधे अपनी फीड में स्क्रॉल करते हुए प्रश्न पूछ सकते हैं और तुरंत उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। इस एकीकरण के कारण उपयोगकर्ताओं को कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं होती; वे सीधे X प्लेटफ़ॉर्म पर ही 'Grok' से बातचीत कर सकते हैं। Grok का उद्देश्य एक "बागी" और "व्यंग्यात्मक" व्यक्तित्व के साथ उपयोगकर्ताओं को अधिक मानवीय और आकर्षक अनुभव प्रदान करना है। यह चैटबॉट नवंबर 2023 में लॉन्च किया गया था और तब से यह अपनी विशेषताओं और विवादास्पद प्रतिक्रियाओं के कारण चर्चा में रहा है।
Grok AI ने अपनी अनूठी विशेषताओं और तकनीकी क्षमताओं के माध्यम से AI चैटबॉट्स के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। हालांकि, इसका भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि यह तकनीकी उन्नति, उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया, नैतिकता, और प्रतिस्पर्धा के साथ कैसे तालमेल बिठाता है। यदि xAI इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करता है, तो Grok AI आने वाले वर्षों में AI उद्योग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
एलन मस्क के 'Grok' चैटबॉट से विवाद
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
एलन मस्क की कंपनी xAI द्वारा विकसित चैटबॉट Grok AI हाल ही में भारत में राजनीतिक विवादों का केंद्र बन गया है। इसके कुछ उत्तरों ने भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू से संबंधित प्रश्नों पर। आइए जानते हैं ग्रोक द्वारा दिए गए वो विवादित जवाब क्या थे?
मोदी सरकार पर Grok AI के उत्तर:
Grok AI से जब पूछा गया कि "भारत के सबसे सांप्रदायिक नेता कौन हैं?" तो उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया। इस उत्तर ने सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कीं, जहाँ उपयोगकर्ताओं ने इस पर बहस शुरू कर दी कि क्या AI चैटबॉट्स को इस प्रकार के राजनीतिक प्रश्नों का उत्तर देना चाहिए।
गांधी और नेहरू पर Grok AI के उत्तर:
एक अन्य प्रश्न में पूछा गया कि क्या महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार से माफी मांगी थी या पेंशन ली थी। Grok AI ने उत्तर दिया कि यह दावा गलत है; न तो गांधी और न ही नेहरू ने ब्रिटिश सरकार से माफी मांगी थी या पेंशन ली थी।
सावरकर पर Grok AI का उत्तर :
जब पूछा गया कि "अंग्रेजों से सबसे ज्यादा माफी किसने मांगी और किसने 60 रुपये की मासिक पेंशन ली?" तो Grok AI ने विनायक दामोदर सावरकर का नाम लिया, जो हिंदुत्व विचारधारा के प्रमुख नेता थे। इस उत्तर ने भी राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दिया।
सोनिया गांधी पर Grok AI का उत्तर:
एक उपयोगकर्ता ने पूछा कि "क्या सोनिया गांधी बार डांसर थीं?" Grok AI ने स्पष्ट किया कि यह गलत जानकारी है; सोनिया गांधी कभी बार डांसर नहीं रहीं, बल्कि एक रेस्टोरेंट में अटेंडर के रूप में काम कर चुकी हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और संभावित सेंसरशिप:
Grok AI के इन उत्तरों के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थकों में नाराजगी देखी गई है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार इस चैटबॉट पर प्रतिबंध लगाने या इसे सेंसर करने पर विचार कर सकती है। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
Grok AI की विशेषताएं और कार्यप्रणाली (Features and Functionalities of Grok AI)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Grok AI एक लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) आर्किटेक्चर पर आधारित है, जो इसे प्राकृतिक भाषा को समझने और उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है। यह उपयोगकर्ताओं के प्रश्नों का उत्तर देने, जानकारी प्रदान करने और विभिन्न विषयों पर संवाद करने में सक्षम है। Grok AI की एक विशिष्ट विशेषता इसका 'अनफ़िल्टर्ड' या 'नो-गार्डरेल' दृष्टिकोण है, जो इसे बिना सेंसरशिप के प्रतिक्रियाएँ देने में सक्षम बनाता है।
Grok AI का विकास और वर्तमान स्थिति (Development and Current Status of Grok AI)
Grok के विभिन्न संस्करणों का विकास निम्नानुसार हुआ है:-
Grok-1: यह पहला संस्करण था, जो 314 अरब पैरामीटर्स के साथ विकसित किया गया था। इसने मशीन लर्निंग बेंचमार्क्स पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, GPT-3.5 को पीछे छोड़ते हुए और GPT-4 के करीब पहुंचते हुए।
Grok-1.5V: इस संस्करण में वीडियो-आधारित क्षमताएं जोड़ी गईं, जिससे यह मल्टीमॉडल एप्लिकेशंस की दिशा में एक कदम बढ़ा।
Grok-2: 14 अगस्त 2024 को जारी किया गया यह संस्करण बेहतर प्रदर्शन और तर्क क्षमताओं के साथ आया, साथ ही इसमें Black Forest Labs के FLUX.1 का उपयोग करके इमेज जेनरेशन की सुविधा भी जोड़ी गई।
Grok-3: 17 फरवरी 2025 को xAI ने Grok-3 का बीटा संस्करण जारी किया, जिसे अपने पूर्ववर्ती की तुलना में दस गुना अधिक कंप्यूटिंग शक्ति के साथ प्रशिक्षित किया गया था। इसमें "बिग ब्रेन" तर्क क्षमता जोड़ी गई, जो इसे जटिल कार्यों को विभाजित करने और स्वयं को फैक्ट-चेक करने में सक्षम बनाती है।
Grok AI का भविष्य:
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Grok AI का भविष्य कई कारकों पर निर्भर करेगा:-
1.तकनीकी उन्नति और प्रतिस्पर्धा:
- Grok-3 के लॉन्च के साथ, xAI ने अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाया है, जिससे यह OpenAI के GPT-4, Google's Gemini, और DeepSeek के V3 जैसे मॉडलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है। भविष्य में, Grok की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह कैसे निरंतर नवाचार और उन्नति करता है।
2. उपयोगकर्ता अनुभव और प्रतिक्रिया:
- Grok का "बागी" और "व्यंग्यात्मक" व्यक्तित्व इसे अन्य चैटबॉट्स से अलग बनाता है। हालांकि, यह दृष्टिकोण विवादास्पद प्रतिक्रियाओं का कारण भी बन सकता है, जिससे उपयोगकर्ता अनुभव प्रभावित हो सकता है। भविष्य में, उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया के आधार पर Grok को संतुलित और संवेदनशील प्रतिक्रियाएं देने के लिए समायोजित किया जा सकता है।
3. स्वतंत्र ऐप और विस्तार:
- xAI ने दिसंबर 2024 तक Grok के लिए एक स्वतंत्र ऐप लॉन्च करने की योजना बनाई है, जिससे यह OpenAI के ChatGPT के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करेगा। यह विस्तार Grok की पहुंच और उपयोगकर्ता आधार को बढ़ा सकता है।
4. नैतिकता और पूर्वाग्रह:
- Grok को "वोक" विचारधारा के विरोधी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जिससे यह कुछ विषयों पर पक्षपाती प्रतिक्रियाएं दे सकता है। भविष्य में, नैतिकता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए इसके प्रशिक्षण में विविधता और समावेशिता को शामिल करना महत्वपूर्ण होगा।
Grok AI से जुड़े संभावित खतरे और चुनौतियां (Threats and Challenges Of Grok AI)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
1. अनुचित और अपमानजनक प्रतिक्रियाएं
- Grok AI के 'नो-गार्डरेल' दृष्टिकोण के कारण, यह कभी-कभी गाली-गलौज या अनुचित भाषा का उपयोग करता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को असुविधा हो सकती है। उदाहरण के लिए, कुछ उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की है कि Grok AI ने उनके प्रश्नों के उत्तर में अभद्र भाषा का उपयोग किया।
2. भ्रामक और विवादास्पद जानकारी का प्रसार:
- Grok AI कभी-कभी गलत या विवादास्पद जानकारी प्रदान कर सकता है, जिससे उपयोगकर्ताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, इसने एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप को मृत्युदंड के योग्य बताया, जिससे विवाद खड़ा हुआ।
3. नैतिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता की कमी:
- Grok AI की प्रतिक्रियाएं सांस्कृतिक या नैतिक संवेदनशीलताओं का उल्लंघन कर सकती हैं, जिससे विभिन्न समुदायों में आक्रोश उत्पन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए, इसने गांधी और नेहरू से जुड़े सवालों पर ऐसे जवाब दिए, जिनसे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।
4. डेटा गोपनीयता और सुरक्षा चिंताएं:
- Grok AI उपयोगकर्ताओं के डेटा का संग्रह और विश्लेषण करता है, जिससे गोपनीयता संबंधी चिंताएं उत्पन्न होती हैं। उपयोगकर्ताओं की पोस्ट को AI प्रशिक्षण के लिए स्वचालित रूप से शामिल किया जाता है, जिससे डेटा सुरक्षा के मुद्दे सामने आते हैं।
5. पूर्वाग्रह और पक्षपात:
- Grok AI को 'वोक' विचारधारा के विरोधी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जिससे यह कुछ विषयों पर पक्षपाती प्रतिक्रियाएं दे सकता है। यह राजनीतिक या सामाजिक मुद्दों पर एकतरफा दृष्टिकोण प्रस्तुत कर सकता है, जिससे उपयोगकर्ताओं में गलतफहमी या विभाजन बढ़ सकता है।
मानव जीवन की निजता पर प्रभाव (Using Grok AI Impact on Privacy of Human Life)
Grok AI, एलन मस्क की कंपनी xAI द्वारा विकसित एक चैटबॉट, उपयोगकर्ताओं के डेटा का व्यापक उपयोग करता है, जिससे निजता संबंधी चिंताएं बढ़ती हैं। उपयोगकर्ताओं की पोस्ट और गतिविधियों को AI प्रशिक्षण के लिए एकत्र किया जाता है, जिससे उनकी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग या अनधिकृत उपयोग संभव है।
इसके अलावा, Grok AI की 'नो-गार्डरेल' नीति के कारण, उपयोगकर्ताओं को अप्रत्याशित या अनुचित प्रतिक्रियाएं मिल सकती हैं, जो उनकी मानसिक स्वास्थ्य और ऑनलाइन अनुभव को प्रभावित कर सकती हैं। आइए समझते हैं कि यह तकनीक किस प्रकार से उपयोगकर्ता की गोपनीयता के लिए खतरा बन सकती है।
1. डेटा संग्रहण और उपयोग:
Grok AI उपयोगकर्ताओं के साथ बातचीत के दौरान एकत्रित डेटा का उपयोग अपने मॉडल को प्रशिक्षित और सुधारने के लिए करता है। यह प्रक्रिया उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी, बातचीत की सामग्री, और व्यवहार संबंधी डेटा को शामिल कर सकती है। हालांकि, यह डेटा एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग करके सुरक्षित किया जाता है, लेकिन कोई भी एन्क्रिप्शन प्रणाली पूर्णतः सुरक्षित नहीं होती, जिससे डेटा उल्लंघन का खतरा बना रहता है।
2. स्वचालित सहभागिता:
Grok AI को X (पूर्व में ट्विटर) प्लेटफ़ॉर्म पर इस प्रकार एकीकृत किया गया है कि यह उपयोगकर्ताओं की पोस्ट के संदर्भ को समझकर स्वतः प्रतिक्रिया दे सकता है। यह सुविधा उपयोगकर्ताओं के पोस्ट और टिप्पणियों का विश्लेषण करती है, जिससे उनकी ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी और प्रोफाइलिंग की संभावना बढ़ जाती है।
3. डेटा प्रशिक्षण के लिए स्वचालित उपयोग:
X प्लेटफ़ॉर्म पर उपयोगकर्ताओं की पोस्ट को AI प्रशिक्षण के लिए स्वचालित रूप से शामिल किया जाता है, जिससे उनकी सहमति के बिना उनका डेटा मॉडल सुधार के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह प्रक्रिया यूरोपीय संघ के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) जैसे गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन कर सकती है।
4. उपयोगकर्ता नियंत्रण की कमी:
कई उपयोगकर्ता इस बात से अनजान होते हैं कि उनकी जानकारी AI मॉडल के प्रशिक्षण में उपयोग की जा रही है। हालांकि, कुछ प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ताओं को इस डेटा उपयोग को अक्षम करने का विकल्प प्रदान करते हैं, लेकिन इन सेटिंग्स की जानकारी और उपयोगिता सीमित हो सकती है।
5. संभावित दुरुपयोग:
यदि Grok AI द्वारा एकत्रित डेटा असुरक्षित हो जाता है या अनधिकृत व्यक्तियों के हाथों में पड़ता है, तो इसका दुरुपयोग किया जा सकता है, जिससे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसके अलावा, AI मॉडल में निहित पूर्वाग्रह और गलत जानकारी उपयोगकर्ताओं को गुमराह कर सकती है।
निजता की सुरक्षा के लिए सुझाव (Tips for Protecting Privacy)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
सेटिंग्स की समीक्षा करें:
उपयोगकर्ता अपनी गोपनीयता सेटिंग्स की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि उनका डेटा उनकी सहमति के बिना AI प्रशिक्षण के लिए उपयोग न हो।
संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें:
AI चैटबॉट्स के साथ बातचीत करते समय व्यक्तिगत या संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।
प्लेटफ़ॉर्म की नीतियों को समझें:
उपयोगकर्ताओं को प्लेटफ़ॉर्म की डेटा संग्रहण और उपयोग नीतियों को समझना चाहिए ताकि वे सूचित निर्णय ले सकें।Grok AI और इसी प्रकार के अन्य AI सिस्टम्स के उपयोग से पहले, उपयोगकर्ताओं को अपनी गोपनीयता की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना आवश्यक है। उचित सावधानियों के साथ, वे इन तकनीकों का सुरक्षित और प्रभावी उपयोग कर सकते हैं।