ट्विटर और केंद्र में बढ़ा टकराव, नए आईटी नियमों पर सवालों के बाद सरकार की कड़ी नसीहत
Central government New Guidelines:केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई नई गाइडलाइंस पर सरकार और ट्विटर के बीच टकराव बढ़ गया है।
Central government New Guidelines : सोशल मीडिया (social media) के लिए केंद्र सरकार (central government) की ओर से बनाई गई नई गाइडलाइंस पर सरकार और ट्विटर (Twitter) के बीच टकराव बढ़ गया है। ट्विटर ने टूलकिट और नए आईटी नियमों पर पहली बार खुलकर अपना पक्ष रखते हुए पुलिस के जरिए डराने-धमकाने की रणनीति पर चिंता जताई है। ट्विटर का यह भी कहना है कि उसे भारत में काम करने वाले अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की आजादी पर पैदा होने वाले खतरों को लेकर चिंता है। सरकार की नई गाइडलाइंस का पालन करने के लिए ट्विटर ने तीन महीने का वक्त भी मांगा है।
दूसरी ओर केंद्र सरकार ने ट्विटर को सख्त नसीहत देते हुए कहा है कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को यह सिखाने की कोशिश न करें कि हमें क्या करना है। आईटी मंत्रालय का कहना है कि ट्विटर का जवाब दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश पर अपनी इच्छा थोपने की तरह है। सरकार ने ट्विटर को देश की नीतियां तय करने में दखल न देने की नसीहत भी दी है।
खुलकर बात नहीं रख सकेंगे लोग
ट्विटर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमें मुक्त संवाद में बाधा का डर सता रहा है। हम भारत में पुलिस द्वारा धमकाने और नए आईटी नियमों के कुछ मूल तत्वों को लेकर चिंतित और परेशान हैं। इससे लोगों को खुलकर अपनी बात रखने में बाधा पैदा हो सकती है। ट्विटर ने इस संबंध में सरकार के समक्ष अपनी बात रखने और बातचीत जारी रखने की भी घोषणा की है।
मंच पर अभिव्यक्ति की पूरी स्वतंत्रता
ट्विटर का कहना है कि हमारा प्लेटफार्म पूरी तरह लोगों को समर्पित है। कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने इस मंच के जरिए एक,-दूसरे की काफी मदद की है। ट्विटर का कहना है कि इस प्लेटफार्म पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अवसर उपलब्ध है। ट्विटर का यह भी कहना है कि सरकार की नई गाइडलाइंस का गहराई से अध्ययन किया जा रहा है और कानूनों का पालन करने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही ट्विटर ने सरकार से तीन महीने की मोहलत भी मांगी है।
सरकार का ट्विटर को कड़ा संदेश
दूसरी ओर सरकार की तरफ से ट्विटर को कड़ा संदेश दिया गया है। आईटी मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधियों और जनता से विस्तृत संवाद करने के बाद ही नए नियम बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट सहित कई अदालतों ने अपने आदेशों में सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइन बनाने का निर्देश दिया है। संसद में भी कई बार इस बाबत आवाज उठाई जा चुकी है।
आईटी मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि किसी भी देश के पास कानून और नीतियां बनाने का विशेषाधिकार है। टि्वटर सिर्फ एक सोशल मीडिया साइट है। भारत की कानूनी नीतियां तय करने में उसे दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। ट्विटर को अपने भ्रम और आडंबर से बाहर आकर देश के कानूनों का पालन करना चाहिए।
ट्विटर के दावे को गलत बताया
आईटी मंत्रालय का यह भी कहना है कि ट्विटर का यह दावा है कि वह भारतीयों के प्रति प्रतिबद्ध है। वैसे हाल के दिनों में उसके रवैये को देखा जाए तो उसका दावा पूरी तरह गलत साबित होता है। ट्विटर की ओर से जारी बयान को सरकार की ओर से पूरी तरह गलत और निराधार बताया गया है। सरकार का कहना है कि यदि ट्विटर के बयान को देखा जाए तो वह सरकार को बदनाम करने की कोशिश के सिवा कुछ नहीं है।
फेक जानकारी वाली पोस्ट रोकेगा फेसबुक
दूसरी ओर फेसबुक ने साफ किया है कि अब कंपनी फर्जी जानकारी देने वाली पोस्ट पर कार्रवाई करेगी। फेसबुक का कहना है कि वह ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा जो बार-बार फेक जानकारी प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हैं। कंपनी ने उन सभी सामग्रियों को इसमें शामिल करने की बात कही है जो गलत जानकारी फैलाती हैं।
फेसबुक का कहना है कि अब हमारी पूरी कोशिश इस बात पर होगी कि फेसबुक के जरिए गलत जानकारी ज्यादा लोगों तक न पहुंच पाए। अगर कोई व्यक्ति बार-बार गलत जानकारी शेयर करेगा तो उसके अकाउंट के सारे पोस्ट की रीच कम कर दी जाएगी।