Indore Famous Temple: इंदौर के इस मंदिर में रात में होती है देवी मां की पूजा, यहां जानें चमत्कार

Indore Famous Temple : हिंदू धर्म में देवी देवताओं के पूजन का खास महत्व माना गया है। कई ऐसे मंदिर है जो अपने चमत्कार के लिए पहचाने जाते हैं। चलिए आज एक ऐसे ही मंदिर के बारे में जानते हैं।

Update:2023-12-14 22:16 IST

ambe vali maa indore

Indore Famous Temple : इंदौर एक ऐसी जगह है जो अपने अलग-अलग स्थान के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यह शहर दिन प्रतिदिन अपनी पहचान कायम करता हुआ नजर आ रहा है। बेहतरीन पर्यटक स्थलों के अलावा अभी है सबसे साफ शहरों में पहले नंबर पर है और यहां के खाने-पीने की तो बात ही अलग है। मध्य प्रदेश आने वाले पर्यटक एक बार इंदौर जरूर जाते हैं और यहां के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद जरूर लेते हैं। यहां पर घूमने फिरने के लिए भी एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है। आज हम आपको इंदौर की एक ऐसी जगह के बारे में बताते हैं जहां पर रात 12:00 बजे माता की भक्ति की जाती है। जब आप इस मंदिर में पहुंचेंगे तो आपको भक्ति में लीन भक्त जय माता दी और जय हो माड़ी के नारे लगाते हुए दिखाई देंगे। ढोल नगाड़ों की आवाज के साथ यहां आने वाला हर भक्त मां अंबे की भक्ति में डूबा हुआ दिखाई देता है। यह एक ऐसी जगह है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां पर किसी की भी गोद सूनी नहीं रहती है। यहां जो भी अपनी मनोकामना लेकर पहुंचता है वह पूरी हो जाती है। चलिए आज आपको इस चमत्कारी मंदिर के बारे में बताते हैं।

भर जाती है सूनी गोद

इंदौर इस मंदिर में माता काली की पूजा की जाती है जो कि आम के पेड़ से प्रकट हुई है। यही वजह है कि इन्हें मां आम्बा के नाम से भी पहचाना जाता है। यहां रात 12:00 बजे भगवती की आरती की जाती है और जो लोग अपनी सूनी गोद लेकर यहां पहुंचते हैं उनकी गोद भर जाती है। माता रानी के आशीर्वाद से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। जो भक्त यहां अपनी मन्नत लेकर आते हैं वह यहां नारियल चढ़ाते हैं जिन्हें पेड़ पर चढ़ा दिया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक यहां पर भक्तों का मेला लगा रहता है और मंगलवार को एक विशेष आर्थिक आयोजन किया जाता है जिसमें शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में लोग यहां पर पहुंचते हैं।



भरी जाती है गोद

इस मंदिर से कुछ मान्यताएं भी जुड़ी हुई है। मान्यताओं के मुताबिक यहां आने वाले भक्तों की सूनी गोद माता के आशीर्वाद से भर जाती है। हर मंगलवार को होने वाली आरती से पहले यहां जो महिलाएं मन्नत लेकर आती हैं वह पुजारी को नारियल देती हैं और इसे लेकर कुछ नियम भी बनाए गए हैं। नियमों के मुताबिक मन्नत मांगने वाले को पांच मंगलवार मंदिर में हाजिरी लगानी होती है। अगर वह पांच मंगलवार तक हाजिरी लगाता है तो उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है।



लगती है उल्टी परिक्रमा

हर मंदिर में परिक्रमा लगाई जाती है और भगवान को प्रणाम किया जाता है। इस मंदिर में भी परिक्रमा लगाई जाने की परंपरा है लेकिन यहां पर परिक्रमा उल्टी लगाई जाती है। हम परिक्रमा लगाते हैं तो इसे उल्टे हाथ से शुरू करके सीधे हाथ की तरफ आते हैं लेकिन यहां पर सीधे हाथ से परिक्रमा शुरू की जाती है और उल्टे हाथ पर खत्म की जाती है। मन्नत मांगते समय लोग यहां पर उल्टा स्वास्तिक भी बनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग यहां पर उल्टी परिक्रमा लगाते हैं उनकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है।

नारियल से भंडारा

माता काली के इस दरबार में दूर-दूर से श्रद्धालु मन्नत लेकर पहुंचते हैं। जब वह यहां आते हैं तो नारियल चढ़ाते हैं। इन नारियलों को ना तो नदी में प्रवाहित किया जाता है और ना ही इन्हें प्रसाद के रूप में दिया जाता है बल्कि इन्हें पेड़ पर चढ़ा दिया जाता है। इसके बाद जब नवरात्रि में भंडारा होता है तो इन्हीं को चढ़कर भंडारे का प्रसाद बनाया जाता है जो भक्त ग्रहण करते हैं।



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