Disadvantages Of Overloading: ओवरलोडिंग करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, नहीं तो...
सड़कों पर अक्सर देखा जाता है कि बाइक या कार सवार एक शख्स अपने साथ कई लोगों को लेकर यात्रा करता है। ओवरलोडिंग से आपके वाहनों को कितना नुकसान पहुंच सकता है, जानिए-
Disadvantages Of Overloading: सड़कों पर अक्सर देखा जाता है कि बाइक या कार सवार एक शख्स अपने साथ कई लोगों को लेकर यात्रा करता है। आमतौर पर मोटरसाईकिल पर दो लोगों से अधिक के बैठने की क्षमता नहीं होती, लेकिन फिर भी समय और किराया बचाने के चक्कर में लोग इस तरह की चालाकी कर देते हैं। जो कई बार उनके लिए खतरनाक भी साबित होता है।
वहीं यदि चार पहिया वाहनों (कार) की बात करें तो चालक के अलावा आगे की सीट पर दो से तीन या कभी कभी तीन से भी अधिक लोग बैठे हुए देखे गए हैं। लोगों की ये सबसे बड़ी लापरवाही है और सड़क नियमों का उलंघन भी। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि ओवरलोडिंग से आपके वाहनों को कितना नुकसान पहुंच सकता है...
जल्दी खराब हो सकता है इंजन
वाहन में ओवरलोडिंग करने से सबसे अधिक असर उसके इंजन पर पड़ता है। वाहन की क्षमता से ज्यादा लोगों के सवार होने से इंजन अधिक गर्म हो जाता है और धिरे धिरे उसका माइलेज कम होने लगता है। वहीं लगातार ओवरलोडिंग करने के चलते कभी कभी इंजन के खराब होने की भी संभावना होती है।
बार-बार टायर पंक्चर होने की समस्या
किसी भी छोटे या बड़े वाहन के अहम पार्ट टायर्स ही होते हैं। ओवरलोडिंग से टायर्स पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे टायर्स जल्दी घिसते हैं और बार-बार उनके पंक्चर होने की भी समस्या देखी जाती है। वहीं टायर घिसने की वजह से जल्दी-जल्दी वाहन के टायर्स को भी बदलवाना पड़ता है।
सस्पेंशन टूटने का खतरा
कार में क्षमता से अधिक लोगों के बैठाने से कार के सस्पेंशन पर भी दबाव पड़ता है। जिससे यह कमजोर होने लगते हैं। वहीं लंबे समय तक यदि कार में ओवरलोडिंग हो रही है तो सस्पेंशन टूटने का भी खतरा बना रहता है, जिससे कोई भी अनहोनी हो सकती है। इसलिए कभी भी वहन में क्षमता से अधिक लोगों को लेकर यात्रा न करें।