Single Mobile Charging Port: यूरोप में नया नियम, सभी डिवाइस के लिए एक ही चार्जर, एप्पल को लगा झटका
Single Mobile Charging Port: यूरोप में 2024 से एक नया नियम लागू होगा जिसके तहत सभी मोबाइल फोन, टैबलेट और कैमरों के लिए एक समान मोबाइल चार्जिंग पोर्ट अनिवार्य होगा।
Lucknow: यूरोप (Europe) में 2024 से एक नया नियम लागू होगा जिसके तहत सभी मोबाइल फोन (mobile phone), टैबलेट और कैमरों के लिए एक समान मोबाइल चार्जिंग पोर्ट (mobile charging port) अनिवार्य होगा। दुनिया में पहली बार ये क्रांतिकारी पहल की गई है। इस नियम से सबसे बड़ा झटका एप्पल (Apple) को लगेगा क्योंकि वह अपनी डिवाइस के लिए सबसे अलग चार्जिंग पोर्ट बनाता है। अब एप्पल को यूरोप में बेचे जाने वाले अपने आईफ़ोन पर कनेक्टर बदलना होगा।
कंपनियों द्वारा एक आम समाधान तक पहुंचने में विफल रहने के बाद यूरोपियन यूनियन ने ये फैसला लिया है। यूरोपीय आयोग (The European Commission) ने कहा है कि नया नियम उपभोक्ताओं के लिए जीवन आसान बना देगा और उनके पैसे बचाएगा।
एकल मोबाइल चार्जिंग पोर्ट पर बेल्जियम भी जोर दे रहा
बेल्जियम एक दशक से अधिक समय से एकल मोबाइल चार्जिंग पोर्ट पर जोर दे रहा है। आईफोन और एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं की शिकायतें रही हैं कि उन्हें अपने उपकरणों के लिए अलग-अलग चार्जर पर इस्तेमाल करना पड़ता है।
आईफोन को लाइटनिंग केबल से चार्ज किया जाता है, जबकि एंड्रॉयड आधारित डिवाइस यूएसबी - सी -कनेक्टर का उपयोग करते हैं। यूरोपीय आयोग के 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, 2018 में मोबाइल फोन के साथ बिकने वाले आधे चार्जर में यूएसबी माइक्रो-बी कनेक्टर था, जबकि 29 फीसदी में यूएसबी-सी कनेक्टर और 21 फीसदी में लाइटनिंग कनेक्टर था।
यूएसबी टाइप-सी
यूरोपीय संसद ने एक बयान में कहा है कि 2024 के जाड़ों तक, यूएसबी टाइप-सी यूरोपीय संघ में सभी मोबाइल फोन, टैबलेट और कैमरों के लिए सामान्य चार्जिंग पोर्ट बन जाएगा। यूरोपीय संघ के उद्योग प्रमुख थियरी ब्रेटन ने कहा कि इस फैसले से उपभोक्ताओं के लिए लगभग 250 मिलियन यूरो (एक यूरो करीब 84 रुपये का) की बचत होगी। उन्होंने कहा कि यह वायरलेस चार्जिंग जैसी नई तकनीकों को उभरने की अनुमति देगा।
दूसरी ओर एप्पल ने चेतावनी दी है कि यूरोपियन यूनियन का प्रस्ताव इनोवेशन को नुकसान पहुंचाएगा और इलेक्ट्रॉनिक कचरे का पहाड़ बनाएगा। सांसद एलेक्स एगियस सलीबा ने कहा है कि - हमें गर्व है कि नए नियम के दायरे में लैपटॉप, ई-रीडर, ईयरबड्स, कीबोर्ड, कंप्यूटर माउस और पोर्टेबल नेविगेशन डिवाइस भी शामिल हैं। नए नियम के लागू होने के 40 महीने के भीतर लैपटॉप को भी इसका पालन करना होगा। नए नियम में ई-रीडर, ईयरबड्स और अन्य तकनीकें भी शामिल हैं जो सैमसंग, हुआवेई और अन्य डिवाइस निर्माताओं को प्रभावित करेंगी।
फ़ास्ट चार्जिंग गति को सुसंगत बनाया जाना चाहिए
फैसले में यह भी कहा गया है कि फ़ास्ट चार्जिंग गति (fast charging speed) को सुसंगत बनाया जाना चाहिए, ताकि लोग अपने उपकरणों को उसी गति से चार्ज करने की उम्मीद कर सकें, भले ही वे किसी चार्जर का उपयोग करें। इसके अलावा, कानून लोगों को यह चुनने की आज़ादी देगा कि चार्जर के साथ या बिना डिवाइस खरीदना है या नहीं, अगर उनके पास पहले से ही घर पर यूएसबी-सी चार्जर है तो उन्हें अधिक अनावश्यक सामान लेने से बचने की इजाजत मिलती है।
पता चला है कि एप्पल एक से दो साल के भीतर सभी आईफ़ोन को यूएसबी चार्जिंग वाला बनाने की तैयारी कर रहा है। इससे डेटा ट्रांसफर और चार्जिंग स्पीड में भी सुधार हो सकता है।
एक सार्वभौमिक चार्जर अनिवार्य (A Universal Charger Essentials)
एक सार्वभौमिक चार्जर अनिवार्य करने के लिए यूरोपीय संघ दस साल से लगा हुआ है। अनुमानों के अनुसार यूरोपीय उपभोक्ताओं को प्रति वर्ष 250 मिलियन यूरो तक की बचत होगी। यूरोपीय संघ का यह भी अनुमान है कि डिस्पोजेड और अप्रयुक्त चार्जर सालाना लगभग 11,000 टन ई-कचरे को पैदा करते हैं। उम्मीद है कि नया कानून इस आंकड़े को काफी कम कर देगा, उपभोक्ता तकनीक उद्योग को और अधिक टिकाऊ बनाने में मदद करेगा। अब अगला कदम यूनिवर्सल वायरलेस चार्जिंग का होगा।