Dead Sea Interesting Facts: कभी नहीं डूब सकते आप यहाँ, डेड सी नाम के इस समुद्र का दिलचस्प रहस्य

Dead Sea Ka Itihas Aur Rahasya: मृत सागर जॉर्डन घाटी के पूर्वी किनारे और इज़राइल के पश्चिमी किनारे के बीच स्थित है।यह जॉर्डन नदी से जल प्राप्त करता है।यह समुद्र तक नहीं पहुँचता, इसलिए यह एक बंद झील है।

Written By :  AKshita Pidiha
Update:2024-12-26 16:58 IST

Dead Sea Ka Itihas Aur Rahasya (Photo - Social Media)

Dead Sea Ka Itihas in Hindi: मृत सागर, जिसे 'डेड सी' के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया के सबसे अद्भुत और रहस्यमय स्थलों में से एक है। यह न केवल अपने भौगोलिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपने अद्वितीय गुणों के कारण भी वैज्ञानिक और पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। मृत सागर का नाम सुनते ही इसके पानी की असाधारण लवणता और उसमें जीवन के अभाव की तस्वीर उभरती है। आइए विस्तार से समझते हैं मृत सागर के बारे में।मृत सागर पश्चिमी एशिया में स्थित है और यह दुनिया का सबसे निम्न स्थल (sea level से नीचे) है। यह एक खारे पानी की झील है, जो जॉर्डन और इज़राइल के बीच स्थित है। समुद्र स्तर से लगभग 430 मीटर नीचे स्थित होने के कारण इसे ‘पृथ्वी का सबसे निचला स्थल’ कहा जाता है।

मृत सागर का नाम और इसका इतिहास

मृत सागर का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें अत्यधिक लवणता के कारण कोई जीवित प्राणी, जैसे मछली या पौधे, जीवित नहीं रह सकते। हालाँकि, इसमें कुछ प्रकार के माइक्रोऑर्गेनिज्म और बैक्टीरिया पाए जाते हैं। लेकिन बड़े जलीय जीव यहाँ नहीं रहते।


बाइबिल और अन्य धार्मिक ग्रंथों में मृत सागर का उल्लेख मिलता है। इसे 'सोडोम और गोमोरा' की भूमि के पास स्थित बताया गया है।रोमन और ग्रीक इसे ‘लेक अस्फाल्टाइटिस’ कहते थे, क्योंकि यहाँ प्राकृतिक रूप से अस्फाल्ट (टार) पाया जाता है।मृत सागर का पहला विस्तृत उल्लेख प्राचीन ग्रीक और रोमन युग में हुआ। आधुनिक वैज्ञानिक अध्ययन 19वीं शताब्दी में शुरू हुए, जब यूरोपीय भूवैज्ञानिकों और अन्वेषकों ने इसका सर्वेक्षण किया।

मृत सागर की भौगोलिक संरचना

मृत सागर जॉर्डन घाटी के पूर्वी किनारे और इज़राइल के पश्चिमी किनारे के बीच स्थित है।यह जॉर्डन नदी से जल प्राप्त करता है।यह समुद्र तक नहीं पहुँचता, इसलिए यह एक बंद झील है। मृत सागर की लंबाई लगभग 50 किलोमीटर और चौड़ाई 15 किलोमीटर है।इसकी गहराई लगभग 300 मीटर तक होती है।


मृत सागर में नमक की मात्रा सामान्य समुद्री जल से लगभग 9 गुना अधिक है। इसकी लवणता 33 फीसदी है, जो इसे दुनिया की सबसे खारी झील बनाती है।

मृत सागर की अद्भुत विशेषताएँ

मृत सागर की उच्च लवणता के कारण, इसके पानी में तैरने वाले डूबते नहीं हैं। नमक के घनत्व के कारण शरीर को ऊपर उठाने वाली शक्ति इतनी अधिक होती है कि व्यक्ति आसानी से सतह पर तैर सकता है।मृत सागर के पानी और कीचड़ में कई प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, जिनका उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों और औषधियों में किया जाता है।


इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं।यहाँ का पानी त्वचा रोगों और जोड़ों के दर्द के लिए लाभकारी माना जाता है। यह क्षेत्र पूरे साल शुष्क और गर्म रहता है, जो इसे एक अद्वितीय जलवायु बनाता है।

मृत सागर का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

मृत सागर एक बंद झील है। यहाँ से पानी वाष्पीकरण के जरिए बाहर निकलता है। लेकिन लवण और खनिज झील में ही रह जाते हैं।उच्च तापमान के कारण पानी तेजी से वाष्पित होता है।जॉर्डन नदी और अन्य छोटे जल स्रोत झील को जल प्रदान करते हैं। लेकिन यहाँ से जल का कोई बाहरी निकास नहीं है।


मृत सागर में ऑक्सीजन की कमी और अत्यधिक लवणता के कारण यहाँ जीवों का जीवन असंभव है।केवल कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया और माइक्रोब यहाँ जीवित रहते हैं।मृत सागर का जल स्तर हर साल घट रहा है।जॉर्डन नदी से जल का अत्यधिक उपयोग और जलवायु परिवर्तन इसके संकुचन के मुख्य कारण हैं।वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि यह प्रक्रिया जारी रही, तो आने वाले कुछ दशकों में मृत सागर सूख सकता है।

मृत सागर के पीछे की कहानियाँ और पौराणिक महत्व

सोडोम और गोमोरा-बाइबिल के अनुसार, मृत सागर के पास स्थित सोडोम और गोमोरा नामक शहर ईश्वर के प्रकोप से नष्ट हो गए थे। ऐसा कहा जाता है कि उनकी राख मृत सागर के आसपास की भूमि में समा गई।


अलौकिक गुण-प्राचीन काल में लोग मानते थे कि मृत सागर के पानी में चमत्कारी उपचार के गुण हैं। इसके कीचड़ को भी औषधीय माना गया।

कहानियाँ और मिथक- मृत सागर को लेकर कई कहानियाँ प्रचलित हैं, जैसे कि यह एक ‘पापी भूमि’ थी, जिसे भगवान ने जल में डुबो दिया।

मृत सागर का मानव जीवन पर प्रभाव

मृत सागर दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसके पानी पर तैरने का अनुभव और औषधीय कीचड़ का उपयोग पर्यटन के प्रमुख आकर्षण हैं।यहाँ के खनिजों से बने उत्पाद विश्वभर में लोकप्रिय हैं।मृत सागर के खनिज और पर्यटन आसपास के देशों की अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं।

भविष्य और संरक्षण के उपाय - जॉर्डन नदी से मृत सागर में जल का प्रवाह बनाए रखने के उपाय किए जा रहे हैं।'रेड सी टू डेड सी' प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, जिसमें लाल सागर से पानी लाकर मृत सागर को भरने की योजना है।वैज्ञानिक और पर्यावरणविद जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए काम कर रहे हैं। मृत सागर के खनिजों के उपयोग में सततता को ध्यान में रखते हुए योजनाएँ बनाई जा रही हैं।


मृत सागर 51 किलोमीटर तक फैला हुआ है। सबसे चौड़ी जगह पर यह 18 किलोमीटर चौड़ा है।मृत सागर रेगिस्तान में स्थित है । वर्षा कम और अनियमित होती है। मृत सागर में नमक की इतनी अधिक मात्रा है कि इसकी रेत और चट्टानों पर भी नमक की मोटी परतें जमी रहती हैं। सोडियम क्लोराइड की उपस्थिति के कारण ये परतें चमकती हुई दिखाई देती हैं, जो इसे बेहद आकर्षक बनाती हैं। यहाँ की मिट्टी में त्वचा के लिए लाभकारी कई तत्व, जैसे हाईऐल्युरोनिक एसिड और विभिन्न खनिज पाए जाते हैं। यही कारण है कि लोग यहाँ न केवल बिना प्रयास के तैरने का अनोखा अनुभव लेने, बल्कि इसके औषधीय गुणों का लाभ उठाने के लिए भी आते हैं।

मृत सागर कई कारणों से एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जिनमें से एक इसका औषधीय महत्व है। मृत सागर के पानी में 26 लाभकारी खनिज पाए जाते हैं। यहाँ की हवा में दुनिया के अन्य स्थानों की तुलना में बहुत कम मात्रा में धूल और एलर्जेन मौजूद होते हैं।


समुद्र में डुबकी लगाने और आसपास के स्पा रिसॉर्ट्स में सल्फर-युक्त जलाशयों में स्नान करने के अलावा, कई लोग इसके किनारों पर पाई जाने वाली काली मिट्टी को अपने शरीर पर लगाते हैं, जिसे विभिन्न त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत देने वाला कहा जाता है।

मृत सागर केवल एक खारे पानी की झील नहीं है, बल्कि यह प्राकृतिक, ऐतिहासिक और वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अद्भुत गुण और उससे जुड़े रहस्य इसे विश्व का एक अनमोल खजाना बनाते हैं। हालाँकि, इसके संरक्षण के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता है ताकि यह अद्भुत स्थल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बना रहे।

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